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कपकोट में भारी बारिश के बाद मकान पर गिरा मलबा, तीन लोगों की मौत

कपकोट क्षेत्र के सुमगढ़ ऐठाण में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. अतिवृष्टि के चलते एक मकान क्षतिग्रस्त होने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई है. जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 12 लाख रुपये का चेक सौंपा है.

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सुमगढ़ में भारी बारिश से एक मकान जमींदोज
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Published : Jul 11, 2021, 9:18 AM IST

Updated : Jul 11, 2021, 6:19 PM IST

बागेश्वर: कपकोट क्षेत्र के सुमगढ़ ऐठाण में भारी बारिश से एक मकान जमींदोज हो गया, जिसके चलते मलबे में दबने के कारण मकान में मौजूद पति-पत्नी समेत बेटे की मौत हो गई है. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर मलबे में दबे तीनों शव निकाल लिए गए हैं, जिनका मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया है.

मामले में अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल ने मृतकों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में शासन-प्रशासन मृतकों के परिजनों के साथ है. इस दौरान उन्होंने मृतक गोविंद सिंह के बेटे गुलशन और लक्की सिंह के नाम के 12 लाख रुपये की की आर्थिक मदद सौंपी है. साथ ही 3,800 की त्वरित धनराशि मौके पर ही प्रदान की है. इसके साथ ही प्रशासन ने परिवार के लिए राशन का उचित प्रबंधन किया है.

कपकोट में बारिश का कहर.

बता दें, रविवार सुबह आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक कपकोट तहसील के ग्राम सुमगढ़ के ऐठाण गांव में अतिवृष्टि से एक मकान ध्वस्त हो गया, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग जिंदा दफन हो गए. मृतकों में गोविंद पंडा पुत्र प्रताप सिंह पंडा, उनकी धर्मपत्नी खष्टी पंडा एवं उनका सात साल का बच्चा हिमांशु भी शामिल है. आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ एवं आपदा राहत बचाव दल मौके पर पहुंच गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

कपकोट क्षेत्र में बीती रात्रि से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन होने से जहां एक मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया. वहीं, अतिवृष्टि से क्षेत्र में कृषि एवं कई मकानों को भी खतरा बना हुआ है. कपकोट क्षेत्र में अभी तक 45 एमएम वर्षा दर्ज की गई. इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.

पढ़ें- टिहरी आने पहले जान लें नए नियम, वर्ना सैर सपाटा का मजा हो जाएगा किरकिरा

बता दें कि मॉनसून की बारिश को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है. प्रदेश के पहाड़ी जिलों में रुक-रुककर बारिश हो रही है. ऐसे में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में सड़कें भी बंद हो चुकी हैं. वहीं, कपकोट क्षेत्र में लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ चुका है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग लोगों से नदियों से दूर रहने की अपील कर रहा है. वहीं प्रभावित क्षेत्र में राहत बचाव कार्य जारी है.

बता दें, बागेश्वर का कपकोट क्षेत्र बीते सालों में कई आपदाओं की मार झेल चुका है. मॉनसून में हर साल इस क्षेत्र में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाएं घटित होती हैं. ऐसे में जिला प्रशासन और एसडीआरएफ-डीडीआरएफ की टीम मॉनसून में अलर्ट पर रहती है.

साल 2010 में भी कपकोट विधानसभा क्षेत्र के हरसिनियाबगड़ गांव में बादल फटने से पानी का रेला खेत, सड़क और कई मकानों को बहाता ले गया था. वहीं, सुमगढ़ गांव में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की इमारत की छत गिरने से मौजूद 25 से 30 बच्चे मलबे में दब गए थे. इस घटना में 18 बच्चों की मौत हुई थी.

बागेश्वर: कपकोट क्षेत्र के सुमगढ़ ऐठाण में भारी बारिश से एक मकान जमींदोज हो गया, जिसके चलते मलबे में दबने के कारण मकान में मौजूद पति-पत्नी समेत बेटे की मौत हो गई है. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर मलबे में दबे तीनों शव निकाल लिए गए हैं, जिनका मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया है.

मामले में अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल ने मृतकों के प्रति शोक-संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में शासन-प्रशासन मृतकों के परिजनों के साथ है. इस दौरान उन्होंने मृतक गोविंद सिंह के बेटे गुलशन और लक्की सिंह के नाम के 12 लाख रुपये की की आर्थिक मदद सौंपी है. साथ ही 3,800 की त्वरित धनराशि मौके पर ही प्रदान की है. इसके साथ ही प्रशासन ने परिवार के लिए राशन का उचित प्रबंधन किया है.

कपकोट में बारिश का कहर.

बता दें, रविवार सुबह आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक कपकोट तहसील के ग्राम सुमगढ़ के ऐठाण गांव में अतिवृष्टि से एक मकान ध्वस्त हो गया, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग जिंदा दफन हो गए. मृतकों में गोविंद पंडा पुत्र प्रताप सिंह पंडा, उनकी धर्मपत्नी खष्टी पंडा एवं उनका सात साल का बच्चा हिमांशु भी शामिल है. आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ एवं आपदा राहत बचाव दल मौके पर पहुंच गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

कपकोट क्षेत्र में बीती रात्रि से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन होने से जहां एक मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया. वहीं, अतिवृष्टि से क्षेत्र में कृषि एवं कई मकानों को भी खतरा बना हुआ है. कपकोट क्षेत्र में अभी तक 45 एमएम वर्षा दर्ज की गई. इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.

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बता दें कि मॉनसून की बारिश को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है. प्रदेश के पहाड़ी जिलों में रुक-रुककर बारिश हो रही है. ऐसे में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में सड़कें भी बंद हो चुकी हैं. वहीं, कपकोट क्षेत्र में लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ चुका है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग लोगों से नदियों से दूर रहने की अपील कर रहा है. वहीं प्रभावित क्षेत्र में राहत बचाव कार्य जारी है.

बता दें, बागेश्वर का कपकोट क्षेत्र बीते सालों में कई आपदाओं की मार झेल चुका है. मॉनसून में हर साल इस क्षेत्र में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाएं घटित होती हैं. ऐसे में जिला प्रशासन और एसडीआरएफ-डीडीआरएफ की टीम मॉनसून में अलर्ट पर रहती है.

साल 2010 में भी कपकोट विधानसभा क्षेत्र के हरसिनियाबगड़ गांव में बादल फटने से पानी का रेला खेत, सड़क और कई मकानों को बहाता ले गया था. वहीं, सुमगढ़ गांव में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की इमारत की छत गिरने से मौजूद 25 से 30 बच्चे मलबे में दब गए थे. इस घटना में 18 बच्चों की मौत हुई थी.

Last Updated : Jul 11, 2021, 6:19 PM IST
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