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प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर जुटे बुद्धिजीवी, कहा- विकास की ओर हो विज्ञान का उपयोग - District Education and Training Institute

भौतिक विज्ञानी, शिक्षाविद और कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने डाइट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए.

डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर डाइट में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम.
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Published : May 25, 2019, 10:15 PM IST

Updated : May 25, 2019, 11:15 PM IST

बागेश्वर: नगर में प्रख्यात भौतिक विज्ञानी, शिक्षाविद और कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने डाइट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए. इस दौरान प्रख्यात गांधीवादी चिंतक राधा भट्ट मुख्य अतिथि रही.

जानकारी देती अध्यक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान राधा भट्ट.

बता दें कि कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरपी बहुगुणा, प्रो. प्रकाश उपाध्याय, चंदन डांगी, प्रो. लक्ष्मण बिष्ट और राजीव लोचन साह मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान सभी ने एकमत हो कहा कि विज्ञान ने दुनिया में समाज का स्तर बढ़ाया है, इसका उपयोग विनाश के बजाय विकास की ओर होना चाहिए.

वहीं राधा भट्ट ने कहा कि हमारा अस्तित्व समाज में है और विज्ञान की भूमिका किस ओर होनी चाहिए ये समाज को तय करना है. उन्होंने कुलपति डीडी पंत को समाज सुधारक बताते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं.

इस मौके पर इतिहासकार पद्मश्री प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि गांधीजी के विचारों को आज भी दुनिया अपना आर्दश मानती है. उन्होंने कहा कि विज्ञान को पहले समाज समझ ले कि क्या पोषक है और क्या मारक, तभी विज्ञान का पोषकरूप सर्वहित में होगा. उन्होंने कहा कि गांधीजी भी कभी विज्ञान के खिलाफ नहीं रहे. गांधीजी का कहना था कि विज्ञान का मानवीयकरण हो तो वो समाज के लिए फायदेमंद होगा.

बागेश्वर: नगर में प्रख्यात भौतिक विज्ञानी, शिक्षाविद और कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने डाइट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए. इस दौरान प्रख्यात गांधीवादी चिंतक राधा भट्ट मुख्य अतिथि रही.

जानकारी देती अध्यक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान राधा भट्ट.

बता दें कि कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरपी बहुगुणा, प्रो. प्रकाश उपाध्याय, चंदन डांगी, प्रो. लक्ष्मण बिष्ट और राजीव लोचन साह मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान सभी ने एकमत हो कहा कि विज्ञान ने दुनिया में समाज का स्तर बढ़ाया है, इसका उपयोग विनाश के बजाय विकास की ओर होना चाहिए.

वहीं राधा भट्ट ने कहा कि हमारा अस्तित्व समाज में है और विज्ञान की भूमिका किस ओर होनी चाहिए ये समाज को तय करना है. उन्होंने कुलपति डीडी पंत को समाज सुधारक बताते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं.

इस मौके पर इतिहासकार पद्मश्री प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि गांधीजी के विचारों को आज भी दुनिया अपना आर्दश मानती है. उन्होंने कहा कि विज्ञान को पहले समाज समझ ले कि क्या पोषक है और क्या मारक, तभी विज्ञान का पोषकरूप सर्वहित में होगा. उन्होंने कहा कि गांधीजी भी कभी विज्ञान के खिलाफ नहीं रहे. गांधीजी का कहना था कि विज्ञान का मानवीयकरण हो तो वो समाज के लिए फायदेमंद होगा.

नोट-अभी मोजो नहीं ली है।



स्लग— uk_bgr_kulpati janm shatabdi_vis_bite_uk10032
रिपोर्ट— नीरज पाण्डेय , बागेश्वर
मो.-9411776715
दिनांक— 25 मई 2019


एंकर— प्रख्यात भौतिक विज्ञानी, शिक्षाविद और कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी पर बागेश्वर के डाइट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य अतिथि प्रख्यात गांधीवादी चिंतक राधा बहन ने कहा कि विज्ञान का उपयोग समाज के विकास के लिए होना चाहिए न कि विनाश के लिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान की भूमिका किस ओर होनी चाहिए ये दुनिया को तय करना होगा।

वीओ— जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित प्रथम कुलपति रहे प्रो. डीडी पंत की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम में प्रख्यात गांधीवादी चिंतक राधा बहन ने कहा कि हमारा अस्तित्व समाज में है और विज्ञान की भूमिका किस ओर होनी चाहिए ये समाज को तय करना है। उन्होंने कुलपति डीडी पंत को समाज सुधारक बताते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत प्रयास किए।

बाईट—1— राधा भट्ट, अध्यक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान।  


वीओ— इस मौके पर इतिहासकार पद्मश्री प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि गांधीजी के विचारों को आज भी दुनिया अपना आर्दश मानती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को पहले समाज समझ ले कि क्या पोषक है और क्या मारक, तभी विज्ञान का पोषकरूप सर्वहित में होगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी भी कभी विज्ञान के खिलाफ नहीं रहे। गांधीजी का कहना था कि विज्ञान का मानवीयकरण हो तो वो समाज के लिए फायदेमंद होगा।  

बाईट—2— प्रो. शेखर पाठक, पद्मश्री

वीओ— कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. आरपी बहुगुणा, प्रो. प्रकाश उपाध्याय, चंदन डांगी, प्रो. लक्ष्मण बिष्ट, नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन साह ने प्रो. डीडी पंत के सांथ बिताए गए अपने क्षणों पर अपने विचार रखे। सभी ने एकमत हो कहा कि विज्ञान ने दुनियां में समाज का स्तर बढ़ाया है, इसका उपयोग विनाश के वजाय विकास की ओर होना चाहिए।
Last Updated : May 25, 2019, 11:15 PM IST
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