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पंचायत चुनाव: महिला संगठनों ने बुलंद की आवाज, कहा- नहीं बनेंगी किसी के हाथों की कठपुतली

उत्तराखंड में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए महिला संगठनों में भारी उत्साह है. स्वीप अभियान के अन्तर्गत गांव-गांव नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है.

पंचायत चुनाव
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Published : Sep 6, 2019, 3:15 PM IST

सोमेश्वरः राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज होने लगी है. पंचायत चुनावों को लेकर महिलाएं भी आगे आकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद कर रहीं हैं. इसी क्रम में महिलाओं को पंचायत चुनाव में सक्रिय करने के उद्देश्य से 4 महिला संगठनों की संयुक्त बैठक में ऐलान किया गया कि वह किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनेंगी. वह अपने पति या अन्य पारिवारिक सदस्य को अपना प्रतिनिधि नहीं बनाएंगी, बल्कि खुद सामाजिक, प्रशासनिक और पंचायत के कार्यों का सम्पादन करेंगी.

द हंगर प्रोजेक्ट तथा संजीवनी विकास एवं जनकल्याण समिति के तत्वाधान में आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए महिलाओं के अधिकार व सुरक्षा को लेकर बैठक हुई. बैठक में महिला प्रधान व वार्ड सदस्यों को तहसील, थाने व विकासखण्ड के अधिकारियों ने दस्तावेजों व सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी दी.

इस मौके पर बीएलओ खीला देवी व विमला देवी ने भी महिलाओं को जानकारी दी. कार्यक्रम की संयोजक पुष्पा बोरा ने पंचायत में महिलाओं की भूमिका मजबूत करने व भागदीरी बढ़ाने के लिये किये जा रहे जागरूकता अभियान के बारे में बताया,

उन्होंने कहा कि महिलाओं को पंचायत में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिये स्वयं ही प्रस्तावक, अनुमोदक व एजेण्ट भी बनना होगा तभी उन्हें चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण का पूरा सही लाभ मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि स्वीप अभियान के अन्तर्गत आचार संहिता लगने तक गांव-गांव नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से महिलाओं व ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा.

कौशल्या बिष्ट ने कहा कि योग्य महिलायें जो कठपुतली न बनकर अपने बलबूते पर काम कर सकें इसके लिये जागरूकता आवश्यक है. भगवती उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं को विभिन्न प्रकार की हिंसाओं का सामना करना पड़ता है.

जिसके लिये उन्हें उचित सहयोगी कानूनी प्रयासों की जानकारी चाहिए ताकि महिलायें सुरक्षित महसूस करें और अपने अधिकार के लिये आगे आएं. इस दौरान महिलाओं ने अधिकारियों से आय प्रमाण पत्र बनने में देरी, महिला सुरक्षा व पंचायत दस्तावेजों की जानकारी से सम्बंधित सवाल पूछे.

यह भी पढ़ेंः रुड़की: भाकियू ने बिजली कटौती के खिलाफ किया प्रदर्शन, अधिकारियों का किया घेराव

ग्राम विकास अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने महिलाओं को नामांकन दस्तावेजों के बारे में सुझाव दिया. सोमेश्वर थाने के एस आई हरीश प्रसाद ने कहा कि झगड़ा फसाद होने या जबरन दबाव बनाये जाने की स्थिति में तुरन्त पुलिस को सूचित करें.

बैठक में संजीवन संस्था के मानव संसाधन प्रमुख नीरज भाई, बसंत पाण्डे, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश बोरा, राजस्व उपनिरीक्षक रवि मोहन बिष्ट, प्रधान सुनीता आर्या, लाजवंती देवी, देवकी देवी, लीला भण्डारी, बसन्ती देवी आदि की मौजूदगी रही.

सोमेश्वरः राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज होने लगी है. पंचायत चुनावों को लेकर महिलाएं भी आगे आकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद कर रहीं हैं. इसी क्रम में महिलाओं को पंचायत चुनाव में सक्रिय करने के उद्देश्य से 4 महिला संगठनों की संयुक्त बैठक में ऐलान किया गया कि वह किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनेंगी. वह अपने पति या अन्य पारिवारिक सदस्य को अपना प्रतिनिधि नहीं बनाएंगी, बल्कि खुद सामाजिक, प्रशासनिक और पंचायत के कार्यों का सम्पादन करेंगी.

द हंगर प्रोजेक्ट तथा संजीवनी विकास एवं जनकल्याण समिति के तत्वाधान में आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए महिलाओं के अधिकार व सुरक्षा को लेकर बैठक हुई. बैठक में महिला प्रधान व वार्ड सदस्यों को तहसील, थाने व विकासखण्ड के अधिकारियों ने दस्तावेजों व सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी दी.

इस मौके पर बीएलओ खीला देवी व विमला देवी ने भी महिलाओं को जानकारी दी. कार्यक्रम की संयोजक पुष्पा बोरा ने पंचायत में महिलाओं की भूमिका मजबूत करने व भागदीरी बढ़ाने के लिये किये जा रहे जागरूकता अभियान के बारे में बताया,

उन्होंने कहा कि महिलाओं को पंचायत में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिये स्वयं ही प्रस्तावक, अनुमोदक व एजेण्ट भी बनना होगा तभी उन्हें चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण का पूरा सही लाभ मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि स्वीप अभियान के अन्तर्गत आचार संहिता लगने तक गांव-गांव नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से महिलाओं व ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा.

कौशल्या बिष्ट ने कहा कि योग्य महिलायें जो कठपुतली न बनकर अपने बलबूते पर काम कर सकें इसके लिये जागरूकता आवश्यक है. भगवती उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं को विभिन्न प्रकार की हिंसाओं का सामना करना पड़ता है.

जिसके लिये उन्हें उचित सहयोगी कानूनी प्रयासों की जानकारी चाहिए ताकि महिलायें सुरक्षित महसूस करें और अपने अधिकार के लिये आगे आएं. इस दौरान महिलाओं ने अधिकारियों से आय प्रमाण पत्र बनने में देरी, महिला सुरक्षा व पंचायत दस्तावेजों की जानकारी से सम्बंधित सवाल पूछे.

यह भी पढ़ेंः रुड़की: भाकियू ने बिजली कटौती के खिलाफ किया प्रदर्शन, अधिकारियों का किया घेराव

ग्राम विकास अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने महिलाओं को नामांकन दस्तावेजों के बारे में सुझाव दिया. सोमेश्वर थाने के एस आई हरीश प्रसाद ने कहा कि झगड़ा फसाद होने या जबरन दबाव बनाये जाने की स्थिति में तुरन्त पुलिस को सूचित करें.

बैठक में संजीवन संस्था के मानव संसाधन प्रमुख नीरज भाई, बसंत पाण्डे, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश बोरा, राजस्व उपनिरीक्षक रवि मोहन बिष्ट, प्रधान सुनीता आर्या, लाजवंती देवी, देवकी देवी, लीला भण्डारी, बसन्ती देवी आदि की मौजूदगी रही.

Intro:सोमेश्वर में महिलाओं को पंचायत चुनाव में सक्रिय करने के उद्देश्य से 4 महिला संगठनों की संयुक्त बैठक में ऐलान किया गया कि वह किसी के हाथ की कठपुतली नही बनेंगी। वह अपने पति या अन्य पारिवारिक सदस्य को अपना प्रतिनिधि नही बनाएंगी बल्कि खुद सामाजिक, प्रशासनिक और पंचायत के कार्यों का सम्पादन करेंगी।Body:सोमेश्वर। द हंगर प्रोजक्ट तथा संजीवनी विकास एवं जन कल्याण समिति के तत्वाधान में आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए महिलाओं के अधिकार व
सुरक्षा को लेकर बैठक हुई। फन एण्ड फूड सभागार में हुई बैठक में महिला प्रधान व वार्ड सदस्यों को तहसील, थाने व विकासखण्ड के अधिकारियों ने दस्तावेजों व सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी दी।
इस मौके पर बी0एल0ओ0 खीला देवी व विमला देवी ने भी महिलाओं को जानकारी दी। कार्यक्रम की संयोजक पुष्पा बोरा ने पंचायत में महिलाओं की भूमिका मजबूत करने व भागदीरी बढ़ाने के लिये किये जा रहे स्वीप जागरूकता अभियान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पंचायत में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिये स्वयं ही प्रस्तावक, अनुमोदक व एजेण्ट भी बनना होगा। तभी उन्हें चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण का पूरा सही लाभ मिल सकेगा। कहा कि स्वीप अभियान के अन्तर्गत आचार संहिता लगने तक गांव-गांव नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से महिलाओं व ग्रामीणों को जागरूक किया जायेगा।
कौशल्या बिष्ट ने कहा कि योग्य महिलायें जो कठपुतली न बनकर अपने बलबूते पर काम कर सकें, इसके लिये जागरूकता आवश्यक है। भगवती उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं को विभिन्न प्रकार की हिंसाओं का सामना करना पड़ता है। जिसके लिये उन्हें उचित सहयोगी कानूनी प्रयासों की जानकारियां चाहिए ताकि महिलायें सुरक्षित महसूस करें और अपने अधिकार के लिये आगे आये। इस दौरान महिलाओं ने अधिकारियों से आय प्रमाण पत्र बनने में देरी, महिला सुरक्षा व पंचायत दस्तावेजों की जानकारी से सम्बंधित सवाल पूछे।
कानूनगो गणेश सिंह अधिकारी ने तहसील से सम्बंधित दस्तावेजों,
ग्राम विकास अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने महिलाओं को नामांकन दस्तावेजों के बारे में सुझाव दिया। सोमेश्वर थाने के एस0 आई0 हरीश प्रसाद ने कहा कि झगड़ा फसाद होने या जबरन दबाव बनाये जाने की स्थिति में तुरन्त पुलिस को सूचित करें।
बैठक में संजीवन संस्था के मानव संसाधन प्रमुख नीरज भाई, बसंत पाण्डे, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश बोरा, राजस्व उप निरीक्षक रवि मोहन बिष्ट, बी0एल0ओ0 खीला देवी, विमला देवी, प्रधान व वार्ड सदस्य सुनीता आर्या, कौशल्या देवी, भगवती उपाध्याय, लाजवंती देवी, देवकी देवी,लीला भण्डारी, बसन्ती देवी आदि ने सम्बोधित किया।Conclusion:
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