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परंपरा को आगे बढ़ा रहे सात गांवों के होल्यार, भगवान बागनाथ की पूजा के साथ खड़ी होली की शुरुआत

अल्मोड़ा जनपद के ताकुला क्षेत्र के सात गांवों के करीब 80 होल्यार बागेश्वर जनपद के बागनाथ मंदिर पहुंचे. मंदिर में जलाभिषेक के बाद होली गायन शुरू किया. बागनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन रावल ने बताया कि शिवरात्रि से खड़ी होली गायन शुरू हो जाता है, जबकि एकादशी के बाद रंग की होली खेली जाती है.

bageshwar
बागेश्वर
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Published : Mar 1, 2022, 5:17 PM IST

बागेश्वर: महाशिवरात्रि पर अल्मोड़ा जिले के ताकुला क्षेत्र के सात गांवों के 80 होल्यारों का समूह आज सुबह बागेश्वर जनपद के बाबा बागनाथ मंदिर पहुंचा. इस दौरान होल्यारों ने बागनाथ मंदिर में शिव की पूजा कर भक्तिमय होली के गीतों का गायन किया. ताकुला क्षेत्र के सात गांवों को सतराली के नाम से जाना जाता है. इन गांवों में कोतवालगांव, कांडे, लोहना, खाड़ी, झाड़कोट, पनेरगांव और थापला शामिल हैं.

बुजुर्ग बताते हैं 70 साल पहले इन गांवों के लोग बैठकी होली के गीतों के गायन की शुरूआत बाबा बागनाथ के मंदिर में गाकर किया करते थे. पलायन की वजह से कई सालों तक यह सिलसिला छूट गया था. लेकिन अब नई पीढ़ी ने एक बार फिर इस प्रथा को जीवंत कर दिया है. बताया कहा जाता है कि सतराली के पूर्वजों ने मंदिर में धूणी का निर्माण कराया था, जिसके चलते वह पहली होली महाशिवरात्रि के दिन बाबा बागनाथ के दर पर गाया करते थे.

बागनाथ मंदिर से होली का आगाज.

इसके बाद एकादशी को इन गांवों में सात चीर बांधी जाती थी. चतुदर्शी को गणनाथ मंदिर में होली गायन किया जाता था. युवा पीढ़ी का गांवों से पलायन होने से बागनाथ मंदिर आने की परंपरा टूट गई, पिछले 5 सालों से अब इन सातों गांवों की युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों की बनाई परंपरा को फिर से जीवंत करने में जुट गई है.

महाशिवरात्रि पर सभी गांवों के होल्यार अपने साथ सभी सातों गांवों की होली का ढोलक लेकर बागनाथ मंदिर पहुंचे. बागनाथ मंदिर में सात गांवों से आए सात ढोलकों की थाप पर होल्यारों ने होली गायन शुरु किया, तो पूरा मंदिर परिसर होली के रंग में रंग गया. शिवरात्रि पर मंदिर में उमड़े भक्तों के साथ ही नगर के होल्यार और मंदिर प्रबंध समिति से जुड़े लोग भी होली गायन में शामिल हो गए.
पढ़ें- महाशिवरात्रि पर बदरी विशाल के द्वार पहुंचे ITBP के जवान, लगाए 'भारत माता की जय' के नारे

सतराली के होली के बारे में बागनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन रावल बताते हैं कि शिवरात्रि से खड़ी होली गायन शुरू हो जाता है, जबकि एकादशी के बाद रंग की होली खेली जाती है. सतराली के होली के साथ ही पूरे कुमाऊं की होली प्रसिद्ध है.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने की पूजा: महाशिवरात्रि के पर्व पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश स्थित वीरभद्र महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की. इस दौरान अग्रवाल ने भगवान शिव से प्रदेश वासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की.

बागेश्वर: महाशिवरात्रि पर अल्मोड़ा जिले के ताकुला क्षेत्र के सात गांवों के 80 होल्यारों का समूह आज सुबह बागेश्वर जनपद के बाबा बागनाथ मंदिर पहुंचा. इस दौरान होल्यारों ने बागनाथ मंदिर में शिव की पूजा कर भक्तिमय होली के गीतों का गायन किया. ताकुला क्षेत्र के सात गांवों को सतराली के नाम से जाना जाता है. इन गांवों में कोतवालगांव, कांडे, लोहना, खाड़ी, झाड़कोट, पनेरगांव और थापला शामिल हैं.

बुजुर्ग बताते हैं 70 साल पहले इन गांवों के लोग बैठकी होली के गीतों के गायन की शुरूआत बाबा बागनाथ के मंदिर में गाकर किया करते थे. पलायन की वजह से कई सालों तक यह सिलसिला छूट गया था. लेकिन अब नई पीढ़ी ने एक बार फिर इस प्रथा को जीवंत कर दिया है. बताया कहा जाता है कि सतराली के पूर्वजों ने मंदिर में धूणी का निर्माण कराया था, जिसके चलते वह पहली होली महाशिवरात्रि के दिन बाबा बागनाथ के दर पर गाया करते थे.

बागनाथ मंदिर से होली का आगाज.

इसके बाद एकादशी को इन गांवों में सात चीर बांधी जाती थी. चतुदर्शी को गणनाथ मंदिर में होली गायन किया जाता था. युवा पीढ़ी का गांवों से पलायन होने से बागनाथ मंदिर आने की परंपरा टूट गई, पिछले 5 सालों से अब इन सातों गांवों की युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों की बनाई परंपरा को फिर से जीवंत करने में जुट गई है.

महाशिवरात्रि पर सभी गांवों के होल्यार अपने साथ सभी सातों गांवों की होली का ढोलक लेकर बागनाथ मंदिर पहुंचे. बागनाथ मंदिर में सात गांवों से आए सात ढोलकों की थाप पर होल्यारों ने होली गायन शुरु किया, तो पूरा मंदिर परिसर होली के रंग में रंग गया. शिवरात्रि पर मंदिर में उमड़े भक्तों के साथ ही नगर के होल्यार और मंदिर प्रबंध समिति से जुड़े लोग भी होली गायन में शामिल हो गए.
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सतराली के होली के बारे में बागनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन रावल बताते हैं कि शिवरात्रि से खड़ी होली गायन शुरू हो जाता है, जबकि एकादशी के बाद रंग की होली खेली जाती है. सतराली के होली के साथ ही पूरे कुमाऊं की होली प्रसिद्ध है.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने की पूजा: महाशिवरात्रि के पर्व पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश स्थित वीरभद्र महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की. इस दौरान अग्रवाल ने भगवान शिव से प्रदेश वासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की.

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