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अल्मोड़ा: मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पलायन को मजबूर ग्रामीण

आजादी के सत्तर साल से ज्यादा समय  बीत गया लेकिन हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच पायी है. जिससे सड़क के आभाव में लगभग आधा गांव पलायन कर गया है.

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Published : Feb 4, 2020, 1:34 PM IST

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मूलभूत सुविधाओं का अभाव

अल्मोड़ा: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाएं संचालित करने की बात तो करती है. लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभत जरूरतों से महरूम है. जिस कारण लोग आजिज होकर पलायन को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में देखने को मिला जहां पर लोग धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के बैनर तले सड़क, पानी, बिजली समेत तमाम मूलभूत समस्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव.

वहीं, मूलभूत सुविधाओं कि मांग कर रहे ग्रामीणों कहना है कि कई दशकों से वे मूलभूत समस्याओ से जूझ रहा है. लेकिन सरकार के कारिंदों की अनदेखी के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इन समस्याओं निजात दिलाने की मांग की है.

बता दें कि आजादी के सत्तर साल से ज्यादा समय बीत गया लेकिन हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच पायी है. जिससे सड़क के आभाव में लगभग आधा गांव पलायन कर गया है. पहले इस गांव में 400 लोगों की आबादी थी जो अब घटकर 200 रह गई हैं.

इसके साथ ग्रामीणों का कहना है कि वह इन समस्याओं को विगत 10 सालों से अधिकारियों को बता रहे हैं लेकिन इनका अभी तक कोई निदान नहीं हो सका है. जिस पर ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके साथ ऐसे ही अनदेखी होती रही तो वह आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगे.

वहीं, धर्म निरपेक्ष युवा मंच द्वारा चलाये जा रहें गांव चलो अभियान के सदस्य विनय किरौला का कहना है कि वह गांव चलो अभियान के तहत जिले के लगभग 150 गांवो में जा चुके हैं. लगभग सभी गांव आज भी इन्हीं मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. जिसको देखते हुए वह हर गांव में जाकर वहां की समस्याओं को उजागर करने का काम कर रहे हैं.

अल्मोड़ा: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाएं संचालित करने की बात तो करती है. लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभत जरूरतों से महरूम है. जिस कारण लोग आजिज होकर पलायन को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में देखने को मिला जहां पर लोग धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के बैनर तले सड़क, पानी, बिजली समेत तमाम मूलभूत समस्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव.

वहीं, मूलभूत सुविधाओं कि मांग कर रहे ग्रामीणों कहना है कि कई दशकों से वे मूलभूत समस्याओ से जूझ रहा है. लेकिन सरकार के कारिंदों की अनदेखी के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इन समस्याओं निजात दिलाने की मांग की है.

बता दें कि आजादी के सत्तर साल से ज्यादा समय बीत गया लेकिन हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच पायी है. जिससे सड़क के आभाव में लगभग आधा गांव पलायन कर गया है. पहले इस गांव में 400 लोगों की आबादी थी जो अब घटकर 200 रह गई हैं.

इसके साथ ग्रामीणों का कहना है कि वह इन समस्याओं को विगत 10 सालों से अधिकारियों को बता रहे हैं लेकिन इनका अभी तक कोई निदान नहीं हो सका है. जिस पर ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके साथ ऐसे ही अनदेखी होती रही तो वह आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगे.

वहीं, धर्म निरपेक्ष युवा मंच द्वारा चलाये जा रहें गांव चलो अभियान के सदस्य विनय किरौला का कहना है कि वह गांव चलो अभियान के तहत जिले के लगभग 150 गांवो में जा चुके हैं. लगभग सभी गांव आज भी इन्हीं मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. जिसको देखते हुए वह हर गांव में जाकर वहां की समस्याओं को उजागर करने का काम कर रहे हैं.

Intro:सरकार ग्रामीण क्षेत्रो से पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाये संचालित करने की बात तो करती है। लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र आज भी सड़क , बिजली , पानी जैसी मूलभत जरूरतों से महरूम है। जिस कारण लोग आजिज आकर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। हवालबाग विकासखंड के जोलस्वाड गांव के लोग धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के बैनर तले सड़क , पानी समेत तमाम मूलभूत समस्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुचे। उनका कहना है कि कई दशकों से गांव मूलभूत समस्याओ से जूझ रहा है लेकिन सरकार के कारिंदों की अनदेखी के कारण लोग पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इन समस्याओं से जल्द से जल्द निजात दिलाने की मांग की।

            Body:ग्रामीणो का कहना है कि उनके गांव में बुनियादी अवस्थापना का बडा आभाव हैं,जो पलायन का बडा कारण बन गया है।ग्रामीणों का कहना है कि जोलस्वाड पुल से मंदिर तक लगभग  4 किमी. तक सडक मार्ग का निर्माण किया जाए।   ग्रामीणो का कहना है कि आजादी के सत्तर साल से ज्यादा समय  बीत गया लेकिन उनके गांव में आज तक सड़क नही पहुच पायी। सडक के आभाव में आधा गांव पलायन कर गया है। पहले इस गांव में 400 लोगो की आबादी थी जो अब 200 लोग रह गए हैं।यदि सडक का निर्माण हो जाता है, तो निश्चित ही गांव में रिवर्स पलायन हो जाऐगा।वही उनका कहना है कि गांव में स्रोत के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति होती हैं,कितुं गांव के बीच में स्टोरेज टंकी न होने के कारण 24घंटे पानी बहता रहता है। गांव के बीच में स्टोरेज टंकी का निर्माण किया जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि 24घंटे बहते जल को संरक्षित किया जा सके,जो सिचाई के काम आऐगा। ग्रामीणों का कहना है कि वह इन समस्याओं को विगत 10 सालो से अधिकारियों को बता रहे हैं लेकिन इनका अभी तक कोई निदान नही हो सका। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी ऐसे ही अनदेखी की तो वह आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

वही धर्म निरपेक्ष युवा मंच द्वारा चलाये जा रहे गांव चलो अभियान के सदस्य विनय किरौला का कहना है कि वह गांव चलो अभियान के तहत जिले के लगभग 150 गांवो में जा चुके हैं लगभग सभी गांव आज भी इन्ही मूलभूत समस्याओ से जूझ रहे हैं। वह हर गांव में जाकर वहां की समस्याओं को उजागर करने का काम कर रहे हैं।

हरीश जोशी,ग्राम प्रधान
जगदीश , ग्रामीण
विनय किरौला, धर्म निरपेक्ष युवा मंचConclusion:
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