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आंदोलनकारी क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी UKD, रणनीति पर मंथन - उत्तराखंड क्रांति दल विधानसभा चुनाव

आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उत्तराखंड क्रांति दल भी चुनावी तैयारियों में जुट चुका है. जिसके लिए पार्टी के नेता अन्य क्षेत्रीय दलों को भी साथ लेकर चलने की बात कह रहे हैं.

almora
आंदोलनकारी क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी UKD
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Published : Jan 5, 2021, 8:07 AM IST

अल्मोड़ा: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उत्तराखंड क्रांति दल भी चुनावी तैयारियों में जुट चुका है. आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर अल्मोड़ा पहुंचे यूकेडी के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि यूकेडी पूरी ताकत के साथ यह चुनाव लड़ेगी. यही नहीं आंदोलनकारी क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टियों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है.

अल्मोड़ा में पत्रकार वार्ता में यूकेडी के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि आगामी चुनावों को लेकर यूकेडी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य के कुमाऊं व गढ़वाल क्षेत्र के बूथों को मजबूत किया जा रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में टक्कर देने के लिए समान विचारों वाले आंदोलनकारी क्षेत्रीय पार्टियों को एक मंच में लाकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है, तांकि वोट न बंट सके.

ये भी पढ़ेंः अब संन्यासी और वैष्णव अखाड़े में ठनी, हरि गिरि पर असंवैधानिक रूप से पद पर काबिज होने का आरोप

वहीं, उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को किसान विरोधी भी ठहराया. ऐरी ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं. किसान विरोधी यह कानून वापस होना चाहिए, लेकिन केंद्र की सरकार इतनी असंवेदनशील हो गई कि मांगों को मानने के बजाय किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है.

अल्मोड़ा: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उत्तराखंड क्रांति दल भी चुनावी तैयारियों में जुट चुका है. आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर अल्मोड़ा पहुंचे यूकेडी के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि यूकेडी पूरी ताकत के साथ यह चुनाव लड़ेगी. यही नहीं आंदोलनकारी क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टियों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है.

अल्मोड़ा में पत्रकार वार्ता में यूकेडी के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि आगामी चुनावों को लेकर यूकेडी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य के कुमाऊं व गढ़वाल क्षेत्र के बूथों को मजबूत किया जा रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में टक्कर देने के लिए समान विचारों वाले आंदोलनकारी क्षेत्रीय पार्टियों को एक मंच में लाकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है, तांकि वोट न बंट सके.

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वहीं, उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को किसान विरोधी भी ठहराया. ऐरी ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं. किसान विरोधी यह कानून वापस होना चाहिए, लेकिन केंद्र की सरकार इतनी असंवेदनशील हो गई कि मांगों को मानने के बजाय किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है.

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