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विजय दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को किया सम्मानित

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Published : Dec 17, 2019, 7:09 AM IST

अल्मोड़ा और प्रतापनगर में सोमवार को विजय दिवस की 48वीं वर्षगांठ आर्मी कैंट में मनाई गई. इस अवसर पर पूर्व सैनिक, वीरांगनाएं, 13 सिख के सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और स्थानीय लोग मौजूद रहे.

martyrs remembered
शहीदों को किया गया याद

अल्मोड़ा/प्रतापनगर: भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में अल्मोड़ा के 25 जवान शहीद हुए थे. जबकि, 12 जवान घायल हो गये थे. ऐसे में सोमवार को विजय दिवस के अवसर पर शहीदों के परिवार जनों को सम्मानित किया गया. साथ ही शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

बता दें कि 3 दिसंबर 1971 को भारत पाक युद्ध की घोषणा हुई थी. जिसके बाद महज 14 दिनों में भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. युद्ध के बाद 93 हजार पाकिस्तानी सेनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर नया राष्ट्र बना.

martyrs remembered
शहीदों को किया गया याद

इस अवसर पर रिटायर्ड कर्नल मुकेश सांगुड़ी ने कहा कि विजय दिवस का दिन काफी ऐतिहासिक दिन है. आज ही के दिन भरतीय सेना ने अपने अदम्य साहस के बल पर पड़ोसी पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर किया था. इस युद्ध में कई जाबांजो ने अपना बलिदान दिया था.

यह भी पढ़ें: देवसिंह मैदान में मेला कराये जाने को लेकर गुस्साए सभासद, इस्तीफे की दी धमकी

वहीं, टिहरी के प्रतापनगर विजय दिवस पर नगर के केंद्र बिंदु नगर पंचायत लंबगांव में सोमवार को प्रशासन व नगर पंचायत को विजय दिवस के शुभ अवसर पर शहीदों को याद किया गया. साथ ही तहसीलदार एसडी चौरसिया की अगुवाई में विजय दिवस मनाया गया और नगर पंचायत द्वारा शहीद स्मारक व उसके आसपास की साफ सफाई व चूने का छिड़काव कर स्मारक पर फूल मालाएं चढ़ाकर राष्ट्रगान गाकर शहीदों को सम्मान दिया गया.

इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्षा भरोसी देवी, तहसीलदार एसडी चौरसिया, व्यापार मंडल अध्यक्ष केशव रावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोशन रांगड़ और तमाम व्यापारियों ने विजय दिवस के राष्ट्रगान में प्रतिभाग किया.

अल्मोड़ा/प्रतापनगर: भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में अल्मोड़ा के 25 जवान शहीद हुए थे. जबकि, 12 जवान घायल हो गये थे. ऐसे में सोमवार को विजय दिवस के अवसर पर शहीदों के परिवार जनों को सम्मानित किया गया. साथ ही शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

बता दें कि 3 दिसंबर 1971 को भारत पाक युद्ध की घोषणा हुई थी. जिसके बाद महज 14 दिनों में भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. युद्ध के बाद 93 हजार पाकिस्तानी सेनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर नया राष्ट्र बना.

martyrs remembered
शहीदों को किया गया याद

इस अवसर पर रिटायर्ड कर्नल मुकेश सांगुड़ी ने कहा कि विजय दिवस का दिन काफी ऐतिहासिक दिन है. आज ही के दिन भरतीय सेना ने अपने अदम्य साहस के बल पर पड़ोसी पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर किया था. इस युद्ध में कई जाबांजो ने अपना बलिदान दिया था.

यह भी पढ़ें: देवसिंह मैदान में मेला कराये जाने को लेकर गुस्साए सभासद, इस्तीफे की दी धमकी

वहीं, टिहरी के प्रतापनगर विजय दिवस पर नगर के केंद्र बिंदु नगर पंचायत लंबगांव में सोमवार को प्रशासन व नगर पंचायत को विजय दिवस के शुभ अवसर पर शहीदों को याद किया गया. साथ ही तहसीलदार एसडी चौरसिया की अगुवाई में विजय दिवस मनाया गया और नगर पंचायत द्वारा शहीद स्मारक व उसके आसपास की साफ सफाई व चूने का छिड़काव कर स्मारक पर फूल मालाएं चढ़ाकर राष्ट्रगान गाकर शहीदों को सम्मान दिया गया.

इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्षा भरोसी देवी, तहसीलदार एसडी चौरसिया, व्यापार मंडल अध्यक्ष केशव रावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोशन रांगड़ और तमाम व्यापारियों ने विजय दिवस के राष्ट्रगान में प्रतिभाग किया.

Intro:पाकिस्तान के खिलाफ 1971के युद्ध में भारत की जीत को हर साल 16 दिसंबर को देशभर में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। अल्मोड़ा में आज विजय दिवस की 48वी वर्षगांठ आर्मी कैंट में मनायी गयी। इस अवसर पर पूर्व सैनिक, वीरांगनाएं, 13 सिख के सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
Body:भारत पाकिस्तान युद्ध में अल्मोड़ा के 25 जवान शहीद हुए थे जबकि 12 जवान घायल हो गये थे। विजय दिवस के अवसर पर शहीदों के परिवार जनों को सम्मानित किया गया। और शहीदों को श्रद्धांजली दी गयी। आपको बता दें कि 3 दिसंबर 1971 को भारत पाक युद्ध की घोषणा हुई थी। जिसके बाद महज 14 दिनों में भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। युद्ध के बाद 93 हजार पाकिस्तानी सेनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर नया राष्ट्र बना। इस अवसर पर रिटायर्ड कर्नल मुकेश सांगुड़ी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए काफी ऐतिहासिक दिन है। आज ही के दिन भरतीय सेना ने अपने अदम्य साहस के बल पर पड़ोसी पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर किया था। इस युद्ध मे कई जाबांजो ने अपना बलिदान दिया था।

बाईट - बी,एल फिरमाल, एडीएम अल्मोड़ा।
बाईट - रिटायर्ड कर्नल, मुकेश सांगुड़ीConclusion:
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