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सेवानिवृत्त कर्मचारी के निधन के दो दिन बाद आई RT-PCR रिपोर्ट

बागेश्वर में एक बार फिर से आरटी-पीसीआर रिपोर्ट देरी से आने का मामला सामने आया है. यहां एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत होने के बाद उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट आई है.

कोरोना संक्रमण
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Published : May 22, 2021, 2:10 PM IST

बागेश्वर: कोरोना की जांच के लिए की जा रही आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग रहा है. इस दौरान यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तब तक संक्रमण कई लोगों में फैल चुका होता है.

कुछ ऐसी ही घटना हुई सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ जिनके निधन के दो दिन बाद उनकी आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. हालांकि उन्होंने एहतियात बरतते हुए एक्सरे कराकर डॉक्टरों की सलाह पर कोविड केयर सेंटर में भर्ती भी हो गए थे. लेकिन उनके परिवार के लोगों को अब तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है.

जिला मुख्यालय के रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी को बुखार की शिकायत थी. उन्होंने जिला अस्पताल में जांच कराई थी. डॉक्टरों के कहने पर उन्होंने आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया और एक्स-रे भी करवा लिया. एक्स-रे की रिपोर्ट के आधार पर उनमें कोरोना के लक्षण पाए गए और डॉक्टरों ने उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवा दिया था. जहां विगत 17 मई को उनका निधन हो गया. उनके निधन के दो दिन बाद यानी 19 मई को उनके मोबाइल पर उनके कोरोना संक्रमित होने का मैसेज आया.

वहीं कर्मचारी के संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने भी आरटी-पीसीआर जांच करवाई थी, जिसकी रिपोर्ट अब तक उन्हें नहीं मिली है. ऐसे में परिवार के सदस्यों में संक्रमण को लेकर आशंका बनी हुई है. आरटी-पीसीआर कराने के बाद जांच रिपोर्ट आने में देरी से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

पढ़ें: केदारनाथ धाम में मौसम हुआ साफ, स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस

समाजिक कार्यकर्ता का ग्रामीणों पर लापरवाही का आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर पांडेय कहते हैं कि जांच के बाद विभाग लोगों को होम आइसोलेशन में भेज रहा है. इस दौरान गांवों में कई लोग एक-दो दिनों तक नियम पालन करते हैं, जिसके बाद वह घूमने लगते हैं. जांच रिपोर्ट आने तक वह कई लोगों से मिल चुका होता है. ऐसे में अगर वह संक्रमित पाया जाता है, तो कई अन्य को भी संक्रमित कर चुका होता है.

सीएमओ डॉ. बीडी जोशी ये बोले

सीएमओ डॉ. बीडी जोशी ने कहा ‌कि आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में कुछ समय लग रहा है. जिले से 16 मई तक भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आ चुकी है. कुछ निजी लैब से रिपोर्ट आने में अधिक समय लग रहा है. आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी को देखते हुए अब रैपिड एंटीजन जांच शुरु कर दी गई है. रैपिड टेस्ट में संशय होने पर ही आरटी-पीसीआर जांच कराई जा रही है.

बागेश्वर: कोरोना की जांच के लिए की जा रही आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग रहा है. इस दौरान यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तब तक संक्रमण कई लोगों में फैल चुका होता है.

कुछ ऐसी ही घटना हुई सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ जिनके निधन के दो दिन बाद उनकी आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. हालांकि उन्होंने एहतियात बरतते हुए एक्सरे कराकर डॉक्टरों की सलाह पर कोविड केयर सेंटर में भर्ती भी हो गए थे. लेकिन उनके परिवार के लोगों को अब तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है.

जिला मुख्यालय के रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी को बुखार की शिकायत थी. उन्होंने जिला अस्पताल में जांच कराई थी. डॉक्टरों के कहने पर उन्होंने आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया और एक्स-रे भी करवा लिया. एक्स-रे की रिपोर्ट के आधार पर उनमें कोरोना के लक्षण पाए गए और डॉक्टरों ने उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवा दिया था. जहां विगत 17 मई को उनका निधन हो गया. उनके निधन के दो दिन बाद यानी 19 मई को उनके मोबाइल पर उनके कोरोना संक्रमित होने का मैसेज आया.

वहीं कर्मचारी के संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने भी आरटी-पीसीआर जांच करवाई थी, जिसकी रिपोर्ट अब तक उन्हें नहीं मिली है. ऐसे में परिवार के सदस्यों में संक्रमण को लेकर आशंका बनी हुई है. आरटी-पीसीआर कराने के बाद जांच रिपोर्ट आने में देरी से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

पढ़ें: केदारनाथ धाम में मौसम हुआ साफ, स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस

समाजिक कार्यकर्ता का ग्रामीणों पर लापरवाही का आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर पांडेय कहते हैं कि जांच के बाद विभाग लोगों को होम आइसोलेशन में भेज रहा है. इस दौरान गांवों में कई लोग एक-दो दिनों तक नियम पालन करते हैं, जिसके बाद वह घूमने लगते हैं. जांच रिपोर्ट आने तक वह कई लोगों से मिल चुका होता है. ऐसे में अगर वह संक्रमित पाया जाता है, तो कई अन्य को भी संक्रमित कर चुका होता है.

सीएमओ डॉ. बीडी जोशी ये बोले

सीएमओ डॉ. बीडी जोशी ने कहा ‌कि आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में कुछ समय लग रहा है. जिले से 16 मई तक भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आ चुकी है. कुछ निजी लैब से रिपोर्ट आने में अधिक समय लग रहा है. आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी को देखते हुए अब रैपिड एंटीजन जांच शुरु कर दी गई है. रैपिड टेस्ट में संशय होने पर ही आरटी-पीसीआर जांच कराई जा रही है.

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