अल्मोड़ा: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाएं संचालित करने की बात तो करती है. लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभत जरूरतों से महरूम है. जिस कारण लोग आजिज होकर पलायन को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में देखने को मिला जहां पर लोग धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के बैनर तले सड़क, पानी, बिजली समेत तमाम मूलभूत समस्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे.
वहीं, मूलभूत सुविधाओं कि मांग कर रहे ग्रामीणों कहना है कि कई दशकों से वे मूलभूत समस्याओ से जूझ रहा है. लेकिन सरकार के कारिंदों की अनदेखी के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इन समस्याओं निजात दिलाने की मांग की है.
बता दें कि आजादी के सत्तर साल से ज्यादा समय बीत गया लेकिन हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच पायी है. जिससे सड़क के आभाव में लगभग आधा गांव पलायन कर गया है. पहले इस गांव में 400 लोगों की आबादी थी जो अब घटकर 200 रह गई हैं.
इसके साथ ग्रामीणों का कहना है कि वह इन समस्याओं को विगत 10 सालों से अधिकारियों को बता रहे हैं लेकिन इनका अभी तक कोई निदान नहीं हो सका है. जिस पर ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके साथ ऐसे ही अनदेखी होती रही तो वह आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगे.
वहीं, धर्म निरपेक्ष युवा मंच द्वारा चलाये जा रहें गांव चलो अभियान के सदस्य विनय किरौला का कहना है कि वह गांव चलो अभियान के तहत जिले के लगभग 150 गांवो में जा चुके हैं. लगभग सभी गांव आज भी इन्हीं मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. जिसको देखते हुए वह हर गांव में जाकर वहां की समस्याओं को उजागर करने का काम कर रहे हैं.