अल्मोड़ाः आचार संहिता हटने के बाद एक बार फिर से विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग उठने लगी है. बीते एक साल से आंदोलन कर रहे सर्वदलीय संघर्ष समिति ने दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि प्राधिकरण जनता पर जबरन थोपा गया काला कानून है. प्राधिकरण से स्थानीय लोगों को घर बनाने समेत कई मामलों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.
बता दें कि सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोग बीते लंबे समय से जिला विकास प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद आंदोलन बंद हो गया था. वहीं, एक बार फिर से समिति के लोग सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं. इसी क्रम में मंगलवार से समिति के सदस्यों ने दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया है. इस दौरान सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोग गांधी पार्क में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही प्राधिकरण को पहाड़ी क्षेत्रों से जल्द खत्म करने की मांग की.
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वहीं, सर्वदलीय संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राधिकरण लगाने के बाद स्थानीय लोगों को घर बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्राधिकरण के जरिये सरकार ने भारी शुल्क लगा दिए हैं. जिससे जनता में काफी नाराजगी है. समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद जोशी ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए यहां पर प्राधिकरण के नियम लागू नहीं हो सकते हैं, लेकिन सरकार ने इसे जबरन जनता पर थोप दिया है. यह लड़ाई यहां की जनता की है. वहीं, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार प्राधिकरण को खत्म नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.