सोमेश्वर: मनान के समीपवर्ती ग्राम खैराकोट निवासी प्रोफेसर पूरन चंद्र जोशी दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रति उप कुलपति नियुक्त किए गए हैं. मानव शास्त्र के विशेषज्ञ प्रोफेसर जोशी को दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रति उप कुलपति बनाए जाने के बाद इलाके के लोगों में खुशी का माहौल है. प्रोफेसर पूरन चंद्र जोशी बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे.
1956 में मनान के समीपवर्ती ग्राम खैराकोट के प्रेम बल्लभ जोशी और रेवती जोशी के घर जन्मे पूरन चंद्र जोशी की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा स्थानीय गांव में हुई. कुछ सालों बाद प्रोफेसर अपने पिता प्रेम बल्लभ जोशी के साथ दिल्ली चले गए.
प्रो. पूरन चंद्र के पिता दिल्ली विश्वविद्यालय में फोरमैन के पद पर सेवारत थे और यहीं से उन्होंने भी उच्च शिक्षा प्राप्त की. प्रोफेसर जोशी की पहली नियुक्ति हेमवती नंदन बहुगुणा कॉलेज गढ़वाल विश्वविद्यालय में हुई थी. मानव शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोफेसर जोशी वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में मानवशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं. उनकी उपलब्धियों और विशेषज्ञता को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी में उन्हें प्रति उप कुलपति बनाया गया है.
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प्रोफेसर जोशी का पूरा परिवार वर्तमान में दिल्ली रहता है. लेकिन पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रो. जोशी अक्सर सोमेश्वर आते रहते हैं. प्रो. जोशी के बड़े भाई रमेश चंद्र जोशी इंजीनियर, एक भाई मोहन चंद्र जोशी शिक्षक और एक भाई राजीव जोशी व्यापार करते हैं.
प्रो. जोशी की उपलब्धियां
- प्रो. जोशी यूरोपियन यूनियन ऑफ यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस पोलैंड 2008 में सदस्य भी रह चुके हैं.
- वर्ष 1987 में इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षामित्र का नेशनल अवॉर्ड मिला था.
- इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर एसोसिएट शिप अवॉर्ड इन ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस.
- सर्टिफिकेट ऑफ हॉनर द फर्स्ट फ्रांस इंडिया मीट-2007 का अवॉर्ड.
- प्लेस ऑफ एप्रिसिएशन डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी एंड एंथ्रोपोलॉजी जेवियर यूनिवर्सिटी फिलीपींस-2008.
- सर्टिफिकेट ऑन रिसर्च ऑन डिजास्टर इंपैक्ट इन एशिया एंड यूरोप यूनिवर्सिटी ऑफ इंडोनेशिया 2009.
- प्रोफेसर जोशी ने 14 से अधिक शोध कार्य किए हैं. जिनके लिए उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है.
- प्रोफेसर जोशी मेडिकल एंथ्रोपोलॉजी तथा ट्राईबल हेल्थ एंड मेडिसिन विषय पर भी अनेक पुस्तकों का प्रकाशन कर चुके हैं.