ETV Bharat / state

बागेश्वर में लंपी वायरस का संदिग्ध केस, बाहरी जिलों के पशुओं लाने पर दिखाना होगा प्रमाण पत्र

author img

By

Published : Sep 29, 2022, 5:33 PM IST

बागेश्वर में एक गोवंश में लंपी बीमारी से मिलते लक्षण मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने सैंपल जांच को भेज दिया है. पशुओं को लंपी वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए गोट पॉक्स टीकाकरण अभियान भी तेज कर दिया गया है. 10 टीमें जिले के सीमावर्ती गांवों में पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं. अब तक करीब 1500 जानवरों को टीके लगा भी दिए गए हैं.

bageshwar
बागेश्वर

बागेश्वर: लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क है. 18 सितंबर से पशुओं के टीकाकरण का कार्य शुरु करने के साथ ही पशुओं की बीमारियों की जानकारी भी जुटाई जा रही हैं. बागेश्वर और गरुड़ के सीमावर्ती इलाकों में 10 टीमें टीकाकरण में जुटी हैं. पिछले 11 दिनों में 1500 पशुओं का टीकाकरण कराया जा चुका है. जिले में करीब 1 लाख 7 हजार पशु हैं. विभाग सीमावर्ती इलाकों के पशुओं का टीकाकरण पहले कर रहा है.

पशु चिकिसाधिकारी डॉ रविंद्र चंद्र (Veterinary Officer Dr Ravindra Chandra) ने बताया की लंपी संक्रमण होने पर पशुओं के मुंह से लार और नाक से पानी निकलने लगता है. पशु की त्वचा पर उभरे दाने या सूजन की गांठ हो जाती और वह तेज बुखार से ग्रसित हो जाता है. पशु को आहार लेने में परेशानी होती है और दूध उत्पादन भी कमी आ जाती है. लंपी तेजी से फैलने वाला वायरस है. प्रारंभिक लक्षण दिखते ही उपचार शुरु करने पर पशुओं को जल्द बीमारी से निजात दिलाई जा सकती है.

बागेश्वर में लंपी वायरस का संदिग्ध केस आने से पशुपालन विभाग सतर्क.

उन्होंने लक्षण दिखने पर त्वरित रूप से पशु चिकित्सक को जानकारी देने को कहा और उसके बचाव को लेकर विभिन्न जानकारियां भी दी. उन्होंने बताया की लंपी तेजी से फैलता है. हालांकि, इसकी मृत्यु दर कम है. पशु में बीमारी के लक्षण दिखते ही नजदीकी पशु चिकित्सालय को सबसे पहले सूचना देनी चाहिए. चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही बीमार जानवर का ख्याल रखे जाने की बात कही है.
पढ़ें- गोपाल मणि महाराज ने लंपी वायरस को बताया चीन की साजिश, गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग

पशुपालन विभाग ने बगैर प्रमाण पत्र के बाहरी पशु को जिले में लाने पर रोक लगा दी है. जिले में बाहर से लाए जाने वाले पशुओं को सीमा पर चेकिंग की जाएगी. स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही पशु को जिले में लाने और परिवहन की अनुमति मिलेगी. वहीं, नगर निकायों और जिला पंचायतों को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में मक्खी और मच्छरों को खत्म करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव और फागिंग करने के निर्देश दिए हैं.

बागेश्वर: लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क है. 18 सितंबर से पशुओं के टीकाकरण का कार्य शुरु करने के साथ ही पशुओं की बीमारियों की जानकारी भी जुटाई जा रही हैं. बागेश्वर और गरुड़ के सीमावर्ती इलाकों में 10 टीमें टीकाकरण में जुटी हैं. पिछले 11 दिनों में 1500 पशुओं का टीकाकरण कराया जा चुका है. जिले में करीब 1 लाख 7 हजार पशु हैं. विभाग सीमावर्ती इलाकों के पशुओं का टीकाकरण पहले कर रहा है.

पशु चिकिसाधिकारी डॉ रविंद्र चंद्र (Veterinary Officer Dr Ravindra Chandra) ने बताया की लंपी संक्रमण होने पर पशुओं के मुंह से लार और नाक से पानी निकलने लगता है. पशु की त्वचा पर उभरे दाने या सूजन की गांठ हो जाती और वह तेज बुखार से ग्रसित हो जाता है. पशु को आहार लेने में परेशानी होती है और दूध उत्पादन भी कमी आ जाती है. लंपी तेजी से फैलने वाला वायरस है. प्रारंभिक लक्षण दिखते ही उपचार शुरु करने पर पशुओं को जल्द बीमारी से निजात दिलाई जा सकती है.

बागेश्वर में लंपी वायरस का संदिग्ध केस आने से पशुपालन विभाग सतर्क.

उन्होंने लक्षण दिखने पर त्वरित रूप से पशु चिकित्सक को जानकारी देने को कहा और उसके बचाव को लेकर विभिन्न जानकारियां भी दी. उन्होंने बताया की लंपी तेजी से फैलता है. हालांकि, इसकी मृत्यु दर कम है. पशु में बीमारी के लक्षण दिखते ही नजदीकी पशु चिकित्सालय को सबसे पहले सूचना देनी चाहिए. चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही बीमार जानवर का ख्याल रखे जाने की बात कही है.
पढ़ें- गोपाल मणि महाराज ने लंपी वायरस को बताया चीन की साजिश, गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग

पशुपालन विभाग ने बगैर प्रमाण पत्र के बाहरी पशु को जिले में लाने पर रोक लगा दी है. जिले में बाहर से लाए जाने वाले पशुओं को सीमा पर चेकिंग की जाएगी. स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही पशु को जिले में लाने और परिवहन की अनुमति मिलेगी. वहीं, नगर निकायों और जिला पंचायतों को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में मक्खी और मच्छरों को खत्म करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव और फागिंग करने के निर्देश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.