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अल्मोड़ा: लॉकडाउन के चलते फंसे कई मजदूर, डीएम से घर वापसी की मांगी इजाजत

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Published : Mar 29, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Mar 29, 2020, 5:06 PM IST

अल्मोड़ा में भी लॉकडाउन के कारण बाहरी प्रदेशों से आये मजदूर परेशान हो चुके हैं. घर वापस जाने को लेकर चिंतित हो रहे मजदूरों ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपने अपने घर वापस जाने की इजाजत मांगी है.

Almora
जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे मजदूर

अल्मोड़ा: कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए पूरे देश में इन दिनो लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब मजदूरों पर देखने को मिल रहा है. अल्मोड़ा में भी लॉकडाउन के कारण बाहरी प्रदेशों से आये मजदूर परेशान हो चुके हैं. यह भूखे प्यासे मजदूर अब अपने घर वापस जाने को लेकर चिंतित हो रहे हैं, जिसके चलते आज अल्मोड़ा में बिहार, नेपाल समेत बाहरी राज्यों से आए सैकड़ो मजदूरों ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपने अपने घर वापिस जाने की इजाजत मांगी.

लॉकडाउन के चलते फंसे कई मजदूर.

जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे सैकड़ों की संख्या में मजदूरों का कहना है कि वह काम की तलाश को लेकर बिहार समेत अन्य राज्यों से यहां पहुंचे लेकिन महामारी को देखते हुए लॉकडाउन के बाद सारे काम ठप हो चुके हैं. हालात ये है कि काम धंधा न होने से उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो पा रहा है. मकान मालिक उनको किराए के लिए परेशान कर रहे हैं. यहां पहुंचे कई मजदूरों का कहना था कि उन्हें 2 दिनों से खाना नही मिला है वह भूखे प्यासे किसी तरह अपने घर वापस जाना चाहते हैं, इसलिए वह जिला अधिकारी से घर जाने की इजाजत लेने यहां पहुंचे हैं.

पढ़े- देहरादून: फूड एजेंसियों को मिली होम डिलीवरी की परमिशन, लॉकडाउन में भी मिलेगा ऑनलाइन खाना

वहीं, आज कलेक्ट्रेट परिसर में बिना सोशल डिस्टटिंग के ही सैकड़ों की संख्या में मजदूरों के एकत्रित होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया. भूख प्यास से तड़प रहे श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते रहे. करीब 3 से 4 घंटे तक यहां अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली. हालांकि, बाद में अव्यवस्था देख प्रशासन ने व्यवस्थाएं ठीक की और उनके नाम पते लेकर सभी को जल्द से जल्द घर वापसी का आश्वासन भी दिया.

पढ़े- शाही का शिकार करना पड़ा भारी, गुफा में दबकर जीवन की मौत

एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को चिन्हित किया जा रहा है. जैसे ही उन्हें आदेश आता है तो सभी को वापस गंतव्यों के लिए भेज दिया जाएगा. तब तक श्रम विभाग की टीम तरफ से मजदूरों का विशेष ध्यान रखेगी. उन्होंने बताया कि मजदूरों के उनके खाने की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है. वहीं, नगर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मजदूरों की व्यथा को देखते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि एक तरफ प्रशासन गरीब असहाय लोगों के लिए खाने के पैकेट देने का दावा कर रहा है लेकिन ये लोग फिर कैसे भूखे हैं.

अल्मोड़ा: कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए पूरे देश में इन दिनो लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब मजदूरों पर देखने को मिल रहा है. अल्मोड़ा में भी लॉकडाउन के कारण बाहरी प्रदेशों से आये मजदूर परेशान हो चुके हैं. यह भूखे प्यासे मजदूर अब अपने घर वापस जाने को लेकर चिंतित हो रहे हैं, जिसके चलते आज अल्मोड़ा में बिहार, नेपाल समेत बाहरी राज्यों से आए सैकड़ो मजदूरों ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपने अपने घर वापिस जाने की इजाजत मांगी.

लॉकडाउन के चलते फंसे कई मजदूर.

जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे सैकड़ों की संख्या में मजदूरों का कहना है कि वह काम की तलाश को लेकर बिहार समेत अन्य राज्यों से यहां पहुंचे लेकिन महामारी को देखते हुए लॉकडाउन के बाद सारे काम ठप हो चुके हैं. हालात ये है कि काम धंधा न होने से उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो पा रहा है. मकान मालिक उनको किराए के लिए परेशान कर रहे हैं. यहां पहुंचे कई मजदूरों का कहना था कि उन्हें 2 दिनों से खाना नही मिला है वह भूखे प्यासे किसी तरह अपने घर वापस जाना चाहते हैं, इसलिए वह जिला अधिकारी से घर जाने की इजाजत लेने यहां पहुंचे हैं.

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वहीं, आज कलेक्ट्रेट परिसर में बिना सोशल डिस्टटिंग के ही सैकड़ों की संख्या में मजदूरों के एकत्रित होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया. भूख प्यास से तड़प रहे श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते रहे. करीब 3 से 4 घंटे तक यहां अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली. हालांकि, बाद में अव्यवस्था देख प्रशासन ने व्यवस्थाएं ठीक की और उनके नाम पते लेकर सभी को जल्द से जल्द घर वापसी का आश्वासन भी दिया.

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एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को चिन्हित किया जा रहा है. जैसे ही उन्हें आदेश आता है तो सभी को वापस गंतव्यों के लिए भेज दिया जाएगा. तब तक श्रम विभाग की टीम तरफ से मजदूरों का विशेष ध्यान रखेगी. उन्होंने बताया कि मजदूरों के उनके खाने की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है. वहीं, नगर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मजदूरों की व्यथा को देखते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि एक तरफ प्रशासन गरीब असहाय लोगों के लिए खाने के पैकेट देने का दावा कर रहा है लेकिन ये लोग फिर कैसे भूखे हैं.

Last Updated : Mar 29, 2020, 5:06 PM IST
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