रानीखेत: कोरोना संक्रमण के बीच तहसील के सुदूरवर्ती बमस्यूं गांव में तीन दिनों से 19 लोग उल्टी, दस्त से पीड़ित हैं. हालांकि डॉक्टर इसे माइनर डायरिया बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि गांव के लिए पास गधेरे से ही पेयजल योजना बनी है. दूषित पानी पीने से लोगों के बीमार होने की आशंका जताई जा रही है.
पानी के नमूने जांच के लिए एकत्रित कर लिए गए हैं. गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों की देखरेख में जुटी है. डॉक्टरों के अनुसार फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. बता दें कि बमस्यूं गांव में पिछले दो तीन दिन से लोगों को अचानक उल्टी, दस्त शुरू हो गए. देखते ही देखते 19 लोग बीमार हो गए. इनमें बच्चों के साथ ही बुजुर्ग भी शामिल हैं. हालांकि, कोई भी बीमार अस्पताल में भर्ती नहीं है. जनप्रतिनिधियों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी. वहीं गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर बनाए हुए है.
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ताड़ीखेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. डीएस नबियाल ने बताया कि डॉक्टर, फार्मासिस्ट और एएनएम की टीम गांव में लोगों की देखरेख कर रही है. गांव में क्लोरीन और ओआरएस का वितरण किया गया है. बजीना के नीचे दनगाड़ गधेरे से पेयजल योजना बनी है. उसी का पानी पीने से लोगों को उल्टी, दस्त की शिकायत हुई है.
फिलहाल पानी के सैंपल ले लिए गए हैं. गांव में ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव कर दिया गया है. ग्रामीणों को डायरिया से बचाव की जानकारी दी जा रही है. वहां डॉ. अदिती कटारिया, फार्मासिस्ट गिरधर बिष्ट, एएनएम मंजुला सिंह, भावना जोशी, आशा वर्कर हेमलता जोशी आदि ग्रामीणों की देखरेख कर रहे हैं. जल संस्थान के अवर अभियंता ने बताया कि ग्रामसभा की पेयजल योजना है. प्रधान की ओर से स्रोत और टैंक के पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.