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जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने के बजाय निरस्त करने की मांग

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Published : Mar 15, 2021, 9:21 AM IST

तहसील मार्ग स्थित एक बैंकट हॉल में आयोजित हुई बैठक में जिला विकास प्राधिकरण के साथ ​महायोजना 2011 को भी निरस्त करने की मांग की गई.

Bageshwar
जिला विकास प्राधिकरण हटाओ मोर्चा की बैठक

बागेश्वर: जिला विकास प्राधिकरण हटाओ मोर्चा की बैठक में प्राधिकरण को स्थगित करने के बजाय निरस्त करने की मांग की गई. वक्ताओं ने कहा कि अब सरकार भी मानने लगी है कि उन्होंने पहाड़ों पर जो प्राधिकरण थोपा है, वह त्रुटिपूर्ण है. इसीलिए सरकार ने इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है.

तहसील मार्ग स्थित एक बैंकट हॉल में आयोजित हुई बैठक में मोर्चा अध्यक्ष प्रमोद मेहता ने कहा कि पहाड़ों में प्राधिकरण की कोई जरुरत नहीं है. मोर्चा इसका लगातार विरोध करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा. सरकार भी अब मानने लगी है कि उन्होंने प्राधिकरण लागू कर गलती की है. उन्होंने इसे स्थगित करने के बजाय निरस्त करने की मांग की है.

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वक्ताओं ने कहा कि नगर और आसपास क्षेत्र में महायोजना 2011 लागू की गई थी. महायोजना 2011 को भी निरस्त करना चाहिए. लोग अपनी खरीदी भूमि में ही भवन नहीं बना पा रहे हैं. निर्माण करने पर वाद दायर किए जा रहे हैं. इस कारण लोगों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. साथ ही लंबित वादों को भी तत्काल वापस लिया जाए.

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वक्ताओं ने कहा कि प्राधिकरण व महायोजना के कारण जिले में दो लोगों ने आत्महत्या तक की है. मोर्चा ने दोनों परिवार के लोगों को मुआवजा देने की मांग की है. बैठक में तय किया गया कि इन सभी मामलों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

बागेश्वर: जिला विकास प्राधिकरण हटाओ मोर्चा की बैठक में प्राधिकरण को स्थगित करने के बजाय निरस्त करने की मांग की गई. वक्ताओं ने कहा कि अब सरकार भी मानने लगी है कि उन्होंने पहाड़ों पर जो प्राधिकरण थोपा है, वह त्रुटिपूर्ण है. इसीलिए सरकार ने इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है.

तहसील मार्ग स्थित एक बैंकट हॉल में आयोजित हुई बैठक में मोर्चा अध्यक्ष प्रमोद मेहता ने कहा कि पहाड़ों में प्राधिकरण की कोई जरुरत नहीं है. मोर्चा इसका लगातार विरोध करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा. सरकार भी अब मानने लगी है कि उन्होंने प्राधिकरण लागू कर गलती की है. उन्होंने इसे स्थगित करने के बजाय निरस्त करने की मांग की है.

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वक्ताओं ने कहा कि नगर और आसपास क्षेत्र में महायोजना 2011 लागू की गई थी. महायोजना 2011 को भी निरस्त करना चाहिए. लोग अपनी खरीदी भूमि में ही भवन नहीं बना पा रहे हैं. निर्माण करने पर वाद दायर किए जा रहे हैं. इस कारण लोगों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. साथ ही लंबित वादों को भी तत्काल वापस लिया जाए.

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वक्ताओं ने कहा कि प्राधिकरण व महायोजना के कारण जिले में दो लोगों ने आत्महत्या तक की है. मोर्चा ने दोनों परिवार के लोगों को मुआवजा देने की मांग की है. बैठक में तय किया गया कि इन सभी मामलों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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