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कोरोना में ठप पड़े रोजगार, लोगों ने कहा नजरअंदाज कर रही सरकार - Tehri DM Eva Ashish Shvistawat

कोरोनाकाल में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. मिशन हौसला के तहत पुलिस आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी मदद करने में जुटी पड़ी है. सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और राज्य सरकार पर कोरोना संक्रमण में आम और गरीब लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.

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Published : May 18, 2021, 7:07 PM IST

अल्मोड़ा/बागेश्वर/टिहरी/खटीमा/मसूरी: प्रदेश में लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. हालांकि, राहत की बात ये है कि बीते दिनों के मुकाबले अब रोजाना मिलने वाले कोरोना केस में कमी जरूर आई है. ऐसा कोविड कर्फ्यू के बाद ही संभव हो पाया है. हालांकि, कोविड कर्फ्यू की वजह से लोगों का रोजगार ठप हो गया है. कोरोनाकाल में अल्मोड़ा में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. तो वहीं, उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. प्रदेश में कोरोना की स्थित पर एक नजर...

कोरोनाकाल में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. केएमओयू की हड़ताल से जिले में 40 बसों के पहिये थमे हुए हैं. हड़ताल के चलते केएमओयू को एक पखवाड़े में लाखों रुपये का घाटा हो गया है, जबकि चालकों व परिचालकों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

विगत 2 मई से शुरू हुई केमू की हड़ताल पर शासन की ओर से अब तक कोई सुध नहीं लिए जाने से इसका असर बस मालिकों, चालकों व परिचालकों पर पड़ रहा है. वहीं यात्रियों को भी सस्ती व सुलभ सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. केएमओयू के बस संचालकों का कहना है आधे यात्रियों को ले जाने में उनको भारी नुकसान होगा, जिसके चलते उन्होंने हड़ताल का फैसला लिया है. बता दें, केमू कुमाऊं भर में यात्रा के लिए सस्ती और सुरक्षित सेवाओं में शामिल है. केमू की हड़ताल के चलते टैक्सी चालक मनमाना किराया वसूलते हैं. यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करनी पड़ रही है.

पढ़ेंं- ब्लैक फंगस ने बढ़ाई उत्तराखंड की मुसीबत, जानें बचने का तरीका

कोरोना के दौर में संकट में उत्तराखंड परिवहन विभाग

कोविड के चलते उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है, जिसके चलते कर्मचारियों के आगे संकट खड़ा हो गया है. यही नहीं, कोरोना से रोडवेज के 15 कर्मचारियों की मौत हो गयी है. इनके लिये सरकार से किसी भी तरह के मुआवजे की अब तक घोषणा नहीं की गई है. जबकि दूसरे राज्यों में कोविड के दौरान कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करवाया गया है.

कर्मचारी नेता कमल पपनै का कहना है कि कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के चलते उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. यही नहीं उत्तराखंड रोडवेज की बसें उत्तराखंड की सीमा तक चलाई जा रही हैं, जिसके चलते रोडवेज की गाड़ियों के तेल का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जब तक कोविड के मामले कम नहीं होते तब तक रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, जिससे रोडवेज को नुकसान न उठाना पड़े. साथ ही इस संक्रमण के दौरान कर्मचारियों को भी राहत मिल सके.

बागेश्वर पुलिस ने वसूला 18 लाख का जुर्माना

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बागेश्वर जिले में मिशन हौसला के तहत पुलिस आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी मदद करने में जुटी पड़ी है. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है. अब तक सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. साथ ही 18 लाख लाख का जुर्माना वसूला जा चुका है. साथ ही 18 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार भी पुलिस कर चुकी है.

'मिशन हौसला' के तहत अभी तक पुलिस 12 हजार मॉस्क बांटने के साथ ही 50 लोगों को दवाइयां वितरित कर चुकी है. इसके अलावा दर्जनों लोगों को एम्बुलेंस व सरकारी वाहन के माध्यम से चिकित्सालय तथा घर पहुंचा कर मदद कर चुकी है. पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड गाइडलाइन व अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर जनपद पुलिस द्वारा आपदा प्रबन्धन एवं 60 आबकारी अधिनियम के तहत 13 मुकदमे दर्ज किए.

पढ़ें- उत्तराखंड में तेजी से कम हो रहा भूजल स्तर, मॉनसून में भी नहीं मिलती राहत

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सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने सरकार व कैबिनेट मंत्री को घेरा.

सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर गंभीर आरोप

मसूरी में सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और राज्य सरकार पर कोरोना संक्रमण में आम और गरीब लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और मसूरी पर्यटन में सभी छोटे बड़े व्यावसायिक, रिक्शा-टैक्सी चालक, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग पर्यटन पर आधारित हैं. ऐसे में कोरोना काल में सभी लोगों के काम बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं. वह लोग खाने-पीने के लिए मोहताज हो रहे हैं, लेकिन इस ओर क्षेत्रीय विधायक और ना ही सरकार ध्यान दे रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भी सरकार पूरी तरीके से विफल है. जो काम 1 साल पहले किए जाने चाहिए थे, वह काम अब किए जा रहे हैं. साल 2022 के चुनाव को देखते हुए सरकार फीता काटने की राजनीति में व्यस्त है, लेकिन धरातल पर कोई भी काम पूरे होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

मनीष गोनियाल ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस भी विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रही है. कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. प्रदेश को बारी-बारी से लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता आने वाले 2022 में कांग्रेस और भाजपा दोनों को जवाब देगी. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की जनता उन्हीं लोगों को अपना समर्थन देगी, जो धरातल पर रहकर उनकी समस्याओं के साथ आपदा की घड़ी में उनके साथ खड़ी है.

ग्राम पंचायत चामासारी के सभी कार्ड धारकों को 1 माह का मुफ्त राशन

मसूरी के पास ग्राम पंचायत चामासारी के ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह मेलवान कोरोना काल में ग्रामीणों की मदद करने को लेकर ग्राम पंचायत के समस्त कार्ड धारकों को 1 माह के राशन का भुगतान अपने मानदेय से करेंगे. बता दें, पिछले साल भी ग्राम प्रधान द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने ग्राम के प्रत्येक राशन धारक को एक माह का राशन के पैसे अपनी मानदेय से दिया गया था. इसके साथ ही ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह मेलवान द्वारा अपने क्षेत्र को खुद के खर्चे के सैनिटाइज किया जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके.

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टिहरी डीएम ने प्रधानों के साथ की वर्चुअल बैठक.

टिहरी डीएम ने घनसाली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से की वर्चुअल बैठक

कोरोना महामारी की दूसरी लहर व संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 6 सदस्यों की कुल 1035 ग्राम निगरानी समितियां बनाई गई हैं. समितियां ग्राम स्तर पर बनाए गए आइसोलेशन केंद्रों में रखे गए व्यक्तियों की देखरेख करेंगी. वहीं, गांव में कोरोना के लक्षण युक्त व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल किट भी उपलब्ध कराएगी.

ग्राम निगरानी समितियों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने वर्चुअली प्रधानों से संवाद किया. इस दौरान डीएम गांवों में आइसोलेशन केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं, इन केंद्रों में रखे गए बाहरी राज्यों से आये व्यक्तियों के स्वास्थ्य के अलावा ग्रामवासियों के स्वास्थ्य के संबंध में भी समिति से जानकारी ले रही हैं. इस हेतु उन्होंने विकासखंडवार सीधे ग्राम प्रधानों से जुड़ने लिए दिनवार रोस्टर भी जारी किया है.

पढ़ें- अब घर से ही ऑनलाइन बन जाएगा लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस, ये रही प्रोसेस

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किशोर उपाध्याय ने वितरित किए मास्क.

किशोर उपाध्याय ने बांटी 500 कोरोना किट

पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने फ्रंट लाइन वर्करों सहित जरूरतमंदों को 500 से अधिक कोरोना किट वितरित किये हैं. किशोर उपाध्याय ने कोरोना किट, सैनिटाइजर व मास्क वितरण का काम टिहरी विधानसभा क्षेत्र में किया है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित होने पर ट्रीटमेंट को प्राथमिकता देते हुए लापरवाही न बरतने की अपील की.

कोरोना से गांवों को बचाना है- डीएम

डीएम ईवा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना केस मिल रहे हैं. जिसके चलते गांव स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए ग्राम प्रधानों के सुझाव और अन्य जानकारी साझा करने के लिए वह वर्चुअल तरीके से बात की है. ग्राम प्रधान के सुझाव आये हैx. उनको शासन में भी रखा जाएगा. साथ ही ग्राम प्रधानों को फ्रंटलाइन वर्कर की दायरे में लाया जाना चाहिए.

आयुष्मान योजना के तहत होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज

सीमांत क्षेत्र खटीमा में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से बिगड़ते हुए हालातों को देखकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खटीमा कोविड इलाज में राहत दिलाने के लिए आगे आई है. खटीमा ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस उमेश उर्फ बॉबी राठौर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ खटीमा तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, जिसमें निर्धन व आमजन के कोविड इलाज सरकार के आयुष्मान योजना के तहत करवाने के लिए खटीमा के सभी कोविड अस्पतालों को आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध करने की मांग ली गई.

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भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय को मिले ऑक्सीजन सिलेंडर.

भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय को मिले 4 ऑक्सीजन बेड

मसूरी के भट्टा गांव में स्थित राजकीय आयुष चिकित्सालय में 4 आक्सीजन बेड व दवाएं सहित पांच आक्सीजन सिलेंडर देने पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने विधायक व प्रदेश के कबीना मंत्री गणेश जोशी एवं पं. दीन दयाल उपाध्याय रिसर्च एंड एक्शन सोसायटी की प्रदेश अध्यक्ष नेहा जोशी का ग्राम पंचायत की ओर से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि भट्टा ग्राम सभा में लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है. ऐसे में मसूरी जाना संभव नहीं है.

उन्होंने मांग की थी कि भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय में 5 आक्सीजन बेड की व्यवस्था की जाए, जिस पर विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री गणेश जोशी एवं प. दीन दयाल उपाध्याय रिसर्च एंड एक्शन सोसायटी की अध्यक्ष नेहा जोशी ने तत्काल ग्राम सभा की मांग को पूरा किया. चार आक्सीजन बेड के साथ ही 5 आक्सीजन सिलेंडर, 25 पीपीई किट सहित दवाओं की पूरी व्यवस्था कर दी है, जिससे गांववासियों में खुशी है.

अल्मोड़ा/बागेश्वर/टिहरी/खटीमा/मसूरी: प्रदेश में लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. हालांकि, राहत की बात ये है कि बीते दिनों के मुकाबले अब रोजाना मिलने वाले कोरोना केस में कमी जरूर आई है. ऐसा कोविड कर्फ्यू के बाद ही संभव हो पाया है. हालांकि, कोविड कर्फ्यू की वजह से लोगों का रोजगार ठप हो गया है. कोरोनाकाल में अल्मोड़ा में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. तो वहीं, उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. प्रदेश में कोरोना की स्थित पर एक नजर...

कोरोनाकाल में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. केएमओयू की हड़ताल से जिले में 40 बसों के पहिये थमे हुए हैं. हड़ताल के चलते केएमओयू को एक पखवाड़े में लाखों रुपये का घाटा हो गया है, जबकि चालकों व परिचालकों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

विगत 2 मई से शुरू हुई केमू की हड़ताल पर शासन की ओर से अब तक कोई सुध नहीं लिए जाने से इसका असर बस मालिकों, चालकों व परिचालकों पर पड़ रहा है. वहीं यात्रियों को भी सस्ती व सुलभ सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. केएमओयू के बस संचालकों का कहना है आधे यात्रियों को ले जाने में उनको भारी नुकसान होगा, जिसके चलते उन्होंने हड़ताल का फैसला लिया है. बता दें, केमू कुमाऊं भर में यात्रा के लिए सस्ती और सुरक्षित सेवाओं में शामिल है. केमू की हड़ताल के चलते टैक्सी चालक मनमाना किराया वसूलते हैं. यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करनी पड़ रही है.

पढ़ेंं- ब्लैक फंगस ने बढ़ाई उत्तराखंड की मुसीबत, जानें बचने का तरीका

कोरोना के दौर में संकट में उत्तराखंड परिवहन विभाग

कोविड के चलते उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है, जिसके चलते कर्मचारियों के आगे संकट खड़ा हो गया है. यही नहीं, कोरोना से रोडवेज के 15 कर्मचारियों की मौत हो गयी है. इनके लिये सरकार से किसी भी तरह के मुआवजे की अब तक घोषणा नहीं की गई है. जबकि दूसरे राज्यों में कोविड के दौरान कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करवाया गया है.

कर्मचारी नेता कमल पपनै का कहना है कि कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के चलते उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. यही नहीं उत्तराखंड रोडवेज की बसें उत्तराखंड की सीमा तक चलाई जा रही हैं, जिसके चलते रोडवेज की गाड़ियों के तेल का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जब तक कोविड के मामले कम नहीं होते तब तक रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, जिससे रोडवेज को नुकसान न उठाना पड़े. साथ ही इस संक्रमण के दौरान कर्मचारियों को भी राहत मिल सके.

बागेश्वर पुलिस ने वसूला 18 लाख का जुर्माना

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बागेश्वर जिले में मिशन हौसला के तहत पुलिस आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी मदद करने में जुटी पड़ी है. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है. अब तक सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. साथ ही 18 लाख लाख का जुर्माना वसूला जा चुका है. साथ ही 18 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार भी पुलिस कर चुकी है.

'मिशन हौसला' के तहत अभी तक पुलिस 12 हजार मॉस्क बांटने के साथ ही 50 लोगों को दवाइयां वितरित कर चुकी है. इसके अलावा दर्जनों लोगों को एम्बुलेंस व सरकारी वाहन के माध्यम से चिकित्सालय तथा घर पहुंचा कर मदद कर चुकी है. पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड गाइडलाइन व अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर जनपद पुलिस द्वारा आपदा प्रबन्धन एवं 60 आबकारी अधिनियम के तहत 13 मुकदमे दर्ज किए.

पढ़ें- उत्तराखंड में तेजी से कम हो रहा भूजल स्तर, मॉनसून में भी नहीं मिलती राहत

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सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने सरकार व कैबिनेट मंत्री को घेरा.

सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर गंभीर आरोप

मसूरी में सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और राज्य सरकार पर कोरोना संक्रमण में आम और गरीब लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और मसूरी पर्यटन में सभी छोटे बड़े व्यावसायिक, रिक्शा-टैक्सी चालक, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग पर्यटन पर आधारित हैं. ऐसे में कोरोना काल में सभी लोगों के काम बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं. वह लोग खाने-पीने के लिए मोहताज हो रहे हैं, लेकिन इस ओर क्षेत्रीय विधायक और ना ही सरकार ध्यान दे रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भी सरकार पूरी तरीके से विफल है. जो काम 1 साल पहले किए जाने चाहिए थे, वह काम अब किए जा रहे हैं. साल 2022 के चुनाव को देखते हुए सरकार फीता काटने की राजनीति में व्यस्त है, लेकिन धरातल पर कोई भी काम पूरे होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

मनीष गोनियाल ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस भी विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रही है. कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. प्रदेश को बारी-बारी से लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता आने वाले 2022 में कांग्रेस और भाजपा दोनों को जवाब देगी. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की जनता उन्हीं लोगों को अपना समर्थन देगी, जो धरातल पर रहकर उनकी समस्याओं के साथ आपदा की घड़ी में उनके साथ खड़ी है.

ग्राम पंचायत चामासारी के सभी कार्ड धारकों को 1 माह का मुफ्त राशन

मसूरी के पास ग्राम पंचायत चामासारी के ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह मेलवान कोरोना काल में ग्रामीणों की मदद करने को लेकर ग्राम पंचायत के समस्त कार्ड धारकों को 1 माह के राशन का भुगतान अपने मानदेय से करेंगे. बता दें, पिछले साल भी ग्राम प्रधान द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने ग्राम के प्रत्येक राशन धारक को एक माह का राशन के पैसे अपनी मानदेय से दिया गया था. इसके साथ ही ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह मेलवान द्वारा अपने क्षेत्र को खुद के खर्चे के सैनिटाइज किया जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके.

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टिहरी डीएम ने प्रधानों के साथ की वर्चुअल बैठक.

टिहरी डीएम ने घनसाली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से की वर्चुअल बैठक

कोरोना महामारी की दूसरी लहर व संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 6 सदस्यों की कुल 1035 ग्राम निगरानी समितियां बनाई गई हैं. समितियां ग्राम स्तर पर बनाए गए आइसोलेशन केंद्रों में रखे गए व्यक्तियों की देखरेख करेंगी. वहीं, गांव में कोरोना के लक्षण युक्त व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल किट भी उपलब्ध कराएगी.

ग्राम निगरानी समितियों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने वर्चुअली प्रधानों से संवाद किया. इस दौरान डीएम गांवों में आइसोलेशन केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं, इन केंद्रों में रखे गए बाहरी राज्यों से आये व्यक्तियों के स्वास्थ्य के अलावा ग्रामवासियों के स्वास्थ्य के संबंध में भी समिति से जानकारी ले रही हैं. इस हेतु उन्होंने विकासखंडवार सीधे ग्राम प्रधानों से जुड़ने लिए दिनवार रोस्टर भी जारी किया है.

पढ़ें- अब घर से ही ऑनलाइन बन जाएगा लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस, ये रही प्रोसेस

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किशोर उपाध्याय ने वितरित किए मास्क.

किशोर उपाध्याय ने बांटी 500 कोरोना किट

पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने फ्रंट लाइन वर्करों सहित जरूरतमंदों को 500 से अधिक कोरोना किट वितरित किये हैं. किशोर उपाध्याय ने कोरोना किट, सैनिटाइजर व मास्क वितरण का काम टिहरी विधानसभा क्षेत्र में किया है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित होने पर ट्रीटमेंट को प्राथमिकता देते हुए लापरवाही न बरतने की अपील की.

कोरोना से गांवों को बचाना है- डीएम

डीएम ईवा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना केस मिल रहे हैं. जिसके चलते गांव स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए ग्राम प्रधानों के सुझाव और अन्य जानकारी साझा करने के लिए वह वर्चुअल तरीके से बात की है. ग्राम प्रधान के सुझाव आये हैx. उनको शासन में भी रखा जाएगा. साथ ही ग्राम प्रधानों को फ्रंटलाइन वर्कर की दायरे में लाया जाना चाहिए.

आयुष्मान योजना के तहत होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज

सीमांत क्षेत्र खटीमा में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से बिगड़ते हुए हालातों को देखकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खटीमा कोविड इलाज में राहत दिलाने के लिए आगे आई है. खटीमा ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस उमेश उर्फ बॉबी राठौर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ खटीमा तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, जिसमें निर्धन व आमजन के कोविड इलाज सरकार के आयुष्मान योजना के तहत करवाने के लिए खटीमा के सभी कोविड अस्पतालों को आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध करने की मांग ली गई.

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भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय को मिले ऑक्सीजन सिलेंडर.

भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय को मिले 4 ऑक्सीजन बेड

मसूरी के भट्टा गांव में स्थित राजकीय आयुष चिकित्सालय में 4 आक्सीजन बेड व दवाएं सहित पांच आक्सीजन सिलेंडर देने पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने विधायक व प्रदेश के कबीना मंत्री गणेश जोशी एवं पं. दीन दयाल उपाध्याय रिसर्च एंड एक्शन सोसायटी की प्रदेश अध्यक्ष नेहा जोशी का ग्राम पंचायत की ओर से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि भट्टा ग्राम सभा में लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है. ऐसे में मसूरी जाना संभव नहीं है.

उन्होंने मांग की थी कि भट्टा के राजकीय आयुष चिकित्सालय में 5 आक्सीजन बेड की व्यवस्था की जाए, जिस पर विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री गणेश जोशी एवं प. दीन दयाल उपाध्याय रिसर्च एंड एक्शन सोसायटी की अध्यक्ष नेहा जोशी ने तत्काल ग्राम सभा की मांग को पूरा किया. चार आक्सीजन बेड के साथ ही 5 आक्सीजन सिलेंडर, 25 पीपीई किट सहित दवाओं की पूरी व्यवस्था कर दी है, जिससे गांववासियों में खुशी है.

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