अल्मोड़ा: महज 5 साल की उम्र में 13 साल पहले नेपाल से अपने परिजनों से बिछड़ी एक लड़की को आखिरकार अपना घर मिल गया. परिजनों से डीएनए मिलान के बाद इस बेसहारा को सहारा मिला है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने लड़की के डीएनए टेस्ट मिलान के बाद आज उसके माता-पिता को सौंप दिया है. यह बेसहारा लड़की साल 2018 से राजकीय बालिका गृह बख अल्मोड़ा में रह रही थी. जिसकी उम्र अब 18 साल हो चुकी है.
जानकारी के मुताबिक, नेपाली मूल की यह बालिका नेपाल से 13 साल पहले अपने घर से लापता हो गई थी. तब इस बालिका की उम्र महज 5 साल थी. उसके बाद साल 2018 में यह बालिका हल्द्वानी में पायी गयी, इस दौरान उसके साथ बलात्कार का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद बालिका को बाल कल्याण समिति नैनीताल के माध्यम से राजकीय किशोरी गृह बख में रखा गया था.
इस दौरान नेपाली मूल के एक दंपति ने बालिका पर अपनी पुत्री होने का दावा किया. जिसके बाद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला जज के निर्देश के बाद नेपाली दंपति और इस बालिका के डीएनए का मिलान किया गया. इसके बाद नेपाल से सरकारी अधिकारी और परिजन अल्मोड़ा पहुंचे. अल्मोड़ा पहुंचे परिजनों को आज इस बालिका को सौंपा गया.
बाल कल्याण समिति नैनीताल की ओर से साल 2018 में बालिका को राजकीय बाल गृह किशोरी बख में रखे जाने का आदेश जारी किया गया. इस दौरान यहां पर दो लोग आए, जिन लोगों ने बालिका को अपनी बेटी होने का दावा किया गया. बच्ची काफी समय पहले परिजनों से बिछड़ने के कारण उन्हें पहचान नहीं पा रही थी. इस पर जिला बार सरंक्षण इकाई की विधि सह परिवीक्षा अभिलाषा तिवारी ने दोनों व्यक्तियों के डीएनए जांच के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरके खुल्वे को पत्र लिखा. इसके बाद उन्हें डीएनए जांच की इजाजत मिल गई.
डीएनए रिपोर्ट में दपंति और बच्ची के जैविक माता-पिता पाए गए, जिसके बाद आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस बालिका को उसके परिजनों को सौंपा गया. बेटी को लेने उसकी मां नेपाल से नेपाल की वूमेन डेवलपमेंट ऑफिसर पवित्रा कुमारी पूरी के साथ भारत पहुंची. आज जिला जज, एसएसपी सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आदि मौजूदगी में इस बालिका को उसकी मां को सौंपा गया.