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IMPCL ने पलायन की समस्या को देखते हुए सीएम से की मुलाकात, संघ ने रखी ये मांग

इंडियन मेडिसिन फार्मास्यूटिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. पहाड़ों से पलायन की गंभीर समस्या को देखते हुए विनिवेश प्रक्रिया को निरस्त किए जाने की मांग की है. जिससे पहाड़ों से पलायन की समस्या सुलझाई जा सके.

IMPCL ने विनिवेश प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की
IMPCL ने विनिवेश प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की
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Published : Mar 24, 2023, 8:21 AM IST

अल्मोड़ा: आईएमपीसीएल कर्मचारी संघ के संरक्षक भगवती प्रसाद जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात के दौरान कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखी. उन्हें बताया कि वर्तमान समय में विनिवेश मंत्रालय द्वारा निगम की विनिवेश प्रक्रिया की जा रही है. जो की पहाड़ों पर हो रहे पलायन का कारण बन रही है. इसलिये विनिवेश की प्रक्रिया का रोका जाना जरूरी है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि वह इस संबंध में केंद्रीय आयुष मंत्री से जल्द वार्ता करके समाधान निकालेंगे.आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा की स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी.यह आयुष मंत्रालय के अधीन शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक और यूनानी औषधियों के निर्माण का भारत सरकार का एकमात्र प्रतिष्ठान है.

बढ़ सकती है पलायन की समस्या: जोशी का कहना है कि विनिवेश को रोके जाने के संदर्भ में कई बार उनकी मंत्रियों से वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि 1978 से आईएमपीसीएल वहां स्थापित है और हर साल कंपनी प्रॉफिट में रहती है. उन्होंने बताया कि इस कंपनी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5 से 10 हजार लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर जड़ी-बूटियों, गोमूत्र, कंडे, स्टेशनरी की खरीद की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचता है. लेकिन यदि कंपनी का विनिवेश नहीं रोका जाता है तो इससे पलायन बढ़ जाएगा. उन्होंने मांग उठाई कि देश और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. इसलिए पिछड़े क्षेत्र में गरीब और कमजोर वर्गों के रोजगार और उत्तराखंड राज्य में पहाड़ों से पलायन की गंभीर समस्या को देखते हुए विनिवेश रोका जाना जरूरी है.
पढ़ें: मसूरी शिफन कोर्ट के बेघर लोगों का धरना स्थगित, हंस फाउंडेशन बनाएगा मकान

आईएमपीसीएल करता है नए स्टार्ट-अप को सपोर्ट: कर्मचारियों का कहना है कि आईएमपीसीएल द्वारा निर्मित इम्यूनिटी बूस्टर आयुष रक्षा किट संसद सदस्यों को, राज्य सरकार और देश के विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारियों आदि में वितरित की गई है. जोकि कोरोना महामारी के दौरान प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण का प्रसार रोकने में लाभकारी साबित हुई है. इसके साथ ही आईएमपीसीएल द्वारा छोटे और मझोले उद्योगों से प्राथमिकता के आधार पर सामग्री क्रय किया जाता है. और नए स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है. जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मजबूत कर रहा है, इन परिस्थितियों में मुनाफा देने के बावजूद कंपनी में विनिवेश प्रक्रिया की जा रही है, जिसका कर्मचारी संघ ने विरोध किया है.

अल्मोड़ा: आईएमपीसीएल कर्मचारी संघ के संरक्षक भगवती प्रसाद जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात के दौरान कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखी. उन्हें बताया कि वर्तमान समय में विनिवेश मंत्रालय द्वारा निगम की विनिवेश प्रक्रिया की जा रही है. जो की पहाड़ों पर हो रहे पलायन का कारण बन रही है. इसलिये विनिवेश की प्रक्रिया का रोका जाना जरूरी है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि वह इस संबंध में केंद्रीय आयुष मंत्री से जल्द वार्ता करके समाधान निकालेंगे.आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा की स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी.यह आयुष मंत्रालय के अधीन शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक और यूनानी औषधियों के निर्माण का भारत सरकार का एकमात्र प्रतिष्ठान है.

बढ़ सकती है पलायन की समस्या: जोशी का कहना है कि विनिवेश को रोके जाने के संदर्भ में कई बार उनकी मंत्रियों से वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि 1978 से आईएमपीसीएल वहां स्थापित है और हर साल कंपनी प्रॉफिट में रहती है. उन्होंने बताया कि इस कंपनी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5 से 10 हजार लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर जड़ी-बूटियों, गोमूत्र, कंडे, स्टेशनरी की खरीद की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भी लाभ पहुंचता है. लेकिन यदि कंपनी का विनिवेश नहीं रोका जाता है तो इससे पलायन बढ़ जाएगा. उन्होंने मांग उठाई कि देश और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. इसलिए पिछड़े क्षेत्र में गरीब और कमजोर वर्गों के रोजगार और उत्तराखंड राज्य में पहाड़ों से पलायन की गंभीर समस्या को देखते हुए विनिवेश रोका जाना जरूरी है.
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आईएमपीसीएल करता है नए स्टार्ट-अप को सपोर्ट: कर्मचारियों का कहना है कि आईएमपीसीएल द्वारा निर्मित इम्यूनिटी बूस्टर आयुष रक्षा किट संसद सदस्यों को, राज्य सरकार और देश के विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारियों आदि में वितरित की गई है. जोकि कोरोना महामारी के दौरान प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण का प्रसार रोकने में लाभकारी साबित हुई है. इसके साथ ही आईएमपीसीएल द्वारा छोटे और मझोले उद्योगों से प्राथमिकता के आधार पर सामग्री क्रय किया जाता है. और नए स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है. जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मजबूत कर रहा है, इन परिस्थितियों में मुनाफा देने के बावजूद कंपनी में विनिवेश प्रक्रिया की जा रही है, जिसका कर्मचारी संघ ने विरोध किया है.

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