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अल्मोड़ा: टैक्स के दायरे में आने के बाद घटी खादी की डिमांड

खादी उत्पादों में जीएसटी लगाए जाने से इसकी सेल में काफी प्रभाव पड़ा है. जीएसटी लगने से खादी के दाम बढ़ गए हैं. जिससे इसकी बिक्री घट गई है.

almora
अल्मोड़ा
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Published : Dec 28, 2020, 12:59 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 5:48 PM IST

अल्मोड़ा: महात्मा गांधी के स्वदेशी मुहिम के तहत खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खोले गए गांधी आश्रम में जीएसटी की मार पड़ी है. खादी में जीएसटी लगाए जाने से गांधी आश्रम के कर्मचारी खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि खादी उत्पाद पहले से टैक्स फ्री होते थे, लेकिन अब खादी में जीएसटी लगाए जाने से खादी उत्पादों की कीमत काफी बढ़ गयी है. जिससे बिक्री पर इसका असर पड़ रहा है.

टैक्स के दायरे में आने के बाद घटी खादी की डिमांड.

गांधी आश्रम के कर्मचारियों ने बताया कि खादी उत्पादों में जीएसटी लगाए जाने से सेल में काफी प्रभाव पड़ा है. जीएसटी लगने से खादी के दाम बढ़ गए हैं. जिससे खादी के उत्पादों की बिक्री घट गई है. खादी महंगा होने के कारण ग्राहक खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जबकि पहले गांधी आश्रमों को विशेष रियायत दी जाती थी. इन्हें टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाता था. उन्होंने मांग की है कि खादी को बढ़ावा देने के लिए इससे जीएसटी हटाई जाए.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: रविवार को मिले 427 नए केस, सात मरीजों की मौत

वहीं, अल्मोड़ा के पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने भी गांधी आश्रम के कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में जब से भाजपा की सरकार आई है. तब से गांधी आश्रम की उपेक्षा की जा रही है. एक ओर सरकार स्वदेशी का नारा लगा रही है, वहीं दूसरी ओर देश की आजादी के वक्त स्वदेशी मुहिम के तहत खोले गए गांधी आश्रमों में जीएसटी लगा रही है.

अल्मोड़ा: महात्मा गांधी के स्वदेशी मुहिम के तहत खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खोले गए गांधी आश्रम में जीएसटी की मार पड़ी है. खादी में जीएसटी लगाए जाने से गांधी आश्रम के कर्मचारी खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि खादी उत्पाद पहले से टैक्स फ्री होते थे, लेकिन अब खादी में जीएसटी लगाए जाने से खादी उत्पादों की कीमत काफी बढ़ गयी है. जिससे बिक्री पर इसका असर पड़ रहा है.

टैक्स के दायरे में आने के बाद घटी खादी की डिमांड.

गांधी आश्रम के कर्मचारियों ने बताया कि खादी उत्पादों में जीएसटी लगाए जाने से सेल में काफी प्रभाव पड़ा है. जीएसटी लगने से खादी के दाम बढ़ गए हैं. जिससे खादी के उत्पादों की बिक्री घट गई है. खादी महंगा होने के कारण ग्राहक खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जबकि पहले गांधी आश्रमों को विशेष रियायत दी जाती थी. इन्हें टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाता था. उन्होंने मांग की है कि खादी को बढ़ावा देने के लिए इससे जीएसटी हटाई जाए.

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वहीं, अल्मोड़ा के पूर्व कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने भी गांधी आश्रम के कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में जब से भाजपा की सरकार आई है. तब से गांधी आश्रम की उपेक्षा की जा रही है. एक ओर सरकार स्वदेशी का नारा लगा रही है, वहीं दूसरी ओर देश की आजादी के वक्त स्वदेशी मुहिम के तहत खोले गए गांधी आश्रमों में जीएसटी लगा रही है.

Last Updated : Dec 28, 2020, 5:48 PM IST
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