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टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की मांग को लेकर लोगों का प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी - टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की मांग पर लोगों का प्रदर्शन

टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील में रेल लाइन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. लोगों ने केंद्र से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के लिए बजट पास करने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

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बागेश्वर
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Published : Sep 26, 2021, 8:15 PM IST

बागेश्वरः टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण की मांग पर टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. अंग्रेजी हुकूमत से लेकर अभी तक रेल मार्ग निर्माण के लिए सर्वे के अलावा और कुछ नहीं हुआ. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर विधानसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

रविवार को रेल लाइन संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर में एकत्र हुए. लोगों ने तहसील में नारेबाजी के साथ ही प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अंग्रेजी हुकूमत से लेकर आज तक मार्ग का 7 बार सर्वे हो चुका है.

उन्होंने कहा कि 1882 में सबसे पहले इस मार्ग का सर्वे हुआ. उसके बाद 1912, 1980, 2006, 2008, 2009 तथा 2012 में सर्वे हो चुका है. इसके अलावा इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया है. अब बजट स्वीकृत कर मार्ग निर्माण शुरू करना चाहिए. रेल आने से ही जिले का विकास होगा. पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेगी. क्षेत्र का विकास होगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड कर्मचारी महासंघ ने सरकार को दी चेतावनी, 1 अक्टूबर को हड़ताल का ऐलान

वहीं, संघर्ष समिति के महासचिव खड़क राम आर्य ने कहा कि रेल लाइन नहीं बनने का सबसे ज्यादा जिम्मेदार क्षेत्र के सांसद हैं. सांसदों ने रेल लाइन के मुद्दे को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले रेल लाइन के लिए बजट पास नहीं किया गया तो रेललाइन संघर्ष समिति विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी.

बागेश्वरः टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण की मांग पर टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. अंग्रेजी हुकूमत से लेकर अभी तक रेल मार्ग निर्माण के लिए सर्वे के अलावा और कुछ नहीं हुआ. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल बजट मंजूर करने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर विधानसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

रविवार को रेल लाइन संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर में एकत्र हुए. लोगों ने तहसील में नारेबाजी के साथ ही प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. अंग्रेजी हुकूमत से लेकर आज तक मार्ग का 7 बार सर्वे हो चुका है.

उन्होंने कहा कि 1882 में सबसे पहले इस मार्ग का सर्वे हुआ. उसके बाद 1912, 1980, 2006, 2008, 2009 तथा 2012 में सर्वे हो चुका है. इसके अलावा इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में भी शामिल कर दिया है. अब बजट स्वीकृत कर मार्ग निर्माण शुरू करना चाहिए. रेल आने से ही जिले का विकास होगा. पर्यटन से लेकर अन्य गतिविधियां बढ़ेगी. क्षेत्र का विकास होगा.

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वहीं, संघर्ष समिति के महासचिव खड़क राम आर्य ने कहा कि रेल लाइन नहीं बनने का सबसे ज्यादा जिम्मेदार क्षेत्र के सांसद हैं. सांसदों ने रेल लाइन के मुद्दे को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले रेल लाइन के लिए बजट पास नहीं किया गया तो रेललाइन संघर्ष समिति विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी.

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