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एक साल से पंचायत घर में रहने को मजबूर गरीब परिवार, मदद की जगह काटी बिजली - गोविंद कांडपाल

घेटी गांव में मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद गोविंद कांडपाल का परिवार बीते एक साल से पंचायत भवन में रह रहा है, लेकिन उनकी मदद की जगह पंचायत भवन की बिजली की लाइन काट दी गई है. एक तो पहले से अपना छत नहीं है, अब अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.

govind kandpal
गोविंद कांडपाल
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Published : May 22, 2021, 5:37 PM IST

Updated : May 22, 2021, 6:11 PM IST

बागेश्वरः गरूड़ विकासखंड के घेटी गांव के गोविंद कांडपाल अपनी पत्नी और बेटी के साथ बीते एक साल से पंचायत घर में रहने को मजबूर हैं. उनका घर बीते साल क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद से ही यह परिवार पंचायत घर में शरण लिए हुए हैं, लेकिन उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. आलम तो ये है कि उनकी मदद करने की बजाय पंचायत भवन की बिजली तक काट दी गई है. ऐसे में अब परिवार में अंधेरे में रहने को विवश है.

गोविंद कांडपाल के परिवार की गुहार.

गरूड़ के घेटी गांव के निवासी 35 साल के गोविंद कांडपाल अपनी पत्नी अनीता देवी और बेटी मंजू के साथ बीते 1 साल से पंचायत घर में रह रहे हैं. गोविंद कांडपाल एक गरीब और निम्न तबके से संबध रखते हैं. जो कि मजदूरी करके परिवार का खर्चा उठाते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण 8 महीने से कहीं भी काम न मिलने से वो घर पर ही बैठे हैं. जिस कारण गोविंद कांडपाल को आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ रहा है.

bageshwar house
पीड़ित गोविंद कांडपाल का घर.

ये भी पढ़ेंः गरीब परिवार के लिए 'देवदूत' बने दो पुलिसकर्मी, उठाया पालन-पोषण का जिम्मा

बता दें कि बीते साल जुलाई में बारिश के चलते पीड़ित परिवार का आवास क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद परिवार को गांव के पंचायत घर में शरण लेनी पड़ी. विभाग और प्रशासन की ओर से मौका मुआयना कर मदद का भरोसा दिया गया. लेकिन मदद तो दूर की बात अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है.

पीड़ित परिवार ने बताया कि बीते 5 महीने पहले पंचायत घर की बिजली भी काट दी गई है. जिससे अब उन्हें अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि कई बार प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों को अपनी दुखड़ा सुना चुके हैं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हैं. वहीं, अब पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

बागेश्वरः गरूड़ विकासखंड के घेटी गांव के गोविंद कांडपाल अपनी पत्नी और बेटी के साथ बीते एक साल से पंचायत घर में रहने को मजबूर हैं. उनका घर बीते साल क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद से ही यह परिवार पंचायत घर में शरण लिए हुए हैं, लेकिन उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. आलम तो ये है कि उनकी मदद करने की बजाय पंचायत भवन की बिजली तक काट दी गई है. ऐसे में अब परिवार में अंधेरे में रहने को विवश है.

गोविंद कांडपाल के परिवार की गुहार.

गरूड़ के घेटी गांव के निवासी 35 साल के गोविंद कांडपाल अपनी पत्नी अनीता देवी और बेटी मंजू के साथ बीते 1 साल से पंचायत घर में रह रहे हैं. गोविंद कांडपाल एक गरीब और निम्न तबके से संबध रखते हैं. जो कि मजदूरी करके परिवार का खर्चा उठाते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण 8 महीने से कहीं भी काम न मिलने से वो घर पर ही बैठे हैं. जिस कारण गोविंद कांडपाल को आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ रहा है.

bageshwar house
पीड़ित गोविंद कांडपाल का घर.

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बता दें कि बीते साल जुलाई में बारिश के चलते पीड़ित परिवार का आवास क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद परिवार को गांव के पंचायत घर में शरण लेनी पड़ी. विभाग और प्रशासन की ओर से मौका मुआयना कर मदद का भरोसा दिया गया. लेकिन मदद तो दूर की बात अभी तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है.

पीड़ित परिवार ने बताया कि बीते 5 महीने पहले पंचायत घर की बिजली भी काट दी गई है. जिससे अब उन्हें अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि कई बार प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों को अपनी दुखड़ा सुना चुके हैं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हैं. वहीं, अब पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

Last Updated : May 22, 2021, 6:11 PM IST
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