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अल्मोड़ा: पुरानी पेंशन की मांग को लेकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - uttarakhand prathmikk sikshak sangh

उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

पुरानी पेंशन के लिए प्रदर्शन.
पुरानी पेंशन के लिए प्रदर्शन.
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Published : Dec 22, 2019, 9:11 AM IST

अल्मोड़ा: राज्य में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर विविध संगठन सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी क्रम में अल्मोड़ा में भी उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने गांधी पार्क में जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो वो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

पुरानी पेंशन के लिए प्रदर्शन.

उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री जगदीश भंडारी ने कहा कि जब कर्मचारियों की सेवा नियमावली में पेंशन का प्रावधान है तो सरकार इसे प्रशासनिक आदेश से कैसे बदल सकती है, जबकि पेंशन कर्मचारियों की जीवनभर की पूंजी और वेतन का लंबित भुगतान है.

यह भी पढ़ेंः चंपावत: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षक

हम अपने जीवन के 30 से 40 साल देश कार्य व राज्य कार्य में लगाते हैं. उसी के फलस्वरूप पहले से रिटायरमेंट के समय पेंशन दी जाती थी, लेकिन सरकार ने इसे छीनकर हमारे बुढ़ापे को असुरक्षित कर दिया है.

अब सरकार 2004 के बाद के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लायी है जिससे गुजारा होना मुश्किल है. वहीं दूसरी ओर विधायक व सांसद केवल एक दिन रहने के बाद लाखों रुपये पेंशन लेते हैं, यह कहां का इंसाफ है. इस प्रदर्शन में जिले भर के शिक्षकों ने हिस्सा लिया.

अल्मोड़ा: राज्य में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर विविध संगठन सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी क्रम में अल्मोड़ा में भी उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने गांधी पार्क में जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो वो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

पुरानी पेंशन के लिए प्रदर्शन.

उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री जगदीश भंडारी ने कहा कि जब कर्मचारियों की सेवा नियमावली में पेंशन का प्रावधान है तो सरकार इसे प्रशासनिक आदेश से कैसे बदल सकती है, जबकि पेंशन कर्मचारियों की जीवनभर की पूंजी और वेतन का लंबित भुगतान है.

यह भी पढ़ेंः चंपावत: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षक

हम अपने जीवन के 30 से 40 साल देश कार्य व राज्य कार्य में लगाते हैं. उसी के फलस्वरूप पहले से रिटायरमेंट के समय पेंशन दी जाती थी, लेकिन सरकार ने इसे छीनकर हमारे बुढ़ापे को असुरक्षित कर दिया है.

अब सरकार 2004 के बाद के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लायी है जिससे गुजारा होना मुश्किल है. वहीं दूसरी ओर विधायक व सांसद केवल एक दिन रहने के बाद लाखों रुपये पेंशन लेते हैं, यह कहां का इंसाफ है. इस प्रदर्शन में जिले भर के शिक्षकों ने हिस्सा लिया.

Intro:पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर अल्मोड़ा में आज उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ो शिक्षकों ने गांधी पार्क में जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नही मानी गयी तो वो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
Body:उत्तराखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री जगदीश भंडारी ने कहा कि जब कर्मचारियों की सेवा नियमावली में पेंशन का प्रावधान है तो सरकार इसे प्रशासनिक आदेश से कैसे बदल सकती है। जबकि पेंशन कर्मचारियों की जीवनभर की पूंजी और वेतन का लंबित भुगतान है।हम अपने जीवन के 30 से 40 साल देश कार्य , राज्य कार्य में लगाते है उसी के फलस्वरूप पहले से रिटार्मेन्ट के समय पेंशन दी जाती थी, लेकिन सरकार से इसे छीनकर हमारे बुढ़ापे को असुरक्षित कर दिया है। अब सरकार 2004 के बाद के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लायी है जिससे गुजारा होना मुश्किल है, वही दूसरी ओर विधायक, सांसद एक दिन का बनने के बाद लाखों रुपये की पेंशन लेते हैं, यह कहा का इंसाफ है। इस प्रदर्शन में जिलेभर के शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

जगदीश भंडारी, जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघConclusion:
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