अल्मोड़ाः रानीखेत छावनी परिषद से सिविल एरिया को हटाकर रानीखेत-चिलियानौला नगर पालिका परिषद में शामिल करने की मांग तेज हो गई है. इसी को लेकर रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने रानीखेत में जुलूस निकाला. इस दौरान उन्होंने 'कैंट से आजादी दो' के नारे लगाते हुए अपनी मांग को बुलंद किया.
रानीखेत छावनी परिषद के सिविल एरिया को चिलियानौला नगर पालिका परिषद में शामिल करने को लेकर स्थानीय लोगों ने जुलूस निकाला. रानीखेत विकास संघर्ष समिति के तत्वावधान में गांधी पार्क से सदर बाजार, रोडवेज स्टेशन, जरुरी बाजार, शिव मंदिर मार्ग, सुभाष चौक, केमू स्टेशन तक जुलूस निकाला गया. जुलूस में शामिल लोगों ने जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. साथ ही अपनी मांग के समर्थन में आवाज मुखर की.
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रानीखेत विकास संघर्ष समिति से जुड़े गणेश जोशी ने कहा कि छावनी परिषद के सिविल एरिया में रहकर विकास संभव नहीं है. क्योंकि, इस क्षेत्र के सिविल एरिया में रहने वाले लोग अपने मकान की मरम्मत नहीं कर सकते हैं. नया मकान बनाने की बात तो दूर रही. उन्होंने कहा कि उन्हें हर हाल में कैंट से अलग किया जाए.
वहीं, रानीखेत व्यापार मंडल की उपाध्यक्ष नेहा साह मेहरा ने कहा कि सिविल एरिया को पालिका में शामिल करने के लिए धरना दिया जा रहा है. जिसे सौ दिन पूरे हो गए हैं. यह रानीखेत के वजूद की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कैंट के सिविल एरिया को नगर पालिका में शामिल नहीं कर दिया जाता.
रानीखेत विकास संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि धरना प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा और विभिन्न चरणों में आंदोलनात्मक कार्यक्रम भी तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति लोगों के किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ मिलकर संघर्ष करेगी.