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बागेश्वर पुलिस ने साइबर अपराधी को बिहार से किया गिरफ्तार, खाते से उड़ाए थे 3 लाख 40 हजार रुपए

बागेश्वर के एक युवक से एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर 3,39,900 रुपए उड़ाने वाला साइबर अपराधी को पुलिस ने बिहार से दबोचा है. साथ ही झारखंड के देवघर और बिहार के शेखपुरा में एक्टिव गैंग का भी पर्दाफाश किया है. मामले में दो आरोपी फरार चल रहे हैं.

Cyber Criminal arrested
बागेश्वर पुलिस ने साइबर अपराधी को बिहार से किया गिरफ्तार
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Published : Nov 16, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 4:28 PM IST

बागेश्वरः साइबर अपराधियों के खिलाफ बागेश्वर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने एनीडेस्क डाउनलोड कराकर 3 लाख 39 हजार 900 रुपए की धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एटीएमम समेत अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं. वहीं, मामले में फरार दो आरोपियों को नोटिस भी जारी किया गया है.

बागेश्वर पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा (Bageshwar SP Himanshu Kumar Verma) ने बताया कि बीती 2 सितंबर को चंचल सिंह पुत्र जौहार सिंह ने साइबर क्राइम सेल में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन कर खुद को बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बताया. जिसके बाद झांसे में लेकर पीड़ित से एनीडेस्क मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड (Anydesk Mobile App Fraud Case) करवा दिया. जैसे ही पीड़ित ने लिंक पर किया तो उसके बैंक खाते से 3,39,900 रुपए गायब हो गए. जिसे देख उसके होश उड़ गए.

बागेश्वर पुलिस ने साइबर अपराधी को बिहार से किया गिरफ्तार.

वहीं, शिकायत के आधार पर एसपी हिमांशु वर्मा ने साइबर सेल क्राइम (Cyber Crime Cell) को आरोपियों के बारे में तकनीकी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए. मामले में साइबर सेल ने गहन तकनीकी विश्लेषण किया तो आरोपी बिहार के शेखपुरा में एक्टिव मिला. जिसके बाद मामले में कपकोट थाने में 420 में मुकदमा दर्ज किया गया. जिसकी विवेचना उनि प्रहलाद सिंह को सौंपी.
ये भी पढ़ेंः हिमाचल के महबूब ने उत्तराखंड की 'महबूबा' को दिया तीन तलाक, चिट्ठी लिखकर तोड़ा नाता

उनि प्रहलाद सिंह के नेतृत्व में टीम को आरोपी की धरपकड़ के लिए बिहार और झारखंड रवाना हुई. जहां टीम ने आरोपियों के एक्टिव ठिकानों में पालोजोरी, देवघर, सारज खुखजोरा, अस्थावा, नालंदा आदि स्थानों में दबिश दी. दबिश के दौरान पुलिस ने आरोपी पवन कुमार पुत्र गोरेलाल महतो, निवासी ग्राम अंडौली, थाना चेवरा, जिला शेखपुरा (बिहार) को गिरफ्तार किया. आरोपी के पास से 3 एटीएम कार्ड भी बरामद हुआ है.

उधर, दूसरा आरोपी जीया राम महतो पुत्र नीमाई चंद्र महतो, निवासी बिरूवामरानी, थाना खागा, जिला देवघर, (झारखंड) फरार चल रहा है. इसके अलावा एक किशोर भी शामिल है.जिस पर पुलिस ने परिजनों को नोटिस तामील किया गया है.

ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

  • फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.
  • ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
  • इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
  • किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
  • बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
  • बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
  • लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  • फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
  • साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
  • सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
  • बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.

बागेश्वरः साइबर अपराधियों के खिलाफ बागेश्वर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने एनीडेस्क डाउनलोड कराकर 3 लाख 39 हजार 900 रुपए की धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एटीएमम समेत अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं. वहीं, मामले में फरार दो आरोपियों को नोटिस भी जारी किया गया है.

बागेश्वर पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा (Bageshwar SP Himanshu Kumar Verma) ने बताया कि बीती 2 सितंबर को चंचल सिंह पुत्र जौहार सिंह ने साइबर क्राइम सेल में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन कर खुद को बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बताया. जिसके बाद झांसे में लेकर पीड़ित से एनीडेस्क मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड (Anydesk Mobile App Fraud Case) करवा दिया. जैसे ही पीड़ित ने लिंक पर किया तो उसके बैंक खाते से 3,39,900 रुपए गायब हो गए. जिसे देख उसके होश उड़ गए.

बागेश्वर पुलिस ने साइबर अपराधी को बिहार से किया गिरफ्तार.

वहीं, शिकायत के आधार पर एसपी हिमांशु वर्मा ने साइबर सेल क्राइम (Cyber Crime Cell) को आरोपियों के बारे में तकनीकी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए. मामले में साइबर सेल ने गहन तकनीकी विश्लेषण किया तो आरोपी बिहार के शेखपुरा में एक्टिव मिला. जिसके बाद मामले में कपकोट थाने में 420 में मुकदमा दर्ज किया गया. जिसकी विवेचना उनि प्रहलाद सिंह को सौंपी.
ये भी पढ़ेंः हिमाचल के महबूब ने उत्तराखंड की 'महबूबा' को दिया तीन तलाक, चिट्ठी लिखकर तोड़ा नाता

उनि प्रहलाद सिंह के नेतृत्व में टीम को आरोपी की धरपकड़ के लिए बिहार और झारखंड रवाना हुई. जहां टीम ने आरोपियों के एक्टिव ठिकानों में पालोजोरी, देवघर, सारज खुखजोरा, अस्थावा, नालंदा आदि स्थानों में दबिश दी. दबिश के दौरान पुलिस ने आरोपी पवन कुमार पुत्र गोरेलाल महतो, निवासी ग्राम अंडौली, थाना चेवरा, जिला शेखपुरा (बिहार) को गिरफ्तार किया. आरोपी के पास से 3 एटीएम कार्ड भी बरामद हुआ है.

उधर, दूसरा आरोपी जीया राम महतो पुत्र नीमाई चंद्र महतो, निवासी बिरूवामरानी, थाना खागा, जिला देवघर, (झारखंड) फरार चल रहा है. इसके अलावा एक किशोर भी शामिल है.जिस पर पुलिस ने परिजनों को नोटिस तामील किया गया है.

ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

  • फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.
  • ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
  • इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
  • किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
  • बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
  • बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
  • लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  • फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
  • साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
  • सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
  • बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.
Last Updated : Nov 16, 2022, 4:28 PM IST
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