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पीआरडी जवानों को 4 माह से नहीं मिला वेतन, हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

प्रांतीय रक्षक दल के जवानों ने बैठक कर सरकार से वेतन भत्ते समेत 365 दिन स्थाई रोजगार देने की मांग की है. उनका कहना है कि जो भी ड्यूटी उनको दी जाती है, वह उसके अनुरूप वे काम कर रहे हैं लेकिन उनको समय से वेतन नहीं मिल रहा है.

Provincial Guard Team News
पीआरडी कर्मचारियों ने की बैठक
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Published : Feb 7, 2020, 3:29 PM IST

अल्मोड़ा: प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों ने बैठक कर सरकार से वेतन भत्ते समेत 365 दिन स्थाई रोजगार देने की मांग की है. प्रांतीय रक्षक दल के जवानों का कहना है कि पिछले चार महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वे पूरे समय अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते आए हैं, जो भी ड्यूटी उनको दी जाती है. बावजूद इसके उन्हें समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है.

पीआरडी जवानों का कहना है कि युवा कल्याण विभाग उनको कभी दो महीने, तो कभी तीन महीने की ड्यूटी पर रखता है. उन्होंने कहा कि वे अब न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाने से नहीं चूकेंगे.

पीआरडी कर्मचारियों ने की बैठक

पीआरडी जवानों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वह 2004 से लगातार शासन, प्रशासन और विभाग के आला अधिकारियों से बात कर रहें हैं. लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनसे काम पूरा लिया जाता है, लेकिन वेतन समय से नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढे़ं: डोईवाला में सीएम लगाएंगे जनता दरबार, कई समस्याओं का होगा समाधान

बता दें कि विगत 4 महीनों से पीआरडी जवानों को वेतन नहीं मिला है, जिस कारण उनके सामने भरण-पोषण का संकट गहरा गया है. उनका आरोप है कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी शासन-प्रशासन के अधिकारी उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं. जिसको देखते हुए पीआरडी ने हाई कोर्ट की शरण ली है.

अल्मोड़ा: प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों ने बैठक कर सरकार से वेतन भत्ते समेत 365 दिन स्थाई रोजगार देने की मांग की है. प्रांतीय रक्षक दल के जवानों का कहना है कि पिछले चार महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वे पूरे समय अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते आए हैं, जो भी ड्यूटी उनको दी जाती है. बावजूद इसके उन्हें समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है.

पीआरडी जवानों का कहना है कि युवा कल्याण विभाग उनको कभी दो महीने, तो कभी तीन महीने की ड्यूटी पर रखता है. उन्होंने कहा कि वे अब न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाने से नहीं चूकेंगे.

पीआरडी कर्मचारियों ने की बैठक

पीआरडी जवानों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वह 2004 से लगातार शासन, प्रशासन और विभाग के आला अधिकारियों से बात कर रहें हैं. लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनसे काम पूरा लिया जाता है, लेकिन वेतन समय से नहीं दिया जा रहा है.

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बता दें कि विगत 4 महीनों से पीआरडी जवानों को वेतन नहीं मिला है, जिस कारण उनके सामने भरण-पोषण का संकट गहरा गया है. उनका आरोप है कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी शासन-प्रशासन के अधिकारी उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं. जिसको देखते हुए पीआरडी ने हाई कोर्ट की शरण ली है.

Intro:वेतन, भत्ते और 365 दिन के रोजगार सहित 1948 एक्ट के तहत सुविधाओं देने की मांग को लेकर प्रान्तीय रक्षक दल (पीआरडी)के कर्मचारियों ने अल्मोड़ा में बैठक का आयोजन किया। प्रान्तीय रक्षक दल के जवानों का कहना है कि पिछले चार महीनों से उनका वेतन नहीं मिला है। जबकि युवा कल्याण उनको कभी दो महीने तो कभी तीन महीने की ड्यूटी पर रखता है। उन्होंने कहा कि वह अब न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण मे पहुँचे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाना पढ़ेगा।


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पीआरडी कर्मचारियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर वह 2004 से लगातार शासन, प्रशासन और विभाग के आला अधिकारियों से बात कर रहें हैं लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनसे काम पूरा लिया जाता है लेकिन उनको वेतन समय से नही दिया जा रहा है । कहा कि विगत 4 महीनों से उन्हें वेतन नही मिला है जिस कारण उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट आ चुका है। लेकिन उनकी मांगों की ओर कोई गौर नही कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिसको देखते हुए अब पीआरडी ने हाई कोर्ट का रूख किया है।
बाईट - चिन्ताराम आगरी, अध्यक्ष पीआरडी अल्मोड़ा।
बाईट - कृष्णा चैहान, पीआरडी।



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