बागेश्वर: आमतौर पर शादी की बात करते ही दो-चार दिनों का बिजी शेड्यूल, ढेर सारी रस्में और रीति-रिवाज मन में आते हैं. और आएं भी क्यों न, क्योंकि अमूमन हम अपने आसपास इसी तरह की शादियां देखते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां धूम-धड़ाका और चमक-दमक के नाम पर लाखों रुपए खर्च न कर बड़ी ही सादगी से विवाह संपन्न किया गया और वो भी सिर्फ 17 मिनट में.
बागेश्वर जिले के कपकोट गांव में एक जोड़े ने कबीर पंथी विधि विधान से शादी की. बागेश्वर जनपद में पहली बार ग्राम जारती, कपकोट में शादी के दौरान एक नया उदाहरण देखने को मिला. नवदंपति ने परमेश्वर कबीर साहेब व गुरू प्रतिमा को साक्षी मानकर एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया और 17 मिनट में विधि-विधान से साथ ये शादी संपन्न हो गई.
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इस अनोखी शादी में न दहेज लिया गया, न बाराती आए और न ही बैंड बाजा था. यही नहीं, दूल्हा पंकज और दुल्हन निर्मला मेहता भी सादे कपड़ों में थे. नवदंपति का कबीर पंथी विधि विधान से शादी करने का उद्देश्य फिजूलखर्ची को रोकना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देना, दहेज प्रथा व आडम्बर को मिटाना है. गुरुवाणी असुर निकन्दन रैमनी तैंतीस कोटि देवताओं की स्तुति के साथ मात्र 17 मिनट में दोनों एक दूसरे के हमसफर बन गए.
दोनों परिवार कबीर पंथी संत रामपाल जी महाराज जी के नाम दीक्षित हैं. इस शादी में दोनों पक्षों ने एक रुपये के दहेज का भी लेनदेन नहीं किया. दूल्हा पंकज स्टेट बैंक सल्ट में कार्यरत है. वहीं दुल्हन निर्मला ग्राम्य विभाग बागेश्वर में कार्यरत है. शादी समारोह के दौरान कोविड-19 के नियमों का भी पूरा ख्याल रखा गया. शादी में केवल परिवार के लोग ही शामिल रहे.