सोमेश्वर: अल्मोड़ा जनपद के सकनियाकोट में भूस्खलन के कारण लगभग एक दर्जन परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. बीते दिनों की बरसात में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. प्रभावित परिवारों ने पड़ोसी के यहां ली शरण ली है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही दाड़िमखोला-सकनियाकोट सड़क के निर्माण के दौरान किए गए कटान के कारण क्षेत्र में भारी भूस्खलन हो रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, सकनियाकोट गांव में निर्माणाधीन सड़क के ऊपर बसे पूरन सिंह राना पुत्र जगदीश सिंह राना और हेमा देवी के मकान के आगे भूस्खलन होने से मकान गिरने के कगार पर हैं. उनका शौचालय, आंगन और घर के बाहर की सीढ़ियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. मकानों को खतरा देखते हुए उन्होंने अपने पड़ोस में शरण ली है, जबकि राजेंद्र सिंह राणा सहित क्षेत्र के लगभग एक दर्जन मकानों को भूस्खलन के कारण खतरा बना हुआ है.
ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त निर्माणाधीन सड़क के कटान के कारण उनके आवासों के आगे भारी भूस्खलन हो गया है. इसके अलावा गांव की पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हुई पड़ी है. सड़क कटान के मलबे से ग्रामीणों का पेयजल नौला भी दब चुका है. स्थानीय निवासियों ने विभागीय अधिकारियों से कई बार क्षेत्र में सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने और मलबे को हटाने की मांग की लेकिन विभाग आंखें मूंदे हुए है.
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क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य व बीजेपी जिला महामंत्री महेश नयाल का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार को मामले की जानकारी तहसीलदार और जिला प्रशासन को दी थी. मौका मुआयना करने के बाद मकानों पर संभावित खतरे को देखते हुए परिवारों को पड़ोसी के यहां में शिफ्ट किया गया है. कार्यदायी संस्था से शीघ्र सुरक्षात्मक कार्य करने और पेयजल नौले को ठीक करने के लिए कहा गया है. पीएमजीएसवाई से आपदा के तहत शीघ्र सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है.
आज शुक्रवार सुबह तहसीलदार खुशबू आर्य, जिला पंचायत सदस्य महेश नयाल, पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के साथ जेसीबी मशीन में बैठकर मौके पर पहुंचे और क्षेत्र का मौका मुआयना किया. इस दौरान दो परिवारों को शिफ्ट भी किया गया है. विभागीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक कार्य करने, गांव की पेयजल योजनाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने तहसीलदार खुशबू आर्य ने कहा कि प्रभावित परिवारों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी.