बागेश्वरः प्रदेश में स्मैक का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पहाड़ के युवा भी इसके आदी हो चुके हैं. कम समय में ज्यादा रुपये कमाने के लालच में बेरोजगार युवा स्मैक तस्करी के दलदल में तेजी से फंस रहे हैं. जिससे पहाड़ की जवानी तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रही है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पहुंच रही स्मैक सभी के लिए चिंता का विषय बन गई है.
गौर हो कि, बीते अगस्त महीने में पुलिस ने दो युवाओं को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस की पूछताछ में युवकों ने कई खुलासे किए हैं. युवकों का कहना है कि अपने शौक को पूरा करने के लिए वे लंबे समय से स्मैक की तस्करी करते थे. वे हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मैक लाकर बागेश्वर के अलग-अलग स्थानों पर युवाओं को बेचते थे.
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहाड़ों तक स्मैक का पहुंचना बेहद चिंता का विषय है. पुलिस को स्मैक सप्लाई करने वालों पर शिकंजा कसना चाहिए. तभी स्मैक की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि पुलिस को तस्करी करने वाले मुख्य गिरोह तक पहुंचना चाहिए. जिससे इस काले कारोबार पर रोक लगाई जा सके.
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वहीं, एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि स्मैक की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. जिले में एडीटीएफ का गठन किया गया है. एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स बेहतरीन कार्य कर रही है. साथ ही कहा कि पुलिस का चेकिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा.
उधर, मामले पर जिला अस्पताल डॉक्टर अब्बास का कहना है स्मैक के आदी होने के बाद स्मैक नहीं मिलने पर उनमें मानसिक अस्थिरता पैदा होने लगती है. इस स्थिति में वो व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है. खास कर युवा पीढ़ी ज्यादा आदी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मैक जानलेवा है. इसके प्रयोग से बचना चाहिए.