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सोमेश्वर में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त, नहीं मिल रहा फसलों को पानी

सिंचाई विभाग के गांधी आश्रम के पास से निकलने वाली चनौदा सिंचाई गूल का हेड पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है. जिसके कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

irrigation canals damaged
सोमेश्वर में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त
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Published : Oct 6, 2020, 2:20 PM IST

सोमेश्वर: चनौदा क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक नहरों की हेडबंदी न होने और क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत न होने के कारण किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. किसानों का कहना है कि वह सूखे खेतों में गेहूं की बुआई करने को मजबूर हैं और सिचाई विभाग इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. किसानों ने सिचाई विभाग को शीघ्र सिंचाई नहरों की मरम्मत न होने पर जिलाधिकारी कार्यालय कूच करने की चेतावनी दी है.

बता दें कि, सिंचाई विभाग के गांधी आश्रम के समीप से निकलने वाली चनौदा सिंचाई गूल का हेड पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है. जिससे क्षेत्र के किसानों की खेती पूरी तरह सूखने के कगार पर है. इसके साथ ही गूल में काफी मलबा भरा हुआ है. जिसके कारण किसानों की फसलों को सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाना बड़ी समस्या बन गया है.

सोमेश्वर में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त

पढ़ें- कोटद्वार: अवैध खनन में लिप्त वाहनों पर मोटर व्हीकल एक्ट में भी होगी कार्रवाई

बूंगा के काश्तकार मित्रा सिंह भाकुनी ने बताया कि किसानों की धान, प्याज, लहसुन आदि फसल सिंचाई के अभाव में चौपट हो गई थी. आजकल काश्तकार खेतों में गेहूं की बुआई करने के लिए खेतों की जुताई कर रहे हैं. खेतों में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई की आवश्यकता है लेकिन ध्वस्त सिंचाई गूल से सिंचाई करना असंभव हो गया है. उन्होंने सिंचाई विभाग से अतिशीघ्र गूल का हेड निर्माण करने और मलबे को हटाने की मांग की है.

सोमेश्वर: चनौदा क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक नहरों की हेडबंदी न होने और क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत न होने के कारण किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. किसानों का कहना है कि वह सूखे खेतों में गेहूं की बुआई करने को मजबूर हैं और सिचाई विभाग इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. किसानों ने सिचाई विभाग को शीघ्र सिंचाई नहरों की मरम्मत न होने पर जिलाधिकारी कार्यालय कूच करने की चेतावनी दी है.

बता दें कि, सिंचाई विभाग के गांधी आश्रम के समीप से निकलने वाली चनौदा सिंचाई गूल का हेड पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है. जिससे क्षेत्र के किसानों की खेती पूरी तरह सूखने के कगार पर है. इसके साथ ही गूल में काफी मलबा भरा हुआ है. जिसके कारण किसानों की फसलों को सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाना बड़ी समस्या बन गया है.

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बूंगा के काश्तकार मित्रा सिंह भाकुनी ने बताया कि किसानों की धान, प्याज, लहसुन आदि फसल सिंचाई के अभाव में चौपट हो गई थी. आजकल काश्तकार खेतों में गेहूं की बुआई करने के लिए खेतों की जुताई कर रहे हैं. खेतों में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई की आवश्यकता है लेकिन ध्वस्त सिंचाई गूल से सिंचाई करना असंभव हो गया है. उन्होंने सिंचाई विभाग से अतिशीघ्र गूल का हेड निर्माण करने और मलबे को हटाने की मांग की है.

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