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गर्भवती मौत मामला: प्रशासन के आश्वासन पर युवा जन संघर्ष मंच का आंदोलन समाप्त

गर्भवती महिला की मौत के मामले को लेकर जिला अस्पताल अल्मोड़ा में युवा जन संघर्ष मंच का आंदोलन खत्म हो गया है. एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने उन्हें जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

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गर्भवती महिला मौत मामला
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Published : Sep 3, 2020, 8:09 PM IST

अल्मोड़ा: गर्भवती महिला की मौत मामले को लेकर जिला अस्पताल में युवा जन संघर्ष मंच का विगत चार दिनों से जारी धरना आज खत्म हो गया है. ये धरना प्रशासन के आश्वासन के बाद खत्म किया गया. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे. हालांकि, प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस प्रशासन के साथ तीखी नोकझोंक भी देखी गई.

जन संघर्ष मंच का आंदोलन समाप्त.

बता दें कि, विगत चार दिनों से चल रहे आंदोलन को आज खत्म कर दिया गया है. एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से बातचीत की और उन्हें मांग पूरी होने का आश्वासन दिया. उन्होंने आगामी 15 सितंबर तक इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही है.

पढ़ें- कोटद्वार: क्या ऐसे बनेगा डिजिटल इंडिया, ब्लॉक मुख्यालय में ही नहीं मोबाइल नेटवर्क

वहीं, मंच के संयोजक मनोज बिष्ट ने प्रशासन को हिदायत देते हुए कहा की अगर तय समय के अनुसार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

दरअसल, कोसी कटारमल निवासी 5 माह की गर्भवती आशा देवी की अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 20 अगस्त को मौत हो गयी थी. जिसके बाद से ही राजनीतिक और सामाजिक संगठन के लोगों में रोष बना हुआ है. सभी की मांग है कि दोषियों को जल्द ही सजा दी जाए.

अल्मोड़ा: गर्भवती महिला की मौत मामले को लेकर जिला अस्पताल में युवा जन संघर्ष मंच का विगत चार दिनों से जारी धरना आज खत्म हो गया है. ये धरना प्रशासन के आश्वासन के बाद खत्म किया गया. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे. हालांकि, प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस प्रशासन के साथ तीखी नोकझोंक भी देखी गई.

जन संघर्ष मंच का आंदोलन समाप्त.

बता दें कि, विगत चार दिनों से चल रहे आंदोलन को आज खत्म कर दिया गया है. एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से बातचीत की और उन्हें मांग पूरी होने का आश्वासन दिया. उन्होंने आगामी 15 सितंबर तक इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही है.

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वहीं, मंच के संयोजक मनोज बिष्ट ने प्रशासन को हिदायत देते हुए कहा की अगर तय समय के अनुसार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

दरअसल, कोसी कटारमल निवासी 5 माह की गर्भवती आशा देवी की अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 20 अगस्त को मौत हो गयी थी. जिसके बाद से ही राजनीतिक और सामाजिक संगठन के लोगों में रोष बना हुआ है. सभी की मांग है कि दोषियों को जल्द ही सजा दी जाए.

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