बागेश्वरः जिले में शुक्रवार दोपहर से जारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त (Rain disrupted life in Bageshwar) हो गया है. कई जगह मलबा घरों में घुस गया है. कई मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं. वहीं, नंदी गांव में एक आवासीय मकान ध्वस्त (House demolished in Nandi village of Bageshwar) हो गया है. गनीमत रही कि मकान क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा होने पर परिवार के लोग घर से बाहर निकल आए. इससे जनहानि होने से बच गई. जिले की 19 सड़कें मलबा आने से बाधित हैं. हालांकि, सड़कों पर यातायात बहाल करने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है. वहीं, मौसम विभाग ने रविवार को जिले में भारी बारिश की आशंका जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग की मानें तो शनिवार को जिला मुख्यालय में 54, कपकोट में 60 और गरुड़ में 40 एमएम बारिश हुई है. बारिश से सरयू और गोमती नदी उफान पर है. बारिश के दौरान काफलीगैर तहसील के नंदीगांव में सुंदर लाल पुत्र राम लाल का मकान ध्वस्त हो गया. कपकोट के शामा निवासी रूप सिंह पुत्र कुशल सिंह का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है. साथ ही कई जगह ग्रामीणों के मकानों में दरारें आ गई हैं या उनपर भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है.
शनिवार को बागेश्वर-कपकोट सड़क जिला मुख्यालय के आरे के पास पहाड़ी दरकने से बंद (Bageshwar Kapkot road closed) हो गई. पहाड़ी का बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गिरा. बीआरओ ने सड़क को खोलने के लिए दोनों ओर से जेसीबी मशीन और बुलडोजर लगाए हैं. सड़क बंद होने से दोनों ओर 108 एंबुलेंस समेत सैकड़ों वाहन फंस गए. हालांकि देर शाम तक सड़क को खोलने में बीआरओ कामयाब भी रहा.
ये भी पढ़ेंः देहरादून मसूरी मार्ग पर बड़ा लैंडस्लाइड, घटों की मशक्कत के बाद खुला मार्ग
लगातार हो रही बारिश से बागेश्वर से गिरेछीना जाने वाली सड़क द्वारिकाछीना के पास मलबा गिरने से बाधित रही. बागेश्वर-दफौट, कांडा-सानिउडियार-रावतसेरा, जेठाई-बंगचुड़ी, डंगोली-सलानी, बिजोरीझाल-ओखलसों, बीनातोली-कुंझाली, सिमगड़ी, कमेड़ीदेवी-भैसूड़ी, कठपुड़ियाछीना-सिया, हरू मंदिर मोटर मार्ग में अब भी बाधित है. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बागेश्वर-गरुड़, कमेड़ी-पाये, सिमकुना-बाजड़, भयूं-गडेरा, बागेश्वर-दफौट-धरमघर, बागेश्वर-तेजम सड़क पर भी यातायात लगातार बाधित हो रहा है.
पौड़ी डीएम और एसएसपी ने लिया जायजाः पौड़ी के यमकेश्वर में आपदा से हुए नुकसान का डीएम और एसएसपी ने जायजा लिया. यमकेश्वर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर हुए जान-माल के नुकसान का जायजा लेने जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने आपदा प्रभावित क्षेत्र बैरागढ़ ग्राम सिंदुडी पहुंचे.
आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को गदेरे का बहाव गांव के दूसरे तरफ करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए ड्रेन व खाई खुदवाने के निर्देश दिए. ग्रामीणों ने पानी के बहाव को रोकने के लिए आरसीसी की दीवार बनाने की मांग की है.
जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को आपदा मोचन निधि से प्रभावितों को तत्काल राहत राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए. गांव में हो रहे पशु चारे की समस्याओं को दूर करने के लिए जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी यमकेश्वर को निर्देश दिए हैं. पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि पानी की स्थाई व्यवस्था न होने तक गांव में पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था करना सुनिश्चित करें.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत, सड़क से लेकर कस्बे तक डूबे, कहीं मकान ढहे तो कहीं गाड़ियां बहीं
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने ग्राम मराल का निरीक्षण किया. साथ ही प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. वहीं जिलाधिकारी ने मामले का गहनता से संज्ञान लेते हुए मराल गांव का जियोलॉजीकल सर्वे कराने के लिए उपजिलाधिकारी यमकेश्वर को निर्देश दिए हैं.