अल्मोड़ा: पद्मविभूषण स्व. बीडी पांडे की स्मृति में उत्तराखंड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षा संस्थान अल्मोड़ा में राज्य स्तरीय 11वां संवाद विमर्शशाला का आयोजन किया गया. जिसमें "पलायन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था" विषय पर चर्चा की गई. इस दौरान तय किया गया कि चर्चा के बाद निकले निष्कर्षों को सरकार को भेजा जाएगा. ताकि सरकार पलायन प्रबंधन के लिए इसका उपयोग कर सके.
विमर्शशाला में मुख्य अतिथि अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा ने पलायन पर चिंता व्यक्त की. इस दौरान उन्होंने कहा उत्तराखंड में जितनी जनसंख्या है, उतनी ही प्रदेश से बाहर है. रोजगार के लिए लोगों को बाहर जाना पड़ता है. अपने घरों को लोग वापस आए, इसके लिए सरकार कार्य कर रही है और काम किया जाना बांकी है. इंफ्रास्ट्रक्चर देकर ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत हो, इसके लिए काम किया जाएगा.
इस दौरान पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने कहा पलायन को रोका नहीं जा सकता. उन्होंने बताया पूर्व में उन्होंने तृतीय वित्त आयोग का अध्यक्ष रहते हुए एक स्टडी कराई. जिसके तहत पता चला कि 50 प्रतिशत रोजगार के लिए पलायन होता हैं. ऐसे में पलायन को रोकना आसान नहीं है. जरूरत है पलायन प्रबंधन पर कार्य किया जाए.
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अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने कहा पलायन के लिए सरकार चिंतित नहीं दिखाई देती है. ग्रामीण जनता की मूलभूत समस्याओं के निवारण के संबंध में सोचना होगा. पलायन निवारण आयोग को ठोस नीति बनाकर उसे लागू करना होगा. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगा. तभी पलायन कम किया जा सकता है. वही पलायन आयोग के सदस्य अनिल शाही ने कहा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आयोग की ओर से अनेक सुझाव सरकार को दिए गए है.
उन्होंने कहा संवाद कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों के अन्न उत्पादों को एमेजॉन के माध्यम से बेचा जाए. इस सुझाव को सरकार के पास भेज कर पहाड़ी उत्पादों को एमेजॉन के माध्यम से बेचने का प्रयास करेंगे. इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी ने संवाद के विषय पर जानकारी दी. उत्तराखंड सेवा निधि के निदेशक पद्मश्री डा. ललित पांडे ने ग्रामीण विकास की योजनाओं ग्रामीण महिलाओं काश्तकारों के संदर्भ में पलायन पर विस्तार से अपनी बात रखी.