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'रोड नहीं तो वोट नहीं' पर अडिग रहे ग्रामीण, नहीं किया मताधिकार का प्रयोग

अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत विकासखंड की ग्रामसभा पस्तौड़ावार के ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया.

गुस्साएं ग्रामीणों ने नहीं किया अपने मताधिकार का प्रयोग.
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Published : Oct 12, 2019, 12:52 PM IST

अल्मोड़ा: प्रदेश में जहां एक ओर दूसरे चरण के लिए मतदान बीते सायं संपन्न हो गया है. वहीं, दूसरी ओर अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत विकासखंड की ग्रामसभा पस्तौड़ावार के ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया. शुक्रवार को पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण का मतदान जिले के चार विकासखण्डों में हुआ, लेकिन ताड़ीखेत के पस्तौड़ावार गांव के लोगों ने इसका पूर्ण बहिष्कार किया.

गौर हो कि पस्तौड़ावार ग्रामसभा के कुल 443 मतदाताओं में से किसी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया. वहीं, रोड नहीं तो वोट नही के नारेबाजी के साथ गांव में मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पंचायत चुनावों में इस बार ग्राम प्रधान पद के लिए गांव से कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया. शुक्रवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन द्वारा पस्तौड़ावार जाकर ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास किया गया. शासन-प्रशासन के अधिकारों ने ग्रामीणों से मतदान की अपील की.

पढ़ें-हिंडन सिविल एयरपोर्ट का शुभारंभ, सांसद अजय टम्टा बोले- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

वहीं, शासन-प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मतदान की अपील की और समस्या के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया. लेकिन ग्रामीण किसी भी सूरत में नहीं माने और अपनी मांग पर अडिग रहे. ग्रामसभा के बूथों में मतदानकर्मी दिन भर मतदाताओं का इंतजार करते रहे. लेकिन पस्तौड़ावार का एक भी मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचा. मालूम हो कि पस्तौड़ावार के ग्रामीण लंबे समय से मोटर मार्ग की निर्माण की मांग को लेकर संघर्षरत हैं. हाल ही में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन करने के साथ पंचायत चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी थी. लेकिन शासन-प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में विफल रहा.

वहीं, ग्रामीण 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में सड़क को लेकर भी एक घंटे तक बहिष्कार कर चुके हैं, लेकिन तब प्रशासन द्वारा उन्हें आश्वासन देकर मना लिया था. लेकिन इस बार ग्रामीण शासन-प्रशासन के कोरे आश्वासनों से परेशान हो चुके थे और मतदान का बहिष्कार करके अपना विरोध जताया.

अल्मोड़ा: प्रदेश में जहां एक ओर दूसरे चरण के लिए मतदान बीते सायं संपन्न हो गया है. वहीं, दूसरी ओर अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत विकासखंड की ग्रामसभा पस्तौड़ावार के ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया. शुक्रवार को पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण का मतदान जिले के चार विकासखण्डों में हुआ, लेकिन ताड़ीखेत के पस्तौड़ावार गांव के लोगों ने इसका पूर्ण बहिष्कार किया.

गौर हो कि पस्तौड़ावार ग्रामसभा के कुल 443 मतदाताओं में से किसी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया. वहीं, रोड नहीं तो वोट नही के नारेबाजी के साथ गांव में मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पंचायत चुनावों में इस बार ग्राम प्रधान पद के लिए गांव से कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया. शुक्रवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन द्वारा पस्तौड़ावार जाकर ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास किया गया. शासन-प्रशासन के अधिकारों ने ग्रामीणों से मतदान की अपील की.

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वहीं, शासन-प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मतदान की अपील की और समस्या के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया. लेकिन ग्रामीण किसी भी सूरत में नहीं माने और अपनी मांग पर अडिग रहे. ग्रामसभा के बूथों में मतदानकर्मी दिन भर मतदाताओं का इंतजार करते रहे. लेकिन पस्तौड़ावार का एक भी मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचा. मालूम हो कि पस्तौड़ावार के ग्रामीण लंबे समय से मोटर मार्ग की निर्माण की मांग को लेकर संघर्षरत हैं. हाल ही में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन करने के साथ पंचायत चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी थी. लेकिन शासन-प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में विफल रहा.

वहीं, ग्रामीण 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में सड़क को लेकर भी एक घंटे तक बहिष्कार कर चुके हैं, लेकिन तब प्रशासन द्वारा उन्हें आश्वासन देकर मना लिया था. लेकिन इस बार ग्रामीण शासन-प्रशासन के कोरे आश्वासनों से परेशान हो चुके थे और मतदान का बहिष्कार करके अपना विरोध जताया.

Intro:
लंबे अर्से से सड़क की मांग पूरी नहीं होने से आक्रोशित अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत विकासखंड की ग्रामसभा पस्तौड़ावार के ग्रामीणों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का पूर्ण बहिष्कार किया। शुक्रवार को पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण का मतदान जिले के चार विकासखण्डों में हुआ लेकिन ताड़ीखेत के पस्तौड़ावार गांव के लोगो ने इसका पूर्ण बहिष्कार किया।
Body:पस्तौड़ावार ग्रामसभा के कुल 443 मतदाताओं में से एक भी वोटर ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया तथा रोड नही तो वोट नही के नारेबाजी के साथ गांव में सड़क की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। नाराज ग्रामीणों ने पंचायत चुनावों में इस बार ग्राम प्रधान पद के लिए गांव से कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया था। शुक्रवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस मजिस्ट्रेट द्वारा पस्तौड़ावार जाकर ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास कर मतदान में प्रतिभाग करने की अपील की। और उनकी समस्या के जल्द समाधान करने का भरोसा भी दिलाया, बावजूद ग्रामीणों ने प्रशासन की एक नहीं मानीं।
ग्रामसभा के बूथों में मतदान कर्मी दिन भर मतदाताओं का इंतजार करते रहे, लेकिन पस्तौड़ावार का एक भी मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचा। मालूम हो कि पस्तौड़ावार के ग्रामीण लंबे समय से मोटर मार्ग की निर्माण की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। हाल ही में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन करने के साथ पंचायत चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी थी, लेकिन शासन-प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में विफल रहा। सड़क के लिए पस्तौड़ावार के ग्रामीणों गांव में सड़क की मांग लंबे समय से कर रहे हैं ,2017 के विधानसभा चुनावों का भी उन्होंने सड़क को लेकर एक घंटे तक बहिष्कार किया था, लेकिन तब प्रशासन ने आश्वासन देकर उन्हें मना लिया था।Conclusion:
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