सोमेश्वरः राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने सोमेश्वर क्षेत्र का भ्रमण कर जन समस्याएं सुनीं. इस दौरान उन्होंने पपेरासेरा तोक में हुए दैवीय आपदा के नुकसान का भी जायजा लिया. आपदा के बाद भी धरातल पर कोई सुरक्षात्मक कार्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने नाराजगी जताई. साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को नाकाम सरकार बताया.
दरअसल, सोमवार को राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने सोमेश्वर, चनौदा, टोटाशिलिंग, जीतब, अधूरिया और अर्जुनराठ के पपेरासेरा तोक का भ्रमण किया और नुकसान का जायजा लिया. निरीक्षण में आपदा के 12 दिनों बाद भी किसानों के खेतों में बह रही मनसा नदी की दिशा नहीं बदले जाने और खेतों से मलबा व पत्थर नहीं हटाने पर कड़ी नाराजगी जताई.
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आपदा में निपटने में सरकार असफलः मौके पर उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को फोन कर किसानों की कृषि भूमि से मलबा हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार आपदा से निपटने में असफल रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के 12 दिन बाद भी आपदा राहत कार्य के नाम पर धरातल में कुछ भी नहीं होने का आरोप लगाया.
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वहीं, अर्जुनराठ के ग्राम प्रधान सुरेश बोरा ने बताया कि किसानों की 150 नाली से ज्यादा भूमि पत्थर और मलबे से पट गई है. जिसे हटाने की मांग जिला प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ काम नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को मुआवजे की राशि नहीं चाहिए, बल्कि किसान चाहते हैं कि उनके खेतों से मलबा हटाने में प्रशासन उनकी मदद करे.
कुमाऊं में सैटेलाइट एम्स के नाम पर झुनझुनाः राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उत्तराखंड दौरे को निराशाजनक बताया है. साथ ही कहा है कि आज तक केंद्र और राज्य सरकार एम्स के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाले हुए थी, लेकिन चुनाव आते ही कुमाऊं के लोगों को सैटेलाइट एम्स के नाम का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है.
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने रविवार को क्षेत्र भ्रमण के दौरान चनौदा में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कुमाऊं वासियों की लंबे समय से चली आ रही एम्स की शाखा को खोलने पर कोई गौर नहीं किया. बल्कि, सैटेलाइट एम्स की शाखा खोलने का चुनावी झुनझुना थमा दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड राज्यों में भौगोलिक आधार पर एम्स की शाखा खोली जाए. जिस प्रकार जम्मू कश्मीर में एम्स की दो शाखाएं हैं. उसी प्रकार पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भी मानकों में ढील देते हुए कुमाऊं को एम्स की सुविधा दी जाए. क्योंकि, ऋषिकेश का एम्स कुमाऊं क्षेत्र के कई जिलों के लिए दिल्ली से भी दूर है.
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राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा है कि क्षेत्र की जरूरत के अनुसार मुख्यमंत्री को एम्स की शाखा कुमाऊं में खोलने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की बजाए अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर कुमाऊं मंडल की जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि साढ़े चार तक मामले में चुप्पी साधी केंद्र सरकार चुनाव के समय सैटेलाइट शाखा का झुनझुना थमा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद कुमाऊं में एम्स की शाखा को खोलने का प्रयास करेंगी.