बागेश्वर: स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. परीक्षार्थियों के साथ ही अभिभावकों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौर में परीक्षा करवाना समझ से बाहर बताया है.
कोरोना महामारी में विगत वर्ष से कार्य कर रहे नीतू लखेड़ा, ज्योति, नमिता सिंह, किरन सिंह, रेवती, दीपक जोशी, प्रेमा पम्मी आदि का कहना है कि पूर्व में स्टाफ नर्स की भर्ती वरिष्ठता व अंकों के गुणांक के आधार पर की जाती थी. वही प्रक्रिया इस कोरोना काल में भी अपनायी जानी चाहिए. ताकि चिकित्सालयों में नर्स की कमी को भी पूरा किया जा सके.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जहां कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लाॅकडाउन का सहारा लिया जा रहा है, ऐसे वक्त में भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों का घर से बाहर निकलना मुश्किल है. नर्सिंग परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों में से कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो विगत वर्ष से कोरोना महामारी में आइसोलेशन वार्ड में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. उनके पॉजिटिव होने की संभावना भी हो सकती है. ऐसे में उनके द्वारा संक्रमण के बढ़ने की संभावना ज्यादा हो सकती है.
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नर्सों का कहना है कि पूर्व से चली आ रही चयन प्रक्रिया के आधार पर वरिष्ठता व अंक गुणांक के अनुसार नियुक्ति की जाए. साथ ही प्रथम वरीयता उन्हें दी जाये जो चयन आयु की सीमा को पूर्ण कर रहे हों. जो वर्षों से संविदा पर अल्प वेतन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्हें प्राथमिकता से चुनना चाहिए.