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नियोजन समिति मामले में पूर्व जिंप अध्यक्ष की जीत, RTI ने बताया कितना होता है कार्यकाल

बागेश्वर जिला पंचायत अध्यक्ष पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि नियोजन समिति भंग होने के बावजूद भी बजट जारी किया गया. जबकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है. इस पर गुरुवार को RTI के माध्यम से जानकारी मिली कि नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है.

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बागेश्वर
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Published : Aug 26, 2021, 4:25 PM IST

बागेश्वरः वित्तीय अनिमियताओं की जांच की मांग को लेकर जिला पंचायत सदस्यों का धरना गुरुवार को भी जारी रहा. गुरुवार को आरटीआई से जानकारी मिली की नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने इसे अपनी पहली जीत बताया. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को जल्द सभी से माफी मांगनी चाहिए.

जिला पंचायत में वित्तीय अनिमियताओं की जांच की मांग को लेकर 57वें दिन भी जिला पंचायत सदस्यों का धरना जारी रहा. पक्ष-विपक्ष के एक-दूसरे पर आरोपों के बाद गुरुवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने हरीश ऐठानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि नियोजन समिति को लेकर मांगी गई आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल तक का ही होता है. ये आरटीआई उनकी पहली जीत है, आगे भी उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी.

नियोजन समिति मामले पर पूर्व जिंप अध्यक्ष की जीत

दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि नियोजन समिति भंग होने के बावजूद भी बजट जारी किया गया. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है. हालांकि, अध्यक्ष द्वारा ये दलील दी थी कि नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल का नहीं होता.

उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष को उनसे व क्षेत्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि वह हर मोर्चे पर फेल हैं. उन्होंने जिन बिंदुओं के तहत आंदोलन शुरू किया था, उनके जवाब आने शुरू हो गए है. उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिस तरह जांच से बचने के लिए प्रशासन पर शासन का दवाब बनाने की कोशिश की, वो काफी निंदनीय है. आरटीआई का जवाब आने पर यह उनकी पहली जीत है. आगे भी हम जरूर जीतेंगे, क्योंकि हमारे पास हर आरोप के साक्ष्य मौजूद हैं.

ये भी पढ़ेंः मानदेय की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का विधानसभा कूच, पुलिस ने रोका

ये है मामलाः जिला पंचायत के 9 सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष पर वित्तीय अनिमियताओं का आरोप लगाते हुए 15 जून से धरने पर बैठे हैं. सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बजट का 55 प्रतिशत सीधे-सीधे अपने पास रख रहे हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

दूसरा आरोप ये है कि नियोजन समिति के भंग होने के बावजूद भी बजट का आवंटन किया गया, जिस पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरटीआई के माध्यम से नियोजन समिति की जानकारी मांगी थी. जिस पर आरटीआई के तहत नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल तक का ही होता है.

बागेश्वरः वित्तीय अनिमियताओं की जांच की मांग को लेकर जिला पंचायत सदस्यों का धरना गुरुवार को भी जारी रहा. गुरुवार को आरटीआई से जानकारी मिली की नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने इसे अपनी पहली जीत बताया. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को जल्द सभी से माफी मांगनी चाहिए.

जिला पंचायत में वित्तीय अनिमियताओं की जांच की मांग को लेकर 57वें दिन भी जिला पंचायत सदस्यों का धरना जारी रहा. पक्ष-विपक्ष के एक-दूसरे पर आरोपों के बाद गुरुवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने हरीश ऐठानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि नियोजन समिति को लेकर मांगी गई आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल तक का ही होता है. ये आरटीआई उनकी पहली जीत है, आगे भी उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी.

नियोजन समिति मामले पर पूर्व जिंप अध्यक्ष की जीत

दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि नियोजन समिति भंग होने के बावजूद भी बजट जारी किया गया. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समिति का कार्यकाल एक साल का ही होता है. हालांकि, अध्यक्ष द्वारा ये दलील दी थी कि नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल का नहीं होता.

उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष को उनसे व क्षेत्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि वह हर मोर्चे पर फेल हैं. उन्होंने जिन बिंदुओं के तहत आंदोलन शुरू किया था, उनके जवाब आने शुरू हो गए है. उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिस तरह जांच से बचने के लिए प्रशासन पर शासन का दवाब बनाने की कोशिश की, वो काफी निंदनीय है. आरटीआई का जवाब आने पर यह उनकी पहली जीत है. आगे भी हम जरूर जीतेंगे, क्योंकि हमारे पास हर आरोप के साक्ष्य मौजूद हैं.

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ये है मामलाः जिला पंचायत के 9 सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष पर वित्तीय अनिमियताओं का आरोप लगाते हुए 15 जून से धरने पर बैठे हैं. सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बजट का 55 प्रतिशत सीधे-सीधे अपने पास रख रहे हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

दूसरा आरोप ये है कि नियोजन समिति के भंग होने के बावजूद भी बजट का आवंटन किया गया, जिस पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने आरटीआई के माध्यम से नियोजन समिति की जानकारी मांगी थी. जिस पर आरटीआई के तहत नियोजन समिति का कार्यकाल एक साल तक का ही होता है.

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