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बागेश्वर में 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख, आग लगाने वाले आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज - उत्तराखंड के जंगलों में आग

बागेश्वर में इस फायर सीजन में अभी तक 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका है. जबकि, डेढ़ महीने के भीतर जंगलों में आग लगने की 35 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, विभाग ने आग लगाने वाले लोगों को खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

बागेश्वर आग
बागेश्वर आग
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Published : Apr 3, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Apr 3, 2021, 9:49 PM IST

बागेश्वरः प्रदेश में जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बागेश्वर के जंगल भी धू-धू कर जल रहे हैं. आज भी दिनभर जंगल आग से धधकते रहे. जिससे इलाके में धुंध छाई हुई है. जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. इतना ही नहीं लोगों को सांस लेने की समस्या से भी दो चार होना पड़ रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने वन विभाग से जंगल की आग पर काबू पाने की मांग की है.

आग लगाने वाले आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज.

होली खत्म होते ही जिले में चीड़ के जंगल जलने लगे हैं. कई क्षेत्रों में जंगल की आग लोगों के आंगन तक पहुंच गई है. इससे लोग दहशत में हैं. वनाग्नि से लाखों रुपये की कीमती इमारती लड़की जलकर नष्ट हो गई है. जलस्रोतों पर भी संकट गहराने लगा है. इधर लगातार जंगल जलने से वातावरण में धुंध छाने लगी है. इस कारण श्वांस और दमा के रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है. धुंध से सुबह काफी ठंड हो रही है. इसका स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, वन मंत्री ने हाथ खड़े किए!

वहीं, अराजक तत्वों ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है. विभाग एक जंगल की आग ढंग से बुझा नहीं पा रहा कि दूसरे जंगल में आग भड़क रही है. इधर, डॉक्टर एलएस बृजवाल का कहना है कि धुंध के कारण सूरज की किरण सही से जमीन पर नहीं पहुंच रही है. ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए. सुबह के समय गला और सिर को ढककर रखें और गुनगुना पानी पिएं. सांस के रोगी नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं.

इस फायर सीजन में 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख
फायर सीजन में डेढ़ महीने के भीतर जंगलों में आग लगने की 35 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. जिला मुख्यालय के जंगल भी आग से अछूते नहीं है. बीते साल फायर सीजन में जंगलों में आग लगने की मात्र चार घटना हुई थी. इस बार डेढ़ महीने में ही आठ गुना अधिक घटनाएं हो गई हैं. जिला मुख्यालय के जंगल तक आग से धधक रहे हैं. पिछले अग्निकाल में जंगल में आग लगने की केवल चार घटनाएं हुईं. जिसमें मात्र 5.25 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ.

ये भी पढ़ेंः गांव तक पहुंची जंगल की आग, सरकारी विद्यालय जलकर राख

इस शीतकाल में जंगलों में जमकर आग लगी. शीतकाल में जंगलों में आग लगने की 51 घटनाएं हुई. 73.94 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ. वनों को आग से बचाने के लिए जिले में 29 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. प्रत्येक क्रू स्टेशन में चार कर्मचारियों की तैनाती वन विभाग ने की है.

जंगल में आग लगाने वाले के खिलाफ FIR दर्ज
वन विभाग ने जंगल में आग लगाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वन दरोगा कैलाश जोशी ने बताया कि हुडमधार के पास आग की सूचना मिली थी. आग बुझाने जब वह अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में आग प्रकाश राम ने लगाई है. जो वर्तमान मे थाला गाव में रहता है. ग्रामीणों ने जब उसे पकड़ना चाहा पर वो भागने में सफल रहा और जाते-जाते सामने के जंगल में भी आग लगा गया. वन दरोगा ने प्रकाश राम के खिलाफ कांडा थाने में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. वहीं, कांडा थानाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद ने बताया कि आग लगाने वाले कि एफआईआर मिली है, उसकी तलाश जारी है.

बागेश्वरः प्रदेश में जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बागेश्वर के जंगल भी धू-धू कर जल रहे हैं. आज भी दिनभर जंगल आग से धधकते रहे. जिससे इलाके में धुंध छाई हुई है. जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. इतना ही नहीं लोगों को सांस लेने की समस्या से भी दो चार होना पड़ रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने वन विभाग से जंगल की आग पर काबू पाने की मांग की है.

आग लगाने वाले आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज.

होली खत्म होते ही जिले में चीड़ के जंगल जलने लगे हैं. कई क्षेत्रों में जंगल की आग लोगों के आंगन तक पहुंच गई है. इससे लोग दहशत में हैं. वनाग्नि से लाखों रुपये की कीमती इमारती लड़की जलकर नष्ट हो गई है. जलस्रोतों पर भी संकट गहराने लगा है. इधर लगातार जंगल जलने से वातावरण में धुंध छाने लगी है. इस कारण श्वांस और दमा के रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है. धुंध से सुबह काफी ठंड हो रही है. इसका स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः तेजी से धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, वन मंत्री ने हाथ खड़े किए!

वहीं, अराजक तत्वों ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है. विभाग एक जंगल की आग ढंग से बुझा नहीं पा रहा कि दूसरे जंगल में आग भड़क रही है. इधर, डॉक्टर एलएस बृजवाल का कहना है कि धुंध के कारण सूरज की किरण सही से जमीन पर नहीं पहुंच रही है. ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए. सुबह के समय गला और सिर को ढककर रखें और गुनगुना पानी पिएं. सांस के रोगी नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं.

इस फायर सीजन में 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख
फायर सीजन में डेढ़ महीने के भीतर जंगलों में आग लगने की 35 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. जिला मुख्यालय के जंगल भी आग से अछूते नहीं है. बीते साल फायर सीजन में जंगलों में आग लगने की मात्र चार घटना हुई थी. इस बार डेढ़ महीने में ही आठ गुना अधिक घटनाएं हो गई हैं. जिला मुख्यालय के जंगल तक आग से धधक रहे हैं. पिछले अग्निकाल में जंगल में आग लगने की केवल चार घटनाएं हुईं. जिसमें मात्र 5.25 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ.

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इस शीतकाल में जंगलों में जमकर आग लगी. शीतकाल में जंगलों में आग लगने की 51 घटनाएं हुई. 73.94 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ. वनों को आग से बचाने के लिए जिले में 29 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. प्रत्येक क्रू स्टेशन में चार कर्मचारियों की तैनाती वन विभाग ने की है.

जंगल में आग लगाने वाले के खिलाफ FIR दर्ज
वन विभाग ने जंगल में आग लगाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वन दरोगा कैलाश जोशी ने बताया कि हुडमधार के पास आग की सूचना मिली थी. आग बुझाने जब वह अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में आग प्रकाश राम ने लगाई है. जो वर्तमान मे थाला गाव में रहता है. ग्रामीणों ने जब उसे पकड़ना चाहा पर वो भागने में सफल रहा और जाते-जाते सामने के जंगल में भी आग लगा गया. वन दरोगा ने प्रकाश राम के खिलाफ कांडा थाने में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. वहीं, कांडा थानाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद ने बताया कि आग लगाने वाले कि एफआईआर मिली है, उसकी तलाश जारी है.

Last Updated : Apr 3, 2021, 9:49 PM IST
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