ETV Bharat / state

अल्मोड़ा: कदली वृक्ष के आगमन के साथ नंदा देवी मेले का आगाज - नंदा देवी मेले का आगाज

प्रदेश में नंदा देवी का मेला कदली वृक्षों (केले के वृक्ष) की शोभायात्रा के साथ शुरू हो गया है. सुबह से ही मां नंदा देवी मंदिर समिति के लोग मां नंदा के जयकारे लगाते हुए लक्ष्मेश्वर पहुंचे. वहां उनके द्वारा कदली वृक्षों को लाकर शोभायात्रा निकाली गई.

Nanda Devi
नंदा देवी
author img

By

Published : Aug 25, 2020, 1:48 PM IST

अल्मोड़ा: नंदादेवी का मेला कदली वृक्षों (केले के वृक्ष) की शोभायात्रा के साथ शुरू हो गया है. सुबह से ही मां नंदा देवी मंदिर समिति के लोग मां नंदा की जय-जयकार करते हुए लक्ष्मेश्वर पहुंचे. वहां उनके द्वारा कदली वृक्षों को लाकर शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते हुए माल रोड, थाना बाजार, कचहरी बाजार, लाला बाजार होते हुए नंदा देवी मंदिर परिसर में पहुंचे. यहां पर कदली वृक्षों की पूजा चंद राजाओं के वंशज नरेंद्र चंद सिंह ने की. इसके बाद नंदा-सुनंदा की मूर्ति का निर्माण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाएगा.

नंदा देवी मेले का आगाज

इस बार कोरोना के कारण मां नंदा देवी महोत्सव की रौनक फीकी नजर आ रही है. मंदिर परिसर में न तो दुकानें लगाई गई हैं और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

अल्मोड़ा में भाद्र मास की पंचमी से नंदा देवी का मेला प्रारंभ होता है. षष्ठी के दिन कदली वृक्षों का पूजन कर सप्तमी की सुबह उन कदली वृक्षों को वृक्ष स्थल से पूजा अर्चना कर नंदा देवी मंदिर में लाया जाता है. जिसके बाद मूर्ति निर्माण कर प्राण प्रतिष्ठा कर अष्टमी के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

पढ़ें: गणेश चतुर्थी: भक्तों ने विघ्नहर्ता को घरों में किया स्थापित, कोरोना के अंत की कामना

बता दें कि, उत्तराखंड में नंदा देवी की विशेष पूजा अर्चना के साथ मेलों का आयोजन किया जाता है. अल्मोड़ा में मनाया जाने वाला नंदा देवी का मेला ऐतिहासिक है. यह मेला चंद वंश के शासन काल से अल्मोड़ा में मनाया जाता रहा है. इस मेले में होने वाली नंदा-सुनंदा की विशेष पूजा अर्चना के लिए चंद राजाओं के वंशज आते हैं.

अल्मोड़ा: नंदादेवी का मेला कदली वृक्षों (केले के वृक्ष) की शोभायात्रा के साथ शुरू हो गया है. सुबह से ही मां नंदा देवी मंदिर समिति के लोग मां नंदा की जय-जयकार करते हुए लक्ष्मेश्वर पहुंचे. वहां उनके द्वारा कदली वृक्षों को लाकर शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते हुए माल रोड, थाना बाजार, कचहरी बाजार, लाला बाजार होते हुए नंदा देवी मंदिर परिसर में पहुंचे. यहां पर कदली वृक्षों की पूजा चंद राजाओं के वंशज नरेंद्र चंद सिंह ने की. इसके बाद नंदा-सुनंदा की मूर्ति का निर्माण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाएगा.

नंदा देवी मेले का आगाज

इस बार कोरोना के कारण मां नंदा देवी महोत्सव की रौनक फीकी नजर आ रही है. मंदिर परिसर में न तो दुकानें लगाई गई हैं और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

अल्मोड़ा में भाद्र मास की पंचमी से नंदा देवी का मेला प्रारंभ होता है. षष्ठी के दिन कदली वृक्षों का पूजन कर सप्तमी की सुबह उन कदली वृक्षों को वृक्ष स्थल से पूजा अर्चना कर नंदा देवी मंदिर में लाया जाता है. जिसके बाद मूर्ति निर्माण कर प्राण प्रतिष्ठा कर अष्टमी के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

पढ़ें: गणेश चतुर्थी: भक्तों ने विघ्नहर्ता को घरों में किया स्थापित, कोरोना के अंत की कामना

बता दें कि, उत्तराखंड में नंदा देवी की विशेष पूजा अर्चना के साथ मेलों का आयोजन किया जाता है. अल्मोड़ा में मनाया जाने वाला नंदा देवी का मेला ऐतिहासिक है. यह मेला चंद वंश के शासन काल से अल्मोड़ा में मनाया जाता रहा है. इस मेले में होने वाली नंदा-सुनंदा की विशेष पूजा अर्चना के लिए चंद राजाओं के वंशज आते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.