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सावधान! कुत्तों और बंदरों से रहें बचकर नहीं तो हो जाएगी फजीहत, इलाज के लिए पड़ेगा भटकना - वैक्सीन न मिलने से भटक रहे मरीज

जिले में एक ओर बंदर और कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल से लेकर दवा मार्केट तक एन्टी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है. हाल ये है कि इस तरह के मरीजों को वैक्सीन के लिए भटकना पड़ रहा है.

कुत्ता और बंदर ने किया लोगों को परेशान
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Published : Jul 15, 2019, 7:06 PM IST

अल्मोड़ा: नगर में बंदरों और आवारा कुत्तों का आतंक जारी है. आए दिन कुत्तों और बंदरों के काटे जाने से क्षेत्र के लोग अस्पताल पहुच रहे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों से एन्टी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है, जिस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन एन्टी रैबीज वैक्सीन ना होने के कारण परेशान हो रहे हैं, यही नहीं एन्टी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक क्षेत्र के अन्य बाजार में भी उपलब्ध नही हैं.

कुत्ता और बंदर ने किया लोगों को परेशान

कुत्तों और बंदरों के काटने के दर्जनों मामले रोज अस्पताल में देखे जा सकते हैं, लेकिन अस्पताल में एन्टी रैबीज वैक्सीन नहीं होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. इससे पहले भी जून माह में जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने पर जिला अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों को देहरादून भेज कर बमुश्किल 50 एंटी रैबीज वैक्सीन मंगाए थे, जो कुछ ही दिनों तक लोगों को मिल पाई. एक बार फिर जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है. वहीं बाजार में भी यह वैक्सीन लोगों को नहीं मिल पा रही है.

जून माह में कुत्तों के काटने के 141 और बंदरों के काटने के 27 तथा अन्य जानवरों के काटने के 5 मामले सामने आए. वहीं जुलाई माह में अभी तक कुत्तों के काटने के 53 और बंदरों के काटने के 14 मामले अस्पताल में पहुंचे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस प्रकाश वर्मा का कहना है कि एन्टी रैबीज वैक्सीन की किल्लत है. हमारे स्तर से लगातार देहरादून से लेकर दिल्ली तक रैबीज वैक्सीन के लिए संपर्क किया जा रहा है, लेकिन वहां भी इसका स्टॉक खत्म होने से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

अल्मोड़ा: नगर में बंदरों और आवारा कुत्तों का आतंक जारी है. आए दिन कुत्तों और बंदरों के काटे जाने से क्षेत्र के लोग अस्पताल पहुच रहे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों से एन्टी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है, जिस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन एन्टी रैबीज वैक्सीन ना होने के कारण परेशान हो रहे हैं, यही नहीं एन्टी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक क्षेत्र के अन्य बाजार में भी उपलब्ध नही हैं.

कुत्ता और बंदर ने किया लोगों को परेशान

कुत्तों और बंदरों के काटने के दर्जनों मामले रोज अस्पताल में देखे जा सकते हैं, लेकिन अस्पताल में एन्टी रैबीज वैक्सीन नहीं होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. इससे पहले भी जून माह में जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने पर जिला अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों को देहरादून भेज कर बमुश्किल 50 एंटी रैबीज वैक्सीन मंगाए थे, जो कुछ ही दिनों तक लोगों को मिल पाई. एक बार फिर जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है. वहीं बाजार में भी यह वैक्सीन लोगों को नहीं मिल पा रही है.

जून माह में कुत्तों के काटने के 141 और बंदरों के काटने के 27 तथा अन्य जानवरों के काटने के 5 मामले सामने आए. वहीं जुलाई माह में अभी तक कुत्तों के काटने के 53 और बंदरों के काटने के 14 मामले अस्पताल में पहुंचे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस प्रकाश वर्मा का कहना है कि एन्टी रैबीज वैक्सीन की किल्लत है. हमारे स्तर से लगातार देहरादून से लेकर दिल्ली तक रैबीज वैक्सीन के लिए संपर्क किया जा रहा है, लेकिन वहां भी इसका स्टॉक खत्म होने से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

Intro:अल्मोड़ा नगर में कट खन्ने बंदरों और आवारा कुत्तों का आतंक जारी है आए दिन कुत्तों और बंदरों के काटे मरीज अस्पताल पहुच रहे हैं लेकिन नगर का सबसे बड़े अस्पताल जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों से एन्टी रैबीज वेक्सीन खत्म हुई है जिस कारण मरीजो को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज अस्पताल पहुच रहे लेकिन एन्टी रैबीज वेक्सीन न होने पर वापस लौट रहे हैं। यही नही एन्टी रैबीज वेक्सीन बाजार में अन्य जगह भी उपलब्ध नही है।


Body:कुत्तो और बंदरो के काटे दर्जनों मरीज रोज अस्पताल में पहुंच रहे हैं लेकिन अस्पताल में एन्टी रैबीज वेक्सीन नहीं होने से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी जून माह में जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन समाप्त होने पर जिला अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों को देहरादून भेज कर बमुश्किल 50 एंटी रेबीज वैक्सीन मंगाए थे । जो कुछ ही दिनों तक लोगों को मिल पाई एक बार फिर जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है ।वहीं बाजार में भी यह वैक्सीन लोगों को नहीं मिल पा रही है।

जून माह में कुत्तों के काटने के 141 और बंदरो के काटने के 27 तथा अन्य जानवरों की काटने के 5 मामले सामने आए। वही जुलाई माह में कुत्तों के काटने के 53 और बंदरो के काटने के 14 मामले अस्पताल में पहुंचे। लेकिन जिला अस्पताल में एंटी रैबीज खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।

वही इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस प्रकाश वर्मा का कहना है कि एन्टी रैबीज वैक्सीन की काफी किल्लत चल रही है।हमारे स्तर से लगातार देहरादून से लेकर दिल्ली तक रैबीज वेक्सीन के लिए संपर्क किया जा रहा है लेकिन वहाँ भी इसका स्टॉक खत्म होने से नही मिल पा रहे हैं।

बाइट-प्रकाश वर्मा, सीएमएस जिला अस्पताल अल्मोड़ा


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