रामनगर: उत्तराखंड में अक्सर वन्यजीवों और मानव के बीच संघर्ष की घटनाएं सामने आती रहती है. ताजा मामला अल्मोड़ा जिले के मरचूला का है, जहां बाघ ने महिला का शिकार कर लिया. महिला की मौत को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. इसीलिए ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर नेशनल हाईवे को जाम किया और वन विभाग से बाघ के खौफ से निजात दिलाने की मांग की.
जानकारी के मुताबिक झडग़ांव की महिला बुधवार को जंगल में घास लेने गई थी, तभी उस पर बाघ ने हमला कर दिया. बाघ से हमले से महिला की मौत हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के अक्सर रिहायशी इलाके में घूस आता है, जिससे उनके मवेशियों के साथ उनकी जान को भी खतरा है. ग्रामीण कई बार वन विभाग की गुहार लगा चुके है कि बाघ को पकड़कर इलाके से दूर छोड़ा जाए. इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने गुरुवार को नेशनल हाईवे पर जाम किया.
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ग्रामीणों की मांग है कि मृतक महिला को परिजनों को एक करोड़ रुपए दिया जाए, साथ ही उसके बच्चे को नौकरी भी दी जाए. मामला बढ़ा तो वन विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर पहुंचना पड़ा. इस दौरान रेंजर विक्रम सिंह कैड़ा के साथ ग्रामीणों की तिखी बहस भी हुई.
वहीं, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह ने कहा कि इलाके में बाघ के हमले की चार घटनाएं हो चुकी हैं. इसके बाद भी वन विभाग नींद से जागने को तैयार नहीं है. उन्होंने क्षेत्रीय विधायक महेश जीना पर ग्रामीणों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. आरोप है कि विधायक के लोगों ने ग्रामीणों के साथ हाथापाई की.
वहीं, मामले में उपजिलाधिकारी गौरव पांडे ने बताया कि वन विभाग की नियमावली के अनुसार 4 से 6 लाख का मुआवजा मृतक के परिवार को दिया जाएगा, साथ ही उन्होंने कहा कि नौकरी दिए जाने के संबंध में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा.