अल्मोड़ा: रानीखेत छावनी परिषद के सिविल क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करने के संबंध में रानीखेत तहसील के सभागार में प्रशासन की तरफ से एक बैठक आयोजित की गई. इसी बीच मीटिंग में रानीखेत विकास संघर्ष समिति को आमंत्रित नहीं किए जाने पर समिति ने नाराजगी व्यक्त कर करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है. दरअसल रानीखेत संघर्ष समिति पिछले लंबे समय से छावनी परिषद के सिविल क्षेत्र को नगरपालिका में मिलाए जाने की मांग कर रही है.
संघर्ष समिति को आमंत्रित न करने पर सीएम को भेजा ज्ञापन: समिति के सदस्यों ने कहा कि पहले ही संयुक्त मजिस्ट्रेट को नगरपालिका के गठन के संबंध में होने वाली किसी भी बैठक में समिति को बुलाने और जानकारी देने के लिए कहा गया था, लेकिन शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई. जिसमें समिति को नजरअंदाज किया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में समिति की ओर से कहा गया है कि भविष्य में यह आंदोलन और भी उग्र रुप लेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.
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रानीखेत में सिविल क्षेत्र के लोग हैं परेशान: रानीखेत छावनी परिषद के सिविल क्षेत्र में रहने वाले नागरिक अपने भवनों की मरम्मत सहित विभिन्न निर्माण कार्य नहीं कर पा रहे हैं. जिसके लिए उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सिविल क्षेत्र को नगर पालिका में मिलाए जाने की मांग को लेकर रानीखेत संघर्ष समिति के बैनर तले गांधी चौक में पिछले छह माह से धरना दे रहे हैं.
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