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जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में युवा कर रहे काला कारोबार, बर्बाद हो रही पहाड़ की जवानी

बागेश्वर जिले में बेरोजगार युवा ज्यादा पैसा कमाने की लालच में स्मैक तस्करी की दलदल में फंसते जा रहे हैं. तस्कर हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मैक लाकर बागेश्वर के अलग-अलग स्थानों पर युवाओं को बेच रहे हैं.

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Published : Sep 4, 2019, 11:23 PM IST

smack smuggling

बागेश्वरः प्रदेश में स्मैक का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पहाड़ के युवा भी इसके आदी हो चुके हैं. कम समय में ज्यादा रुपये कमाने के लालच में बेरोजगार युवा स्मैक तस्करी के दलदल में तेजी से फंस रहे हैं. जिससे पहाड़ की जवानी तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रही है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पहुंच रही स्मैक सभी के लिए चिंता का विषय बन गई है.

स्मैक तस्करी की दलदल में फंस रहे युवा.

गौर हो कि, बीते अगस्त महीने में पुलिस ने दो युवाओं को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस की पूछताछ में युवकों ने कई खुलासे किए हैं. युवकों का कहना है कि अपने शौक को पूरा करने के लिए वे लंबे समय से स्मैक की तस्करी करते थे. वे हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मैक लाकर बागेश्वर के अलग-अलग स्थानों पर युवाओं को बेचते थे.

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहाड़ों तक स्मैक का पहुंचना बेहद चिंता का विषय है. पुलिस को स्मैक सप्लाई करने वालों पर शिकंजा कसना चाहिए. तभी स्मैक की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि पुलिस को तस्करी करने वाले मुख्य गिरोह तक पहुंचना चाहिए. जिससे इस काले कारोबार पर रोक लगाई जा सके.

ये भी पढे़ंः सावधान! दूध की जगह पी रहे हैं सफेद जहर, हो सकता है कैंसर जैसी घातक बीमारी

वहीं, एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि स्मैक की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. जिले में एडीटीएफ का गठन किया गया है. एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स बेहतरीन कार्य कर रही है. साथ ही कहा कि पुलिस का चेकिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा.

उधर, मामले पर जिला अस्पताल डॉक्टर अब्बास का कहना है स्मैक के आदी होने के बाद स्मैक नहीं मिलने पर उनमें मानसिक अस्थिरता पैदा होने लगती है. इस स्थिति में वो व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है. खास कर युवा पीढ़ी ज्यादा आदी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मैक जानलेवा है. इसके प्रयोग से बचना चाहिए.

बागेश्वरः प्रदेश में स्मैक का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पहाड़ के युवा भी इसके आदी हो चुके हैं. कम समय में ज्यादा रुपये कमाने के लालच में बेरोजगार युवा स्मैक तस्करी के दलदल में तेजी से फंस रहे हैं. जिससे पहाड़ की जवानी तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रही है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पहुंच रही स्मैक सभी के लिए चिंता का विषय बन गई है.

स्मैक तस्करी की दलदल में फंस रहे युवा.

गौर हो कि, बीते अगस्त महीने में पुलिस ने दो युवाओं को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस की पूछताछ में युवकों ने कई खुलासे किए हैं. युवकों का कहना है कि अपने शौक को पूरा करने के लिए वे लंबे समय से स्मैक की तस्करी करते थे. वे हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मैक लाकर बागेश्वर के अलग-अलग स्थानों पर युवाओं को बेचते थे.

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहाड़ों तक स्मैक का पहुंचना बेहद चिंता का विषय है. पुलिस को स्मैक सप्लाई करने वालों पर शिकंजा कसना चाहिए. तभी स्मैक की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि पुलिस को तस्करी करने वाले मुख्य गिरोह तक पहुंचना चाहिए. जिससे इस काले कारोबार पर रोक लगाई जा सके.

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वहीं, एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि स्मैक की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. जिले में एडीटीएफ का गठन किया गया है. एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स बेहतरीन कार्य कर रही है. साथ ही कहा कि पुलिस का चेकिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा.

उधर, मामले पर जिला अस्पताल डॉक्टर अब्बास का कहना है स्मैक के आदी होने के बाद स्मैक नहीं मिलने पर उनमें मानसिक अस्थिरता पैदा होने लगती है. इस स्थिति में वो व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है. खास कर युवा पीढ़ी ज्यादा आदी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्मैक जानलेवा है. इसके प्रयोग से बचना चाहिए.

Intro:एंकर- मैदानी क्षेत्रों के बाद अब तेजी से स्मेक की तस्करी पहाड़ी क्षेत्रों में भी पावँ पसार रही है। कम समय में अधिक रुपये का लालच दे कर बेरोजगार युवाओं को स्मेक तस्करी के इस दलदल में तेजी से फंसाया जा रहा है। जिससे पहाड़ की जवानी तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रही है। जिले में अगस्त माह में दो युवा स्मेक तस्करी में पकड़े जा चुके हैं।

वीओ 1- पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पहुंच रही स्मेक सभी के लिए चिंता का विषय बन गयी है। मामला इस लिए भी गंभीर है क्योंकि नौजवान युवाओं का एक बड़ा समूह स्मेक की गिरफ्त में आ चुका है। इन युवाओं की उम्र जिस समय पड़ने- लिखने की है उस समय ये युवा स्मेक तस्करी के दलदल में खिंचे जा रहे हैं। ये युवा स्कूली बच्चों और कॉलेजों तक स्मेक की तस्करी कर रहे हैं। जिले में लंबे समय से स्मेक की तस्करी होने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। पुलिस ने तस्करों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया। जिसमे पिछले महीने पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने दो युवाओं को स्मेक के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को पकड़े गए युवकों से हुई पूछताछ में गंभीर बातें सामने आई हैं। युवकों का कहना है कि अपने शौक पूरे करने के लिए वे लंबे समय से स्मेक की तस्करी करते थे। उन्होंने बताया कि वे हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मेक ला कर बागेश्वर के अलग - अलग जगहों पर युवाओं को स्मेक बेचते थे। एसपी का कहना है कि स्मेक की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। जिले में एडीटीएफ का गठन किया गया है। एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बहतरीन कार्य कर रही है। पुलिस का यह अभियान जारी रहेगा।

वीओ 2- वहीं सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि पहाड़ों तक स्मेक का पहुंचना दुखद है। पुलिस ने स्मेक सप्लाय करने वालों पर भी शिकंजा कसना चाहिए। तभी स्मेक की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अभी तक केवल कम मात्रा में स्मेक लाने वालों को ही पकड़ा है जबकि पुलिस इनके माध्यम से तस्करी करने वाले मुख्य गिरोह तक पहुंच सकती है। पुलिस को चाहिए कि स्मेक की तस्करी को रोकने के लिए सरगनाओं पर शिकंजा कसे।

वीओ 3- वहीं डॉक्टरों का कहना है कि स्मेक लेने वाले इसके आदि हो जाते हैं। अगर एडिक्ट को स्मेक नहीं मिली तो उसमें मानसिक अस्थिरता पैदा होने लगती है। इस स्थिति में वह व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है। खास कर युवा पीढ़ी इसकी ज्यादा आदि हो रही है। उन्होंने कहा कि स्मेक जानलेवा है, इसके प्रयोग से बचें।

बाईट 01- पंकज पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता बागेश्वर।
बाईट 02- रमेश कृषक, सामाजिक कार्यकर्ता बागेश्वर।
बाईट 03- डॉ. अब्बास, फिजिशियन जिला अस्पताल बागेश्वर।
बाईट 04- प्रीति प्रियदर्शिनी, एसपी बागेश्वर।

विज्वल- फ़ाइल फुटेज।Body:वीओ 1- पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पहुंच रही स्मेक सभी के लिए चिंता का विषय बन गयी है। मामला इस लिए भी गंभीर है क्योंकि नौजवान युवाओं का एक बड़ा समूह स्मेक की गिरफ्त में आ चुका है। इन युवाओं की उम्र जिस समय पड़ने- लिखने की है उस समय ये युवा स्मेक तस्करी के दलदल में खिंचे जा रहे हैं। ये युवा स्कूली बच्चों और कॉलेजों तक स्मेक की तस्करी कर रहे हैं। जिले में लंबे समय से स्मेक की तस्करी होने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। पुलिस ने तस्करों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया। जिसमे पिछले महीने पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने दो युवाओं को स्मेक के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को पकड़े गए युवकों से हुई पूछताछ में गंभीर बातें सामने आई हैं। युवकों का कहना है कि अपने शौक पूरे करने के लिए वे लंबे समय से स्मेक की तस्करी करते थे। उन्होंने बताया कि वे हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर से स्मेक ला कर बागेश्वर के अलग - अलग जगहों पर युवाओं को स्मेक बेचते थे। एसपी का कहना है कि स्मेक की तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। जिले में एडीटीएफ का गठन किया गया है। एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बहतरीन कार्य कर रही है। पुलिस का यह अभियान जारी रहेगा।

वीओ 2- वहीं सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि पहाड़ों तक स्मेक का पहुंचना दुखद है। पुलिस ने स्मेक सप्लाय करने वालों पर भी शिकंजा कसना चाहिए। तभी स्मेक की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अभी तक केवल कम मात्रा में स्मेक लाने वालों को ही पकड़ा है जबकि पुलिस इनके माध्यम से तस्करी करने वाले मुख्य गिरोह तक पहुंच सकती है। पुलिस को चाहिए कि स्मेक की तस्करी को रोकने के लिए सरगनाओं पर शिकंजा कसे।

वीओ 3- वहीं डॉक्टरों का कहना है कि स्मेक लेने वाले इसके आदि हो जाते हैं। अगर एडिक्ट को स्मेक नहीं मिली तो उसमें मानसिक अस्थिरता पैदा होने लगती है। इस स्थिति में वह व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है। खास कर युवा पीढ़ी इसकी ज्यादा आदि हो रही है। उन्होंने कहा कि स्मेक जानलेवा है, इसके प्रयोग से बचें।

बाईट 01- पंकज पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता बागेश्वर।
बाईट 02- रमेश कृषक, सामाजिक कार्यकर्ता बागेश्वर।
बाईट 03- डॉ. अब्बास, फिजिशियन जिला अस्पताल बागेश्वर।
बाईट 04- प्रीति प्रियदर्शिनी, एसपी बागेश्वर।

विज्वल- फ़ाइल फुटेज।Conclusion:
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