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गोल्डन कार्ड के विरोध में उतरे सेवानिवृत्त कर्मचारी, प्रदर्शन कर जताया विरोध

सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एसएस रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य योजना के तहत जो गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं. उसमें फरवरी माह से अंशदान के नाम पर कार्यरत कर्मचारियों के बराबर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन में कटौती की जा रही है.

almora
पेंशनधारकों का धरना प्रदर्शन
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Published : Jan 21, 2021, 2:29 PM IST

अल्मोड़ा: पेंशन धारकों पर जबरन गोल्डन कार्ड योजना लागू करने और उनकी पेंशन में कटौती की जा रही है. इसके खिलाफ तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले अल्मोड़ा के गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पेंशनधारकों का धरना प्रदर्शन

सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एसएस रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य योजना के तहत जो गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं. उसमें फरवरी माह से अंशदान के नाम पर कार्यरत कर्मचारियों के बराबर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन में कटौती की जा रही है. उसके बावजूद भी प्रदेश के सभी अस्पतालों को उनके इलाज के लिए इसके दायरे में नहीं लिया गया. इतना ही नहीं अंशदान काटने के बाद भी अस्पतालों में OPD कैशलेस नहीं की गई. कर्मचारी को भर्ती होने से पहले सभी खर्चे देने पड़ते हैं.जब कि प्रत्येक कर्मचारी से 250 रुपए से एक हजार रूपए का अंशदान लिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी रेंज के जंगलों में लगी आग, काबू पाने में जुटा वन विभाग

एसएस रावत ने कहा कि संगठन की मुख्य मांग यह है कि कार्यरत कर्मचारियों के मुकाबले पेंशनरों की कटौती आधी की जाए और OPD को भी कैशलेस किया जाए. वहीं, प्रदर्शनकारी सेवानिवृत्ति कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे जल्द नहीं मानी गईं, तो प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश पर आंदोलन की अग्रिम रणनीति तय की जाएगी.

अल्मोड़ा: पेंशन धारकों पर जबरन गोल्डन कार्ड योजना लागू करने और उनकी पेंशन में कटौती की जा रही है. इसके खिलाफ तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले अल्मोड़ा के गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पेंशनधारकों का धरना प्रदर्शन

सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एसएस रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य योजना के तहत जो गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं. उसमें फरवरी माह से अंशदान के नाम पर कार्यरत कर्मचारियों के बराबर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन में कटौती की जा रही है. उसके बावजूद भी प्रदेश के सभी अस्पतालों को उनके इलाज के लिए इसके दायरे में नहीं लिया गया. इतना ही नहीं अंशदान काटने के बाद भी अस्पतालों में OPD कैशलेस नहीं की गई. कर्मचारी को भर्ती होने से पहले सभी खर्चे देने पड़ते हैं.जब कि प्रत्येक कर्मचारी से 250 रुपए से एक हजार रूपए का अंशदान लिया जा रहा है.

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एसएस रावत ने कहा कि संगठन की मुख्य मांग यह है कि कार्यरत कर्मचारियों के मुकाबले पेंशनरों की कटौती आधी की जाए और OPD को भी कैशलेस किया जाए. वहीं, प्रदर्शनकारी सेवानिवृत्ति कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे जल्द नहीं मानी गईं, तो प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश पर आंदोलन की अग्रिम रणनीति तय की जाएगी.

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