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बागेश्वर: किसी भी तहसील में नहीं होता केमू बसों का संचालन, महंगा सफर करने को मजबूर ग्रामीण - 10 साल पहले तक सभी तहसीलों में केमू बसों का संचालन

बागेश्वर जिले के 55 केमू बसों में से किसी भी बस का संचालन बागेश्वर के किसी भी तहसील में नहीं होता है. बागेश्वर मुख्यालय से बसों का संचालन केवल अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत, हलद्वानी आदि स्थानों के लिए हो रहा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बसों के संचालन की मांग की जा रही है.

बागेश्वर
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Published : Apr 25, 2022, 7:57 PM IST

बागेश्वर: जिले के 55 केमू बसों में से किसी भी बस का संचालन बागेश्वर के किसी भी तहसील में नहीं होता है. लंबे समय से इसकी मांग उठती आ रही है. लेकिन, केमू बसों का संचालन मुख्य सड़कों के अलावा किसी भी ग्रामीण सड़क या तहसील में नहीं होता है. बागेश्वर मुख्यालय से बसों का संचालन केवल अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत, हलद्वानी आदि स्थानों के लिए हो रहा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बसों के संचालन की मांग की जा रही है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 साल पहले तक सभी तहसीलों में केमू बसों का संचालन होता था. पहले सभी तहसीलों में रोस्टर वॉर बसों का संचालन किया जाता था. टैक्सियों के बढ़ते प्रभाव के कारण बसों का संचालन धीरे-धीरे घटने लगा और आज हालात यह हैं कि किसी भी तहसील में बसों का संचालन नहीं हो रहा है.

पढ़ें: हरिद्वार ऋषिकेश हाईवे पर अचानक दिखा एक दांत वाला हाथी, फिर...

केमू स्टेशन के इंचार्ज धरणीधर जोशी के बताया कि केमू के हालात आज बेहतर नहीं हैं. 55 बसें केमू बागेश्वर के अधीन हैं. सभी बाहरी क्षेत्रों में चल रही हैं हालांकि स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की समस्या को देखते हुवे तीन जगहों पर बसों का संचालन किया जा रहा है. जिसमे गुरना, जगथाना और सनिउड़ियार तक ही बसें जा पा रही हैं. नुकसान होने की वजह से अब केवल मुख्य शहरों की और ही गाड़ियां चलाई जा रहीं हैं. नुकसान की वजह से केमू के ड्राइवर, क्लीनर और अन्य स्टाफ की सैलरी भी नहीं मिल पा रही है.

बागेश्वर: जिले के 55 केमू बसों में से किसी भी बस का संचालन बागेश्वर के किसी भी तहसील में नहीं होता है. लंबे समय से इसकी मांग उठती आ रही है. लेकिन, केमू बसों का संचालन मुख्य सड़कों के अलावा किसी भी ग्रामीण सड़क या तहसील में नहीं होता है. बागेश्वर मुख्यालय से बसों का संचालन केवल अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत, हलद्वानी आदि स्थानों के लिए हो रहा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बसों के संचालन की मांग की जा रही है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 साल पहले तक सभी तहसीलों में केमू बसों का संचालन होता था. पहले सभी तहसीलों में रोस्टर वॉर बसों का संचालन किया जाता था. टैक्सियों के बढ़ते प्रभाव के कारण बसों का संचालन धीरे-धीरे घटने लगा और आज हालात यह हैं कि किसी भी तहसील में बसों का संचालन नहीं हो रहा है.

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केमू स्टेशन के इंचार्ज धरणीधर जोशी के बताया कि केमू के हालात आज बेहतर नहीं हैं. 55 बसें केमू बागेश्वर के अधीन हैं. सभी बाहरी क्षेत्रों में चल रही हैं हालांकि स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की समस्या को देखते हुवे तीन जगहों पर बसों का संचालन किया जा रहा है. जिसमे गुरना, जगथाना और सनिउड़ियार तक ही बसें जा पा रही हैं. नुकसान होने की वजह से अब केवल मुख्य शहरों की और ही गाड़ियां चलाई जा रहीं हैं. नुकसान की वजह से केमू के ड्राइवर, क्लीनर और अन्य स्टाफ की सैलरी भी नहीं मिल पा रही है.

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