अल्मोड़ा: नाबालिग को बहला फुसलाकर दुराचार करने और गर्भवती होने पर उसका गर्भपात का मामला न्यायालय पहुंच गया. इस मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की अदालत ने आरोपी संदीप आर्या की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को बताया कि विगत 12 जुलाई को पीड़िता के परिवार ने थाना लमगड़ा में तहरीर दी थी. जिसमें संदीप आर्या ने नाबालिग के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये. जिससे नाबालिग गर्भवती हो गई. आरोपी बहला फुसलाकर पीड़िता को गर्भपात कराने अल्मोड़ा ले आया. जिसके बाद पुलिस ने पॉक्सो के तहत मामला दर्ज कर 12 जुलाई को लिंक रोड से अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर वह 7 माह की गर्भवती है.
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उन्होंने बताया कि आरोपी संदीप आर्या 2 साल से पीड़िता के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बना रहा था, जिससे वह गर्भवती हुई है. अभियुक्त द्वारा पीड़िता को अन्य किसी के बताने पर जान से मारने की धमकी देता था. उन्होंने न्यायालय को बताया कि अभियुक्त संदीप 35 वर्ष का है और पीड़िता नाबालिक है जिसकी उम्र 16 वर्ष है. उन्होंने कहा कि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कर सकता है. जिस कारण अभियुक्त की जमानत का कोई औचित्य नहीं है. पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिशीलन कर न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना-पत्र आज खारिज किया है.