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बागेश्वर में हड़ताल पर पर्यावरण मित्र, सफाई व्यवस्था ठप

बागेश्वर के सफाई कर्मचारी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं पूर्व पालिका अध्यक्ष ने भी सफाई कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है.

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Published : Jul 23, 2021, 4:46 PM IST

Bageshwar
बागेश्वर

बागेश्वरः जिले के पर्यावरण मित्र अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इस कारण पूरे जिले में सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं.

वहीं, पूर्व पालिका अध्यक्ष गीता रावल ने भी पर्यावरण मित्रों को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने भी सरकार से जल्द उनकी सभी मांगें मानने की अपील की है. कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. कर्मचारियों ने भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है.

प्रमुख मांगेंः स्थानीय निकायों, सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कालेजों, शैक्षिक संस्थानों और विभागों में सफाई कार्य में लागू ठेका प्रथा समाप्त की जाए. सफाई कर्मियों के पदों पर आउट सोर्सिंग से नियुक्ति न दी जाए. सफाई कर्मियों के पदों पर नियमित नियुक्ति हो. 10 हजार जनसंख्या के मानक पर 28 सफाई कर्मचारियों, वाहन चालकों की तैनाती की जाए.

ये भी पढ़ेंः अनोखा प्रदर्शन: लोगों ने सड़क पर धान रोपाई कर जताया विरोध, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

प्रमुख मांगेंः पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक, चालक पदों पर पदोन्नति भी मिले. साल 2005 से बंद की गई पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए. सफाई कर्मियों का जीवन और स्वास्थ्य बीमा करने, निकाय कर्मियों को सरकारी कर्मियों की तरह भत्ते दिए जाएं. निकाय क्षेत्र में आवासों में रह रहे सफाई कर्मियों को आवासों पर मालिकाना हक मिले. पर्यावरण मित्र पदनाम को संशोधित कर सफाई सैनिक किया जाए.

बागेश्वरः जिले के पर्यावरण मित्र अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इस कारण पूरे जिले में सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं.

वहीं, पूर्व पालिका अध्यक्ष गीता रावल ने भी पर्यावरण मित्रों को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने भी सरकार से जल्द उनकी सभी मांगें मानने की अपील की है. कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. कर्मचारियों ने भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है.

प्रमुख मांगेंः स्थानीय निकायों, सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कालेजों, शैक्षिक संस्थानों और विभागों में सफाई कार्य में लागू ठेका प्रथा समाप्त की जाए. सफाई कर्मियों के पदों पर आउट सोर्सिंग से नियुक्ति न दी जाए. सफाई कर्मियों के पदों पर नियमित नियुक्ति हो. 10 हजार जनसंख्या के मानक पर 28 सफाई कर्मचारियों, वाहन चालकों की तैनाती की जाए.

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प्रमुख मांगेंः पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक, चालक पदों पर पदोन्नति भी मिले. साल 2005 से बंद की गई पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए. सफाई कर्मियों का जीवन और स्वास्थ्य बीमा करने, निकाय कर्मियों को सरकारी कर्मियों की तरह भत्ते दिए जाएं. निकाय क्षेत्र में आवासों में रह रहे सफाई कर्मियों को आवासों पर मालिकाना हक मिले. पर्यावरण मित्र पदनाम को संशोधित कर सफाई सैनिक किया जाए.

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