अल्मोड़ा: कोरोनाकाल में जिले के अस्पतालों में रखे गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने से उनमें सरकार के खिलाफ आक्रोश है. उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर चिकित्सालयों में खाली पडे़ पदों पर उन्हें समायोजित करने की मांग की है. वहीं जल्द कार्रवाई ना हाेने पर 20 मार्च से धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
गौर हो कि कोविड महामारी के समय साल 2020 में जिले भर में शासन स्तर से वार्ड बॉय, पर्यावरण मित्र, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर तथा ऑक्सीजन प्लान्ट टेक्निशियन आदि कर्मचारी रखे गए. इन्हें जिले के विभिन्न चिकित्सालयों में तैनात किया गया. लेकिन अब इन सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. इससे पहले कार्मिकों के विरोध के कारण अक्टूबर 2022 में शासन स्तर से इनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाया गया था. वहीं अगले छह माह में सभी कार्मिकों को वहां खाली पदों के सापेक्ष विभाग में समायोजित करने का आश्वासन दिया गया. कर्मचारियों का आरोप है कि समायोजन करने के बजाय उन्हें फिर बाहर का रास्ता दिखाया गया है. इससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने कोविडकाल के प्रारंभ से वर्तमान तक लगातार अपनी सेवाएं दी हैं.
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लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ तीन माह व छह माह के विस्तारीकरण के अतिरिक्त कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड काल में अपना जीवन खतरे मे डाल कर उन्होंने कोरोना मरीजों की सेवा की है, जबकि उस समय मरीज के परिवार के लोग भी अपने मरीज को छूने तक के लिए तैयार नहीं रहते थे. ऐसे समय में उन्होंने चिकित्सालयों में सैंपलिंग, वैक्सीनेशन, टेस्टिंग आदि कार्य बहुत ही कम मानदेय में किए. कर्मचारियों ने जिलाधिकारी से सेवाओं का विस्तारीकरण करने एवं चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह 20 मार्च से कार्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे.