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जिंदगी पर भारी पड़ती आसमानी आफत, प्रशासन डुगडुगी से कर रहा लोगों को अलर्ट

प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया हुआ है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रदेश के कई जिलों में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

बागेश्वर
बागेश्वर
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Published : Jul 29, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 5:50 PM IST

बागेश्वर: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इन दिनों कुदरत ने कोहराम मचा रखा है. भारी बारिश के चलते बागेश्वर जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. सबसे ज्याद बुरा हाल कपकोट क्षेत्र में है, जहां बीते 12 घंटे में 307.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, जिसकी वजह से करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.

भारी बारिश के कारण सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. ग्रामीण इलाकों सभी नदी और बरसाती गदेरे उफान पर हैं. भारी बारिश के चलते रीमा क्षेत्र में एक मकान की दीवार गिर गई. हालांकि इन दौरान किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. वहीं परिवार के सभी पांच सदस्य बाल-बाल बच गए.

पढ़ें- उत्तराखंड: मॉनसून का तांडव जारी, 19 लोगों की अकाल मृत्यु

जिले के बंद पड़े मोटर मार्ग

जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग की सात और ग्रामीण इलाकों की 10 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. इसके अलावा रीमा क्षेत्र में उडियार के पास बरसाती नाला उफान पर आ गया, जिस कारण बागेश्वर-रीमा मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा धंस गया. जिसकी चपेट में एक वाहन भी आ गया है. हादसे के वक्त वाहन में तीन लोग सवार थे, जिन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई.

सरयू व गोमती नदी उफान पर

आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के मुताबिक पिछले 12 घंटे के दौरान कपकोट में सर्वाधिक 307.50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, इसके अलावा गरुड़ में 15 एमएम और बागेश्वर में 7.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के चलते 2 मकानों की दीवारें गिर गई. इन हादसों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते सरयू व गोमती नदियां उफान पर हैं. जिला प्रशासन ने रात में ही नदी किनारे रह रहे लोगों को डुगडुगी के माध्यम से सतर्क किया. भूस्खलन की वजह से जो मकान खतरे की जद में हैं उन्हें भी खाली कराया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने अलर्ट रहने के दिए निर्देश

जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. साथ ही बंद पड़ी सड़कों को जल्द खोलने के निर्देश दिए हैं.

बागेश्वर: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इन दिनों कुदरत ने कोहराम मचा रखा है. भारी बारिश के चलते बागेश्वर जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. सबसे ज्याद बुरा हाल कपकोट क्षेत्र में है, जहां बीते 12 घंटे में 307.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, जिसकी वजह से करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.

भारी बारिश के कारण सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. ग्रामीण इलाकों सभी नदी और बरसाती गदेरे उफान पर हैं. भारी बारिश के चलते रीमा क्षेत्र में एक मकान की दीवार गिर गई. हालांकि इन दौरान किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. वहीं परिवार के सभी पांच सदस्य बाल-बाल बच गए.

पढ़ें- उत्तराखंड: मॉनसून का तांडव जारी, 19 लोगों की अकाल मृत्यु

जिले के बंद पड़े मोटर मार्ग

जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग की सात और ग्रामीण इलाकों की 10 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. इसके अलावा रीमा क्षेत्र में उडियार के पास बरसाती नाला उफान पर आ गया, जिस कारण बागेश्वर-रीमा मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा धंस गया. जिसकी चपेट में एक वाहन भी आ गया है. हादसे के वक्त वाहन में तीन लोग सवार थे, जिन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई.

सरयू व गोमती नदी उफान पर

आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के मुताबिक पिछले 12 घंटे के दौरान कपकोट में सर्वाधिक 307.50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, इसके अलावा गरुड़ में 15 एमएम और बागेश्वर में 7.50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के चलते 2 मकानों की दीवारें गिर गई. इन हादसों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते सरयू व गोमती नदियां उफान पर हैं. जिला प्रशासन ने रात में ही नदी किनारे रह रहे लोगों को डुगडुगी के माध्यम से सतर्क किया. भूस्खलन की वजह से जो मकान खतरे की जद में हैं उन्हें भी खाली कराया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने अलर्ट रहने के दिए निर्देश

जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. साथ ही बंद पड़ी सड़कों को जल्द खोलने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Jul 29, 2020, 5:50 PM IST
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