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महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने खोला राज, बोले- ये काम कर लेता तो PM भी बन जाता

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बागेश्वर में ठेठ पहाड़ी अंदाज में लोगों को संबोधित किया. उन्होंने युवाओं को नेतागिरी की बजाय शिक्षा पर ध्यान देने को कहा. साथ ही पारंपरिक खेती पर भी जोर दिया.

bhagat singh koshyari
भगत सिंह कोश्यारी
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Published : Nov 5, 2021, 8:37 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 10:57 PM IST

बागेश्वर/बेरीनागः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शुक्रवार को अपने पैतृक गांव नामटी चेटाबगड़ पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. वहीं प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कार्यक्रम में कोश्यारी ठेठ पहाड़ी अंदाज में दिखे और इसी अंदाज में ही ग्रामीणों को संबोधित भी किया. उन्होंने सभी से अपनी पारंपरिक खेती में ध्यान देने को कहा. साथ ही युवाओं को शिक्षा पर जोर देने की अपील कर मजाकिए अंदाज में कहा कि मैं थोड़ा और पढ़ा होता तो राज्यपाल नहीं, पीएम होता.

पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति बचाने में दे रही योगदानः भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मां भगवती की कृपा और जनता के आशीर्वाद से विभिन्न पदों में रहने के साथ ही वो मुख्यमंत्री बने. नैनीताल की जनता ने लोकसभा में भेजा. इससे उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल भी बनाया गया. राज्यपाल का पद संभालने के बाद मां भगवती का आशीर्वाद लेने आए हैं. साथ ही कहा कि पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं.

पहाड़ में खेती की अपार संभावनाएंः बचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कल्याण राम उन्हें रमाड़ी की चढ़ाई के दौरान पीठ पर ले जाते थे. मैं गांव से पिथौरागढ़ तक पैदल गया हूं. मेरे माता पिता ने मुझे खेती करके पढ़ाया है. उन्होंने युवाओं से पढ़ाई के साथ ही पारंपरिक खेती पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास किया तो अब सड़क से चल रहे हैं. पहाड़ में खेती की संभावनाएं हैं. उन्होंने भीम सिंह कोरंगा के शामा में कीवी की खेती को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ के गर्भगृह से LIVE प्रसारण पर भड़की कांग्रेस, गोदियाल बोले- PM ने तोड़ी मर्यादा

वहीं, उन्होंने कहा कि मेहनत के बाद भी कम ही पढ़ पाया तो राज्यपाल बन गया. यदि और अधिक पढ़ा होता तो देश का प्रधानमंत्री बन जाता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेता देश को मिलना देश का सौभाग्य है. कोश्यारी ने युवाओं से नेतागिरी में न आने को कहा. उनका कहना है कि नेतागिरी में काफी मेहनत भी है तो इसके लिए हर मोर्चे के लिए तैयार रहना होता है. नेतागिरी में फूलों की मालाएं मिलती हैं तो कई जगह जूतों की माला भी पड़ती है. उन्होंने पूरा भाषण पहाड़ी भाषा में ही दिया.

ये भी पढ़ेंः PM ने किया अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र, यूपी-उत्तराखंड चुनाव पर पड़ेगा कितना असर

मुवानी को बनाया जाएगा शिक्षा का हबः भगत सिंह कोश्यारी मुवानी के शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने विद्यालय के शैक्षिक भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. साथ ही अतिथि भवन का लोकार्पण भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुवानी को शिक्षा का हब बनाया जाएगा. लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महाराष्ट्र की स्वरोजगार नीति लागू की जाएगी. इसके लिए वहां के काश्तकारों को यहां भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ेंः बंशीधर भगत का यशपाल आर्य पर तंज, BJP में रहते खतरे में दिख रहा था भविष्य

महामंडलेश्वर ने राज्यपाल को किया सम्मानितः मुवानी में कार्यक्रम के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में राज्यपाल का पद बखूबी निभा कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. वहीं, राज्यपाल कोश्यारी थल भी पहुंचे. जहां ढोल-नगाड़ों से उनका भव्य स्वागत किया गया.

बागेश्वर/बेरीनागः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शुक्रवार को अपने पैतृक गांव नामटी चेटाबगड़ पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. वहीं प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कार्यक्रम में कोश्यारी ठेठ पहाड़ी अंदाज में दिखे और इसी अंदाज में ही ग्रामीणों को संबोधित भी किया. उन्होंने सभी से अपनी पारंपरिक खेती में ध्यान देने को कहा. साथ ही युवाओं को शिक्षा पर जोर देने की अपील कर मजाकिए अंदाज में कहा कि मैं थोड़ा और पढ़ा होता तो राज्यपाल नहीं, पीएम होता.

पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति बचाने में दे रही योगदानः भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मां भगवती की कृपा और जनता के आशीर्वाद से विभिन्न पदों में रहने के साथ ही वो मुख्यमंत्री बने. नैनीताल की जनता ने लोकसभा में भेजा. इससे उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल भी बनाया गया. राज्यपाल का पद संभालने के बाद मां भगवती का आशीर्वाद लेने आए हैं. साथ ही कहा कि पहाड़ की महिलाएं अपनी संस्कृति को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं.

पहाड़ में खेती की अपार संभावनाएंः बचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कल्याण राम उन्हें रमाड़ी की चढ़ाई के दौरान पीठ पर ले जाते थे. मैं गांव से पिथौरागढ़ तक पैदल गया हूं. मेरे माता पिता ने मुझे खेती करके पढ़ाया है. उन्होंने युवाओं से पढ़ाई के साथ ही पारंपरिक खेती पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास किया तो अब सड़क से चल रहे हैं. पहाड़ में खेती की संभावनाएं हैं. उन्होंने भीम सिंह कोरंगा के शामा में कीवी की खेती को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया.

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वहीं, उन्होंने कहा कि मेहनत के बाद भी कम ही पढ़ पाया तो राज्यपाल बन गया. यदि और अधिक पढ़ा होता तो देश का प्रधानमंत्री बन जाता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेता देश को मिलना देश का सौभाग्य है. कोश्यारी ने युवाओं से नेतागिरी में न आने को कहा. उनका कहना है कि नेतागिरी में काफी मेहनत भी है तो इसके लिए हर मोर्चे के लिए तैयार रहना होता है. नेतागिरी में फूलों की मालाएं मिलती हैं तो कई जगह जूतों की माला भी पड़ती है. उन्होंने पूरा भाषण पहाड़ी भाषा में ही दिया.

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मुवानी को बनाया जाएगा शिक्षा का हबः भगत सिंह कोश्यारी मुवानी के शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने विद्यालय के शैक्षिक भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. साथ ही अतिथि भवन का लोकार्पण भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुवानी को शिक्षा का हब बनाया जाएगा. लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महाराष्ट्र की स्वरोजगार नीति लागू की जाएगी. इसके लिए वहां के काश्तकारों को यहां भेजा जाएगा.

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महामंडलेश्वर ने राज्यपाल को किया सम्मानितः मुवानी में कार्यक्रम के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में राज्यपाल का पद बखूबी निभा कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. वहीं, राज्यपाल कोश्यारी थल भी पहुंचे. जहां ढोल-नगाड़ों से उनका भव्य स्वागत किया गया.

Last Updated : Nov 5, 2021, 10:57 PM IST
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