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कैमुना सोसाइटी फ्रॉड मामले में संचालक को 5 साल की कठोर कारावास, 2 आरोपियों को 3-3 साल की सजा

Kamuna Society Fraud बहुचर्चित कैमुना कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम पर धोखाधड़ी मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. मामले में संचालक को 5 साल की कठोर कारावास की सजा के साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा तो वहीं अन्य दो आरोपियों को 3-3 साल की सजा काटनी होगी. इन आरोपियों ने बागेश्वर समेत अन्य जिलों की भोली भाली जनता को ज्यादा ब्याज का प्रलोभव देकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की थी. Kamuna Credit Cooperative Society Limited

Kamuna Society Fraud
संचालक को 5 साल की कठोर कारावास
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 14, 2023, 7:39 PM IST

बागेश्वरः कैमुना कोऑपरेटिव सोसाइटी फ्रॉड मामले में संचालक को सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा अन्य दो आरोपियों को भी 3-3 साल की सश्रम सजा के साथ 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

गौर हो कि बागेश्वर समेत अन्य जिलो में कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की शाखाएं खोली गई थी. जहां कई स्कीमों के तहत लोगों से जमकर खाते खुलवाए गए. जिसमें लोगों से पैसे जमा करवाए गए, लेकिन जब लोग अपना पैसा निकालने गए सोसाइटी की शाखाओं में गए तो वहां पर ताले लगे मिले.

जिसके बाद लोगों का ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने आनन फानन में सोसाइटी के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. जिसके तहत आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की गई. इस मामले में 2 नवंबर 2020 को दर्शानी गांव के हरीश चंद्र सिंह बिष्ट ने थाना बैजनाथ ने सोसाइटी समेत आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के संबंध में तहरीर दी.
ये भी पढ़ेंः धोखाधड़ी मामले में फरार आरोपी गाजियाबाद से गिरफ्तार, डकारे थे 55 लाख रुपए

जिस पर थाना बैजनाथ में धारा 420, 406, 409, और 3 यूपी आईडी एक्ट 2005 में मामला दर्ज किया गया. जिसकी विवेचना एसआई पंकज जोशी ने की. जांच में पता चला कि कंपनी की ओर से खाताधारकों और निवेशकों की आरडी एंड एफडी जिनकी परिपक्वता अवधि पूरी हो चुकी थी. उनका पैसा नहीं लौटाया गया. जिसका आरोप पत्र कोर्ट में 2021 में चला.

गौर हो कि इस मामले में आरोपी दीपक राम फरार चल रहा था. जिसे पुलिस ने जुलाई 2021 में बागेश्वर से दबोचा था. दीपक राम निवासी बनेगांव, कांडा, बागेश्वर, सोसाइटी का सह प्रबंधक था. दीपक राम पर करीब 56 लाख रुपए के गबन का आरोप लगा था. जबकि, मुख्य आरोपी प्रदीप अस्थाना को चंपावत से गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में अल्मोड़ा के सोमेश्वर पुलिस ने फरार इनामी आरोपी राजेश कुमार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था. राजेश पर 55 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप था. आरोपी राजेश कुमार को पुलिस ने इसी साल यानी जनवरी 2023 में दबोचा था. आरोपी राजेश मूल रूप से 1002 छोटा मोहल्ला, धौलाना, मुरादाबाद यूपी का रहने वाला है.
ये भी पढ़ेंः लोगों के 56 लाख उड़ाने वाला सह प्रबंधक अरेस्ट, कैमुना क्रेडिट सोसाइटी में किया था गबन

आरोपी प्रदीप अस्थाना को 5 साल तो दीपक राम और जयपाल पालनी को 3-3 साल की सजाः एक अन्य मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने पैरवी की. मामले में 12-12 गवाह पेश कराए गए. गवाहों को सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करते हुए न्यायाधीश खुल्बे ने सोसाइटी के संचालक प्रदीप अस्थाना को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

वहीं, अन्य आरोपी दीपक राम और जयपाल पालनी को 3-3 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में कोतवाली और गरुड़ के मामले में अधिवक्ता ने 50 गवाह पेश किए. जबकि, बागेश्वर वाले मामले में कपंनी पर 80 लाख और बैजनाथ मामले में 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है. इस राशि से खाताधारकों की राशि लौटाई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः लखनऊ की चिटफंड कंपनी के सीएमडी की जमानत नामंजूर, करोड़ों रुपए के गबन का आरोप

उधर, आरोपी प्रदीप कुमार अस्थाना की कंपनी कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बी 3 सेक्टर एल कॉम्प्लेक्स अलीगंज लखनऊ पर 25 लाख का जुर्माना अधिरोपित किया है. कंपनी की ओर से जुर्माने की राशि जमा न करने पर संबंधित खाताधारकों को उचित शिनाख्त के बाद अवशेष धनराशि से प्रतिपूर्ति किए जाने का ओदश किया था.

बागेश्वरः कैमुना कोऑपरेटिव सोसाइटी फ्रॉड मामले में संचालक को सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा अन्य दो आरोपियों को भी 3-3 साल की सश्रम सजा के साथ 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

गौर हो कि बागेश्वर समेत अन्य जिलो में कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की शाखाएं खोली गई थी. जहां कई स्कीमों के तहत लोगों से जमकर खाते खुलवाए गए. जिसमें लोगों से पैसे जमा करवाए गए, लेकिन जब लोग अपना पैसा निकालने गए सोसाइटी की शाखाओं में गए तो वहां पर ताले लगे मिले.

जिसके बाद लोगों का ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने आनन फानन में सोसाइटी के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. जिसके तहत आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की गई. इस मामले में 2 नवंबर 2020 को दर्शानी गांव के हरीश चंद्र सिंह बिष्ट ने थाना बैजनाथ ने सोसाइटी समेत आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के संबंध में तहरीर दी.
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जिस पर थाना बैजनाथ में धारा 420, 406, 409, और 3 यूपी आईडी एक्ट 2005 में मामला दर्ज किया गया. जिसकी विवेचना एसआई पंकज जोशी ने की. जांच में पता चला कि कंपनी की ओर से खाताधारकों और निवेशकों की आरडी एंड एफडी जिनकी परिपक्वता अवधि पूरी हो चुकी थी. उनका पैसा नहीं लौटाया गया. जिसका आरोप पत्र कोर्ट में 2021 में चला.

गौर हो कि इस मामले में आरोपी दीपक राम फरार चल रहा था. जिसे पुलिस ने जुलाई 2021 में बागेश्वर से दबोचा था. दीपक राम निवासी बनेगांव, कांडा, बागेश्वर, सोसाइटी का सह प्रबंधक था. दीपक राम पर करीब 56 लाख रुपए के गबन का आरोप लगा था. जबकि, मुख्य आरोपी प्रदीप अस्थाना को चंपावत से गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में अल्मोड़ा के सोमेश्वर पुलिस ने फरार इनामी आरोपी राजेश कुमार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था. राजेश पर 55 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप था. आरोपी राजेश कुमार को पुलिस ने इसी साल यानी जनवरी 2023 में दबोचा था. आरोपी राजेश मूल रूप से 1002 छोटा मोहल्ला, धौलाना, मुरादाबाद यूपी का रहने वाला है.
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आरोपी प्रदीप अस्थाना को 5 साल तो दीपक राम और जयपाल पालनी को 3-3 साल की सजाः एक अन्य मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने पैरवी की. मामले में 12-12 गवाह पेश कराए गए. गवाहों को सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करते हुए न्यायाधीश खुल्बे ने सोसाइटी के संचालक प्रदीप अस्थाना को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

वहीं, अन्य आरोपी दीपक राम और जयपाल पालनी को 3-3 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में कोतवाली और गरुड़ के मामले में अधिवक्ता ने 50 गवाह पेश किए. जबकि, बागेश्वर वाले मामले में कपंनी पर 80 लाख और बैजनाथ मामले में 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है. इस राशि से खाताधारकों की राशि लौटाई जाएगी.
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