बागेश्वर: तहसील परिसर में संघर्ष समिति के सदस्यों ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन निर्माण की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. इस दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों ने सामरिक महत्व के रेल मार्ग का जल्द निर्माण कराने की मांग की.
संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में पदाधिकारियों और सदस्यों ने रविवार को सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान अध्यक्ष दफौटी ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग का निर्माण साल 1882 में प्रस्तावित हुआ था और साल 1912 में इसका सर्वे हुआ था. इसके बावजूद आज तक इस रेल लाइन का निर्माण नहीं हो पाया है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूूर्ण है.
उन्होंने कहा कि सरकारें रेल लाइन बनाने के बजाय सर्वे कराने तक ही सीमित रह गई हैं. साल 1980 से 2010 तक 4 बार रेल लाइन का सर्वे किया गया. साल 2011-12 में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना में शामिल करने के बावजूद रेल लाइन का सपना आज तक पूरा नहीं हो सका.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजन मुखर, प्रदर्शन कर जताया विरोध
अध्यक्ष नीमा दफौटी ने बताया कि साल 2018-19 में सरकार ने फिर से रेल लाइन का सर्वे कराया, लेकिन निर्माण कार्य अभीतक शुरू नहीं हो पाया है. वहीं, संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सामरिक महत्व की रेल लाइन की बार-बार अनदेखी की जा रही है.
सदस्यों न कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन अंग्रेजों के शासन काल में प्रस्तावित इस रेल लाइन की उपेक्षा की जा रही है, जो कि सरासर गलत है. सदस्यों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार बजट आवंटन कर रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरु नहीं कराएगी तब तक संघर्ष समिति का संघर्ष जारी रहेगा.