बागेश्वरः लंबी जद्दोजहद के बाद 2 करोड़ 88 लाख की लागत से बिलौना में बस अड्डा तो तैयार हुआ, लेकिन उसकी देखरेख नहीं की जा रही है. जिसके चलते बस अड्डा बदहाल होती जा रही है. इसे बस अड्डा बनाया गया था, लेकिन अभी भी संचालन बस स्टेशन के रूप में हो रहा है. इतना ही नहीं यहां से मात्र दो बसें ही संचालित हो रही है. बाकी बसें यहां खड़ी भी नहीं होती है.
बता दें कि बागेश्वर के बिलौना में 2 करोड़ 88 लाख की लागत से उत्तराखंड परिवहन निगम का बस अड्डा बनाया गया है, लेकिन बस अड्डे को बस स्टेशन के रूप में संचालित किया जा रहा है. साल 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका लोकार्पण किया था. यहां पर मात्र 2 कर्मचारी तैनात हैं. कोरानाकाल में इसका उपयोग स्टेजिंग एरिया के रूप में किया गया, लोकार्पण के बाद प्रदेश सरकार इसे भूल गई है.
ये भी पढ़ेंः 12 साल बाद भी नहीं बन पाया पौड़ी बस अड्डा, नवनिर्वाचित विधायक ने जगाई आस
वर्तमान में यहां रोडवेज की केवल 2 बसें ही आती हैं. एक बरेली-बागेश्वर और दूसरी देहरादून-बागेश्वर बस. देखरेख के अभाव में भवन में कई जगह दरारें पड़ गई हैं. सीलन से प्लास्टर उखड़ रहा है. जिससे कार्यदायी संस्था के कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. आलम तो ये है कि फर्श पर जगह-जगह घास उग आई है. शौचालयों के नलों में जंग लग चुका है. सफाई व्यवस्था तो भगवान ही भरोसे है.
क्या बोले स्टेशन इंचार्ज? स्टेशन इंचार्ज हस्ती बल्लभ उपाध्याय ने बताया कि स्टेशन में अभी मात्र दो बस रुक रही हैं. बाकी बसें बाजार से ही होकर जाती है. उन्होंने कहा कि सुबह और शाम दो लोग यहां रहते हैं. कर्मचारियों की कमी से काम प्रभावित भी होता है.
परिवहन मंत्री चंदन राम दास से उम्मीदः वहीं, बागेश्वर विधायक चंदन राम दास (Transport Minister Chandan Ram Das) के परिवहन मंत्री बनने के बाद बस अड्डे के असली स्वरूप में आने की उम्मीद जगी है. हालांकि, अभी तक मंत्री बनने के बाद उन्होंने स्टेशन का निरीक्षण तक नहीं किया है.